- पन्ना की सबसे सुंदर बाघिन टी-6 ने दिया शावकों को जन्म
- अपनी मां के साथ चहल-कदमी करते हुए दिखे चारों शावक
लम्बी घास के बीच अपने नन्हे शावकों के साथ बाघिन टी-6 |
।। अरुण सिंह ।।
पन्ना। मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व से फिर खुशखबरी मिली है। यहां बाघिन टी-6 ने अपने छठवें लिटर में 4 शावकों को जन्म दिया है। चारों शावक अपनी मां के साथ जंगल में चहल-कदमी करते हुए देखे गये हैं। क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व उत्तम कुमार शर्मा ने जानकारी देते हुए आज बताया कि शावकों के साथ बाघिन टी-6 की पहली फोटो शुक्रवार 26 मार्च को प्राप्त हुई है। शावकों की उम्र लगभग 2 से 3 माह की है, जो पूरी तरह से स्वस्थ हैं।
उल्लेखनीय है कि बाघ पुनर्स्थापना योजना के द्वितीय चरण में पेंच टाइगर रिजर्व की बाघिन टी-6 को 22 जनवरी 2014 में पन्ना लाया गया था। लाइट कलर (गोरे रंग) वाली इस बाघिन को पन्ना टाइगर रिजर्व में सबसे सुंदर बाघिन का रुतबा हासिल है। लगभग 10 वर्ष की हो चुकी इस खूबसूरत बाघिन ने पन्ना टाइगर रिजर्व में आकर यहां बाघों की वंश वृद्धि में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस बाघिन ने यहां अब तक 17 बाघ शावकों को जन्म दिया है। वर्ष 2014 में जब टी-6 को पन्ना लाया गया था तो उसे बाघों के लिए सबसे ज्यादा अनुकूल व प्रिय इलाके बलैया सेहा में छोड़ा गया था। लेकिन बाद में इस बाघिन ने पन्ना टाइगर रिजर्व के प्राकृतिक रूप से सबसे सुंदर क्षेत्र गहरीघाट रेंज को अपना ठिकाना बना लिया। मौजूदा समय बिना कॉलर वाली यह बाघिन इसी सुरक्षित वन क्षेत्र में अपने शावकों के साथ विचरण कर रही है।
तीन माह में हुआ 13 शावकों का जन्म
क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व उत्तम कुमार शर्मा ने चार नन्हे शावकों के जन्म पर खुशी का इजहार करते हुए बताया कि बीते 3 माह में यहां पर 13 शावकों का जन्म हुआ है, जो निश्चित ही पन्ना टाइगर रिजर्व के लिए गर्व और खुशी की बात है। आपने कहा कि आने वाले दिनों में यहां अन्य दूसरी बाघिन भी शावकों को जन्म देने वाली हैं। श्री शर्मा ने बताया कि इन चार शावकों के जन्म से पन्ना में बाघों का कुनबा 70 के पार जा पहुंचा है। मौजूदा समय पन्ना टाइगर रिज़र्व में वयस्क और शावकों सहित 75 के लगभग बाघ हैं। नन्हे शावकों के जन्म से पन्ना टाइगर रिजर्व में खुशी का माहौल है।
अपनी मां के साथ चहल - कदमी करते नन्हे शावकों का वीडियो -
00000
बहुत अच्छी सूचना है...। गहरे विषय पर आपका गहरा लेखन...।
ReplyDelete