Wednesday, May 14, 2025

अमलतास के अप्रतिम सौंदर्य को देख मंत्रमुग्ध हो रहे लोग

 

न्यायलय परिसर पन्ना में लगे अमलतास के पेड़ का मनमोहक द्रश्य।  

पन्ना। गर्मियों के इस मौसम में अमलतास के पेड़ों का सौंदर्य देखते ही बनता है। सुनहरे फूलों से लदे इसके पेड़ को देखकर मन जहाँ प्रफुल्लित हो जाता है, वहीं यह आँखों को भी सुकून देता है। सुनहरे फूलों की मालाओं से आच्छादित अमलतास के पेड़ पन्ना के जंगलों में खूब नजर आते हैं। पन्ना शहर से लगे चोपड़ा मंदिर मार्ग व बाईपास मार्ग पर भी अमलतास के फूलों से लदे कई पेड़ हैं, जो इन दिनों सुबह की सैर करने वाले लोगों व राहगीरों को सहज ही अपनी और आकर्षित कर रहे हैं। न्यायलय परिसर में लगे अमलतास के पेड़ों का अप्रतिम सौंदर्य ऐसा है कि लोग ठिठककर उन्हें निहारते हैं और प्रकृति के इस रूप से मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। 

अमलतास (वैज्ञानिक नाम: Cassia fistula) को "गोल्डन शॉवर ट्री" के नाम से भी जाना जाता है। इसकी सुनहरी फूलों की माला जैसी लटकती शाखाएँ इसे अत्यधिक आकर्षक बनाती हैं। यह भारत का एक पारंपरिक और औषधीय पेड़ है, जो अपनी खूबसूरती और उपयोगिता के लिए जाना जाता है। भारत में इसके वृक्ष प्राय: सब प्रदेशों में मिलते हैं। गर्मी (अप्रैल, मई) में पूरा पेड़ पीले फूलों के लंबे लंबे गुच्छों से भर जाता है। ऐसा माना जाता है कि फूल खिलने के बाद 45 दिन में बारिश होती हैं। इस कारण इसे गोल्डन शॉवर ट्री और इंडियन रेन इंडिकेटर ट्री भी कहा जाता है।

पन्ना शहर से लगे चोपड़ा मंदिर मार्ग पर जंगल में लगा अमलतास का पेड़।  

आयुर्वेद में बताया गया है कि इस वृक्ष के सब भाग औषधि के काम में आते हैं। कहा गया है, इसके पत्ते मल को ढीला और कफ को दूर करते हैं। फूल कफ और पित्त को नष्ट करते हैं। फली और उसमें का गूदा पित्तनिवारक, कफनाशक, विरेचक तथा वातनाशक है। फली के गूदे का आमाशय के ऊपर मृदु प्रभाव ही होता है, इसलिए दुर्बल मनुष्यों तथा गर्भवती स्त्रियों को भी विरेचक औषधि के रूप में यह दिया जा सकता है। 

अमलतास के फल के गूदे  का उपयोग अत्यंत लाभकारी बताया गया है। यह एक ऐसा पौधा है जो जंगलों में खुद-ब-खुद उगता है, लेकिन यह पेड़ औषधीय गुणों का भंडार है। यह सिर्फ एक आम पेड़ नहीं, बल्कि गठिया और पाइल्स जैसी तकलीफदेह बीमारियों के लिए किसी जादुई औषधि से कम नहीं है। 

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