- केरल के नीलांबुर फारेस्ट डिवीजन से मंगाया जायेगा जन्म का रिकॉर्ड
- गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने होगी पहल
पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बन चुकी उम्रदराज हथिनी वत्सला। फोटो - अरुण सिंह |
अरुण सिंह,पन्ना। म.प्र. के पन्ना टाइगर रिजर्व की धरोहर बन चुकी दुनिया की सबसे उम्रदराज हथिनी वत्सला का नाम गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने के प्रयास शुरू हो गये हैं।हथिनी वत्सला के जन्म का पूरा रिकॉर्ड केरल प्रान्त के नीलांबुर फारेस्ट डिवीजन से मगाया जायेगा। यह बात तीन दिवसीय दौरे पर पन्ना आये प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी शहवाज अहमद ने शनिवार को सायं चर्चा के दौरान कही। मालुम हो कि केरल के नीलांबुर फारेस्ट डिवीजन में जन्मी व पली - बढ़ी यह हथिनी 1972 में वहाँ से होशंगाबाद के बोरी अभ्यारण्य में लाई गई थी। इसके बाद वहाँ से यह हथिनी वर्ष 1992 में पन्ना टाइगर रिजर्व पहुंची। तभी से यह यहाँ की शोभा बढ़ा रही है।
उल्लेखनीय है कि लगभग सौ वर्ष की उम्र पार कर चुकी हथिनी वत्सला का उपयोग पन्ना टाइगर रिजर्व में पूरे डेढ़ दशक तक यहाँ आने वाले पर्यटकों को बाघों का दीदार कराने के लिये किया जाता रहा है। लेकिन अत्यधिक उम्रदराज होने के कारण इसे आराम की जिंदगी गुजारने के लिये रिटायर कर दिया गया। रिटायरमेंट के बाद से हथिनी वत्सला की पूरी देखरेख की जा रही है। उम्र को देखते हुये वत्सला को जहाँ सुगमता से पचने वाला आहार दिया जाता है,वहीं नियमित रूप से स्वास्थ्य परीक्षण भी होता है। पन्ना टाइगर रिजर्व के वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. एस.के. गुप्ता ने बताया कि टाइगर रिजर्व के ही एक नर हांथी ने वर्ष 2003 और 2008 में दो मर्तवे प्राण घातक हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। मदमस्त नर हांथी ने दांतों से प्रहार कर वत्सला का पेट चीर दिया था।लेकिन बेहतर उपचार और सेवा से इस बुजुर्ग हथिनी को मौत के मुंह में जाने से बचा लिया गया। मौजूदा समय यह हथिनी देशी व विदेशी पर्यटकों लिये जहाँ आकर्षण का केंद्र है,वहीं पन्ना टाइगर रिजर्व के लिये भी किसी अनमोल धरोहर से कम नहीं है। पीसीसीएफ श्री अहमद ने बताया कि वत्सला का जन्म रिकॉर्ड नीलांबुर से मंगाने के निर्देश उन्होंने दिये हैं। यदि जरूरत पड़ी तो पन्ना टाईगर रिजर्व के वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ संजीव गुप्ता को रिकॉर्ड लाने के लिये नीलांबुर भेजा जायेगा ताकि वत्सला की उम्र कितनी है,इसकी प्रामाणिक रूप से पुष्टि हो सके।वत्सला के शतायु होने का पन्ना में उत्सव मनाने के साथ ही गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने की भी पहल की जायेगी ताकि वत्सला को दुनिया की सबसे बुजुर्ग हथिनी का गौरव हासिल हो सके।
हांथी की 50 से 70 वर्ष होती है औसत उम्र
पन्ना टाईगर रिजर्व के वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव गुप्ता जो वत्सला की बीते 18 वर्षो से चिकित्सकीय देखरेख कर रहे हैं, उन्होंने बताया कि हांथी की औसत उम्र 50 से 70 वर्ष होती है। 70 वर्ष की उम्र तक हांथी के दांत गिर जाते हैं।आपके मुताबिक वर्ष 2000 में जब उन्होंने देखा था तो वत्सला के एक भी दांत नहीं थे। जबकि महावत का कहना था कि 1995 के बाद वत्सला दांतविहीन हो चुकी थी। दुनिया का सबसे अधिक उम्र का लिन वांग नाम का हांथी ताइवान के चिडिय़ाघर में था जिसकी 86 वर्ष की उम्र में मृत्यु हो चुकी है। इस तरह से वत्सला जो 95 वर्ष से भी अधिक उम्र की है उसे सबसे उम्रदराज हथिनी कहा जा रहा है।00000
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