- पन्ना टाइगर रिज़र्व के बड़गड़ी बाड़े में है यह बाघिन
- मुख्यमंत्री डॉ. यादव 10 मार्च को करेंगे इसे रिलीज
।। अरुण सिंह ।।
पन्ना। मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर की युवा बाघिन को अब अपना नया आशियाना शिवपुरी जिले के माधव टाइगर रिज़र्व में बनाना होगा। पन्ना की इस बाघिन को विगत 5 मार्च को ट्रेंकुलाइज कर बड़गड़ी स्थित बाड़े में रखा गया है, जिसे 10 मार्च को प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव माधव टाइगर रिज़र्व के जंगल में स्वच्छंद विचरण हेतु रिलीज करेंगे। इससे पहले 13 मार्च 2023 को भी पन्ना टाइगर रिज़र्व की दो साल की बाघिन पी-141 (12) को माधव टाइगर रिज़र्व में भेजा जा चुका है।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले के माधव नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया गया है। माधव टाइगर रिजर्व प्रदेश का 9वां टाइगर रिजर्व होगा। नए घोषित माधव टाइगर रिजर्व में आगामी 10 मार्च को दो बाघ छोड़े जाएंगे, सीएम डॉ. मोहन यादव ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया में साझा की है। जानकारी के मुताबिक इस नए माधव टाइगर रिजर्व का कोर क्षेत्र 375 वर्ग किलोमीटर व बफर क्षेत्र 1276 वर्ग किलोमीटर तथा कुल क्षेत्रफल 1751 वर्ग किलोमीटर होगा।
सीएम डॉ. मोहन यादव ने अपने X अकाउंट पर लिखा- देश के टाइगर स्टेट ‘मध्यप्रदेश’ के लिए अत्यंत प्रसन्नता का विषय है कि माधव राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व घोषित किया जा रहा है, जिससे निश्चित ही संपूर्ण क्षेत्र में पर्यटन उद्योग को और बढ़ावा मिलेगा।
सीएम ने आगे लिखा- एनटीसीए भारत सरकार से दो अतिरिक्त बाघ, जिसमें एक नर और एक मादा बाघ लाने की स्वीकृति दी गई है, जो 10 मार्च, 2025 को माधव टाइगर रिजर्व में छोड़े जाएंगे। इस प्रकार माधव टाइगर रिजर्व के कुल बाघों की संख्या सात हो जाएगी। इनमें पांच वयस्क बाघ (दो नर और तीन मादा) और दो शावक होंगे। पन्ना टाइगर रिजर्व और रणथंभौर टाइगर रिजर्व के बीच में स्थित माधव टाइगर रिजर्व बनाए जाने से सम्पूर्ण क्षेत्र में वन्यजीव एवं बाघों का संरक्षण प्रभावी ढंग से हो सकेगा।
माधव नेशनल पार्क को 1958 में मिला था राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा
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पन्ना टाइगर रिज़र्व की युवा बाघिन जिसे 13 मार्च 2023 को माधव नेशनल पार्क भेजा गया था। |
शिवपुरी जिले में स्थित माधव नेशनल पार्क को 1958 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिला था। यह मुगल सम्राटों और महाराजाओं का शिकारगाह था। जंगल में नीलगाय, चिंकारा और चौसिंगा और हिरण जैसे चीतल, सांभर और बार्किंग हिरण जैसे मृग रहते हैं। तेंदुए, भेड़िया, सियार, लोमड़ी, जंगली कुत्ता, जंगली सुअर, साही, अजगर आदि जानवर भी पार्क में देखे जाते हैं। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य-जीव) एल. कृष्णमूर्ति के मुताबिक मध्यप्रदेश सरकार द्वारा की गयी संरक्षण पहल माधव राष्ट्रीय उद्यान और कूनो राष्ट्रीय उद्यान में वन्य-जीव प्रबंधन को मजबूत करेगी। इससे स्थानीय समुदायों को अपेक्षित ईको-टूरिज्म का लाभ मिलेगा और क्षेत्र का विकास होगा।
टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश में हैं 785 बाघ
माधव नेशनल पार्क से पहले मध्य प्रदेश में आठ टाइगर रिजर्व हैं। ये टाइगर रिजर्व कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, पन्ना, सतपुड़ा, संजय दुबरी, नौरादेही और रातापानी हैं। मध्य प्रदेश में देश के सबसे ज्यादा टाइगर हैं और इसे टाइगर स्टेट का दर्जा मिला हुआ है। वर्ष 2022 की गणना के मुताबिक यहां 785 बाघ हैं। वर्ष 2018 में यह संख्या 526 थी। मध्य प्रदेश में बाघों की संख्या बढ़ने की वजह से यहां वन्य जीवों के आशियाने तेजी से बढ़ रहे हैं।
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