Monday, January 27, 2025

ढ़ाई साल में ही बदल गई पन्ना जिले के दिया गाँव की तस्वीर

  •  सरपंच बने पूर्व फौजी की इच्छा शक्ति ने किया कायाकल्प 
  •  अपने अनूठे कार्यों के लिए अब मिसाल बन चुका है यह गाँव 

पन्ना जिले की ग्राम पंचायत दिया जो इन दिनों अपने रचनात्मक कार्यों व अभिनव प्रयोगों के लिए चर्चा में है। 

।। अरुण सिंह ।।

पन्ना। मध्यप्रदेश के पन्ना जिले का दिया गाँव अपने अनूठे कार्यों और नवाचारों के लिए चर्चा में है। ढ़ाई साल के अल्प समय में ही इस गाँव की तकदीर व तस्वीर दोनों बदल गई है। अब यह गाँव पूरे जिले के लिए एक मिसाल बन चुका है। एक पूर्व फौजी की द्रढ़ इच्छा शक्ति और सकारात्मक सोच ने यह कमाल किया है, जिसकी हर कोई तारीफ कर रहा है। 

सरपंच बने पूर्व फौजी रामशिरोमणि सिंह लोधी को गाँव में किये गए अनूठे कार्यों और नवाचारों के लिए 26 जनवरी के मुख्य समारोह में प्रभारी मंत्री इंदर सिंह परमार द्वारा सम्मानित किया गया है। यह पहला अवसर है जब जिले की 386 ग्राम पंचायतों में से किसी पंचायत के सरपंच को गणतंत्र दिवस के अवसर पर इस तरह सम्मानित किया गया है, जो गौरव की बात है। इससे निश्चित ही जिले व प्रदेश की अन्य पंचायतों को प्रेरणा मिलेगी। 

जिला मुख्यालय से लगभग 45 किमी. दूर पन्ना जिले की सीमा में स्थित ग्राम पंचायत दिया की हालत ढ़ाई साल पूर्व तक बेहद दयनीय थी। तक़रीबन 6 हजार की आबादी व 2500 मतदाता वाली इस पंचायत के लोगों को मूलभूत सुविधाओं के लिए भी मोहताज रहना पड़ता था। शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ लोगों को सुगमता से नहीं मिल पाता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है, अब शासन की योजनाओं का लाभ जहाँ सुगमता से हर पात्र को मिल रहा है वहीं गाँव का भी कायाकल्प हो गया है।        

 26 जनवरी के मुख्य समारोह में प्रभारी मंत्री इंदर सिंह परमार सरपंच को सम्मानित करते हुए। 

ग्राम पंचायत के सरपंच 46 वर्षीय पूर्व फौजी रामशिरोमणि सिंह लोधी बताते हैं कि हमारी पंचायत में नल जल योजना संचालन के लिए ऑटो मेंसन लगाया गया है। विभिन्न प्रकार के सेसंर के माध्यम से मोबाइल फोन से ही पूरा सिस्टम कमांड हो रहा है, बिना पढ़ा लिखा युवक घर बैठे ही पेयजल सप्लाई व्यवस्था को ऑपरेट कर लेता है। पानी की टंकी का लेवल, मोटर पंप को चालू करना एवं बंद करना तथा ओवर फ्लो होने पर अलार्म बजाना इत्यादि प्रकार की सुविधा ऑटोमेशन डिवाइस पर उपलब्ध हैं, जो इस पंचायत में हो रहा है।  

वे आगे बताते हैं कि पंचायत में बेटी पढ़ाओ - बेटी बचाओ अभियान के तहत पंचायत की तरफ से प्रत्येक बेटी का जन्म दिन मनाने के साथ जन्म दिन पर वृक्षारोपण करवाया जाता है। पंचायत क्षेत्र की बेटियों को स्कूल भेजने के लिए भी प्रेरित किया जाता है। स्कूलों में स्वच्छता,बेहतर शिक्षा व स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जाता है। पंचायत के सभी स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्रों का अवलोकन भी समय-समय पर किया जाता है। पंचायत में स्वयं का जन् पुस्तकालय भी उपलब्ध है, इसके अलावा तीन निःशुल्क कोचिंग सेंटर भी चल रहे हैं। शालाओं में व्यायाम के लिए पूर्व में मशीनें आई थीं जो कबाड़ में पड़ी थीं। उन मशीनों को ठीक कराकर तथा अतिरिक्त व्यवस्था करके पंचायत में स्वयं का जिम भी उपलब्ध है, जिसका लाभ बच्चों को मिल रहा है।  

पंचायत भवन के सभा कक्ष में विकास कार्यों के संबंध में चर्चा करते सरपंच रामशिरोमणि सिंह लोधी। 

पंचायत में 13 छोटे बड़े परकुलेशन टैंक बनवाकर किसानों की असिंचित जमीन को सिंचित रकबे में कन्वर्ट किया गया है। इसके साथ ही पंचायत द्वारा 6 कुओ का निर्माण करवाया गया है जिससे कई किसान लाभान्वित हुए हैं। पंचायत में स्वयं की नर्सरी होने के कारण निशुल्क वृक्षारोपण को बढ़ावा दिया जाता है। पंचायत में तीन जगह वृक्षारोपण करवाकर पर्यावरण को संतुलित करने का भी काम किया जा रहा है। पंचायत में अभी तक 183 परिवारों को विभिन्न योजनाओं के तहत खाद्यान्न पर्ची उपलब्ध कराकर गरीब परिवारों को भोजन की व्यवस्था करवाई गई है। 57 गरीब पात्र हितग्राहियों को वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन एवं दिव्यांग पेंशन दिलवाकर उनकी जीविका का साधन बनवाया गया है। पंचायत में 118 लोगों का संबल और सरनिर्माण कार्ड बनाकर हितग्राहियों को लाभ पहुंचाया गया है।  पंचायत में 70 प्लस के 98 आयुष्मान कार्ड भी बनवाए गए हैं। 

पंचायत में मध्य प्रदेश शासन द्वारा संचालित 36 प्रकार की योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए जन शिविर का आयोजन भी करवाया गया है। खेती में सुधार कैसे हो इसके लिए पन्ना कृषि विज्ञान केंद्र से वैज्ञानिकों को लाकर प्रशिक्षण दिलवाया गया है। स्वयं सेवी संस्था समर्थन के सहयोग से किसानों को जैविक खेती के साथ ही मोटे अनाजों (मिलट) के उत्पादन हेतु प्रेरित किया जा रहा है। पंचायत में इस वर्ष प्राकृतिक व मोटे अनाज की खेती 42 किसानों द्वारा करवाई गई है। घरों में किचेन गार्डेन के लिए भी महिलाओं को प्रेरित किया गया है, फलस्वरूप अधिकांश लोग अपने घरों की खाली पड़ी जमींन में किचेन गार्डेन लगा रहे हैं। पंचायत का विकास कैसे हो इसके लिए समय-समय पर ग्राम सभाएं, मासिक बैठक एवं पंचायत की बैठक आयोजित होती है। जिसमें सभी पंचायत के सदस्यों एवं पंचों का योगदान रहता है।

 फौजी के सरपंच बनने की कहानी, उन्ही की जुबानी 

पूरे 20 साल तक फ़ौज में रहकर देश की सेवा करने वाले सैनिक रामशिरोमणि सिंह लोधी का जीवन भी प्रेरणादायी है। वे बताते हैं कि पन्ना में रहकर ही उन्होंने शिक्षा ग्रहण की और छत्रसाल महाविद्यालय से एम.ए. की डिग्री हासिल की। उसी दौरान फ़ौज की भर्ती शुरू हुई, जिसमें मैंने भी हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि पन्ना के जिस पुलिस परेड ग्राऊंड में 26 जनवरी को प्रभारी मंत्री द्वारा मुझे सम्मानित किया गया है, उसी ग्राउंड में फ़ौज के लिए मेरा चयन हुआ था। 23 अप्रैल 2000 को मेरा चयन हुआ, फलस्वरूप 2020 तक मैंने पूरी निष्ठां और मनोयोग के साथ अपनी सेवाएं सेना व देश को प्रदान की। सेवाकाल में मुझे 2 मैडल, 10 अवार्ड तथा 84 रिवॉर्ड मिले। 

ग्राम पंचायत दिया के अंतर्गत आने वाले गाँव कोठीटोला निवासी रामशिरोमणि सिंह लोधी बताते हैं कि फ़ौज से सेवानिवृत्त होने के उपरांत जब गाँव लौटा तो यहाँ की दयनीय स्थिति को देख काफी विचलित हुआ। तभी मैंने तय किया कि देश सेवा के बाद अब अपने जन्मभूमि की सेवा करूँगा। इस तरह मैं जून 2022 में सरपंच बन गया और निरंतर अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन में जुटा हुआ हूँ। पूर्व फौजी व वर्तमान सरपंच का कहना है कि यदि सकारात्मक सोच व द्रढ़ इच्छा शक्ति हो तो पांच साल में हर गाँव का कायाकल्प हो सकता है। 

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