Sunday, May 2, 2021

वन्य प्राणियों में भी कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा

  •  वन विभाग के मैदानी अमले को किया गया हाई अलर्ट 
  •  केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी

पन्ना टाइगर रिज़र्व में जल विहार करता बाघ परिवार। 

।। अरुण सिंह ।।

पन्ना। कोरोना वायरस के संक्रमण का कहर शहरों के साथ-साथ अब ग्रामों में भी दिखने लगा है। जिससे वन्य प्राणियों में भी संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। इस खतरनाक वायरस के संक्रमण से एक शेर के मौत की पुष्टि केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने की है तथा इसको लेकर सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की गई है। वन्य प्राणियों में संक्रमण के खतरे को देखते हुए मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में भी वन अमले को हाई अलर्ट किया गया है।

क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि कोरोना कर्फ्यू लगने के साथ ही 16 अप्रैल से पन्ना टाइगर रिजर्व में पर्यटकों के भ्रमण पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। आपने बताया कि हमारे यहां बाघों की सतत मॉनिटरिंग की व्यवस्था शुरू से ही लागू है। कैमरा ट्रैप से भी मॉनिटरिंग होती है, जिसकी वीकली रिपोर्ट हमारे पास आती है। श्री शर्मा ने बताया कि केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों को जारी की गई एडवाइजरी में संक्रमण से एक शेर की मौत का जिक्र है लेकिन यह मौत कहां हुई है इस बात का खुलासा नहीं किया गया। 

श्री शर्मा ने बताया कि पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में तीन गांव ढोढन, पलकोंहा व खरियानी आते हैं, जहां आवागमन पर पूरा नियंत्रण हमारे पास है। इन ग्रामों में बाहरी कोई भी व्यक्ति नहीं जा सकता। लेकिन पन्ना टाइगर रिजर्व की सीमा से सटे लगभग आधा सैकड़ा ग्रामों में विशेष निगरानी की जरूरत है, जिसके लिए वन अमले को जहां सतर्क किया गया है वहीं ग्रामीणों को भी इस बाबत जागरूक किया जा रहा है। आपने बताया की टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र में एक सैकड़ा से भी अधिक गांव हैं।

 45 के ऊपर सभी का हुआ वैक्सीनेशन 

क्षेत्र संचालक श्री शर्मा ने बताया कि पन्ना टाइगर रिजर्व के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों का वैक्सीनेशन हो चुका है, जो 45 वर्ष से ऊपर के हैं। मैदानी वन कर्मचारियों को मास्क और  सैनिटाइजर प्रदान किया जा रहा है। बफर क्षेत्र के ग्रामों में जो वन अमला रहता है, उन्हें संक्रमण से बचाव हेतु सभी जरूरी उपाय करने के दिशा निर्देश दिए गए हैं। श्री शर्मा ने बताया कि 45 वर्ष से कम आयु वाले वनकर्मियों जो मॉनिटरिंग के कार्य में रहते हैं, उन्हें वैक्सीन लगवाने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। श्री शर्मा ने लोगों से अपील की है कि वे वन्य प्राणियों के संपर्क में आने से बचें तथा बंदरों व अन्य वन्य प्राणियों को किसी भी तरह का खाद्य पदार्थ न खिलायें, ऐसा करना अपराध है।

जारी एडवाइजरी में क्या है दिशा निर्देश

 केंद्रीय वन मंत्रालय के डीआईजी (वन्य जीव) राकेश कुमार जगेनिया ने 30 अप्रैल को सभी राज्यों के टाइगर रिजर्व व संरक्षित वन क्षेत्रों को जो एडवाइजरी जारी की है, उसके मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं -

  •  नेशनल पार्क, सेंचुरी व संरक्षित वन क्षेत्रों में पर्यटन गतिविधि पर तत्काल रोक लगाई जाये।
  •  मानव से वन्य प्राणियों में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने तत्काल जरूरी उपाय अमल में लाएं।
  •  यह सुनिश्चित किया जाए कि वन क्षेत्रों में तैनात अमला कोरोना से संक्रमित न हो, उनकी रिपोर्ट नेगेटिव होनी चाहिए। कोरोना गाइडलाइन का पालन करें तथा मास्क का उपयोग करें।
  •  राष्ट्रीय उद्यान, सेंचुरी व संरक्षित क्षेत्रों में लोगों की आवाजाही पर रोक लगे।
  •  हालातों पर प्रभावी नियंत्रण हेतु कमेटी का गठन करें।
  •  यदि संक्रमण का कोई मामला पता चलता है तो उस वन्य प्राणी के समुचित इलाज की तत्काल व्यवस्था व ठीक होने पर उसे सुरक्षित उसके प्राकृतिक रहवास में छोडऩे के प्रबंध हों।
  •  संक्रमण पर प्रभावी रोक हेतु क्या कदम उठाए गए इसकी जानकारी केंद्रीय वन मंत्रालय को दें।

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2 comments:

  1. बहुत महत्वपूर्ण आलेख...। मैं इसे लेना चाहूंगा...।

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  2. बहुत महत्वपूर्ण आलेख...। मैं इसे लेना चाहूंगा...।

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