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उत्सव और मस्ती के त्यौहार होली की सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। |
नृत्य, खुशी, रंग, आनंद, उत्सव और मस्ती का सतरंगी त्यौहार है होली। कहते हैं कि ऐसा नृत्य करता उत्सवी पर्व पृथ्वी पर कहीं भी नहीं है। बच्चे, बूढ़े व जवान हर आयु वर्ग के लोग सदियों से इस त्यौहार को नाच गाकर उत्साह से मनाते रहे हैं। लेकिन इस अनूठे सतरंगी त्यौहार को अब न जाने क्या हो गया है कि ख़ुशी और उत्साह की जगह फिजां में डर और भय का माहौल है। अजीब सी आशंका लोगों के जेहन में है कि पता नहीं होली का दिन कैसा रहेगा। प्रेम, भाईचारा और शांति पूर्ण माहौल में उत्सव मनाने का भाव रखने वाले लोग ईश्वर से यही प्रार्थना कर रहे हैं कि सब कुछ अच्छा रहे। कहीं से भी कोई अप्रिय बात सुनने को न मिले। देश भर में यह पर्व हंसी और ख़ुशी के साथ मने तथा रंग और गुझियों की मिठास आपसी भाईचारे को और मजबूत करे।
गौरतलब है कि होली प्राचीन वार्षिक त्योहार है, जिसकी शुरुआत भारत से हुई थी। लेकिन अब इसे एशिया के कई अन्य हिस्सों में भी मनाया जाता है। भारतीय कैलेंडर के अनुसार होली फाल्गुन महीने की पूर्णिमा को मनाई जाती है, जो आज यानी 13 मार्च को है। यह एक रात और एक दिन तक चलता है, पूर्णिमा की शाम से शुरू होकर, पहली शाम को होलिका दहन (राक्षस होलिका का दहन) या छोटी होली के रूप में जाना जाता है और अगले दिन को होली, रंगवाली होली, धुलेटी, धुलंडी या फगवा के रूप में जाना जाता है।
होली वसंत के आगमन, सर्दियों के अंत, प्यार के खिलने का जश्न मनाती है और कई लोगों के लिए यह दूसरों से मिलने, खेलने और हंसने, भूलने और माफ़ करने और टूटे हुए रिश्तों को सुधारने का उत्सव का दिन है। यह एक बहुत ही चंचल त्योहार है। एक दिन के लिए लोग वास्तव में बहुत खुल जाते हैं, वे नाचते हैं, रंगों, पानी, फूलों से खेलते हैं, मिठाइयों का आनंद लेते हैं। एक दिन के लिए हर कोई अमीर या गरीब, युवा या बूढ़ा, पुरुष या महिला, हर कोई बस खुद को बहुत ही रंगीन तरीके से व्यक्त करता है। एक दिन के लिए हर कोई अपने नियमित जीवन के बारे में भूल जाता है। इस साल की होली भी हमेशा की तरह हंसी ख़ुशी और सौहाद्र पूर्ण माहौल में मनें, ऐसी कामना है। समूची प्रकृति भी इस समय सतरंगी उत्सव में डूबी नजर आ रही है, तो आइये हम भी अपनी सारी कटुता और गिले शिकवे भुलाकर इस उत्सव में सहभागी बनें।
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