Tuesday, January 29, 2019

पन्ना बफर क्षेत्र में पर्यटन हेतु खुलेगा अकोला गेट

  •   पन्नावासियों द्वारा लम्बे समय से की जा रही थी माँग
  •   पर्यटक अब बफर क्षेत्र के जंगल में भी कर सकेंगे भ्रमण
  •   पहले दिन 30 जनवरी को रहेगा प्रवेश नि:शुल्क


 पन्ना बफर क्षेत्र का अकोला प्रवेश द्वार जहां से पर्यटक भ्रमण हेतु जा सकेंगे। 
 अरुण सिंह द्वारा -
पन्ना, 29 जनवरी 2019। म.प्र. के पन्ना जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिय पन्ना टाईगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा एक नई शुरूआत की जा रही है। पन्ना टाईगर रिजर्व के कोर क्षेत्र से लगे बफर जोन के जंगल में 30 जनवरी से पर्यटक भ्रमण कर सकेंगे। इसके लिये पन्ना-अमानगंज मार्ग पर स्थित अकोला गेट पर्यटकों के लिये खोला जा रहा है, जिसकी पूरी तैयारी की जा चुकी है। अकोला गेट से भ्रमण हेतु पहले दिन बुधवार 30 जनवरी को सभी के लिये प्रवेश नि:शुल्क रखा गया है।
इस अभिनव पहल के बारे में जानकारी देते हुये क्षेत्र संचालक पन्ना टाईगर रिजर्व के.एस. भदौरिया ने बताया कि पन्ना के लोग विगत लम्बे समय से अकोला गेट से पर्यटन शुरू किये जाने की माँग कर रहे थे। बीते माह भोपाल से उच्च अधिकारियों के पन्ना आने पर भी अकोला गेट शुरू करने का मामला उठाया गया था। जिसे दृष्टिगत रखते हुये यहां से पर्यटन शुरू करने का निर्णय लिया गया है। श्री भदौरिया ने बताया कि सुबह 6 बजे से 11 बजे तक और शाम को 3 बजे से 6 बजे तक पर्यटक बफर जोन के जंगल का भ्रमण कर वन्य प्राणियों का दीदार कर सकेंगे। आपके मुताबिक अकोला गेट से पर्यटन शुरू होने पर यहां मवेशियों और ग्रामीणों के प्रवेश पर रोक लगेगी, जिससे यहां जैविक दवाब कम होगा। ऐसा होने पर बफरजोन के इस जंगल में जैव विविधता बढेगी और वनों का घनत्व भी बढ़ेगा। क्षेत्र संचालक श्री भदौरिया ने बताया कि अकोला गेट से पर्यटन बढऩे पर इसका लाभ स्थानीय लोगों को भी मिलेगा। इतना ही नहीं क्षेत्र में वन्य प्राणियों की सुरक्षा और वन्य प्राणी प्रबंधन का कार्य बेहतर ढंग से संभव होगा, जिससे वन क्षेत्र में वन्य प्राणियों का रहवास विकसित होगा। आपने बताया कि अकोला बफर जोन में पर्यटन से जो भी आय होगी, उसका उपयोग वन्य प्राणी प्रबंधन में किया जायेगा। श्री भदौरिया ने कहा कि अकोला गेट शुरू करने को लेकर पूर्व में जो गतिरोध उत्पन्न हुये थे, उनका निराकरण कर लिया गया है। अब यहां से पर्यटन शुरू करने पर किसी भी तरह का कोई गतिरोध व समस्या नहीं होगी।

पर्यटन का उप संचालक ने किया था विरोध

मालुम हो कि अकोला गेट से पर्यटन शुरू किय जाने की योजना का पन्ना टाईगर रिजर्व की डिप्टी डायरेक्टर वासु कनौजिया ने पुरजोर विरोध किया था। इस तेज तर्रार वन अधिकारी ने क्षेत्र संचालक के.एस. भदौरिया के इस निर्णय का न सिर्फ विरोध किया था अपितु उन्होंने मामले की शिकायत एनटीसीए से भी की थी। उनका कहना था कि पन्ना टाईगर रिजर्व में मौजूदा समय 42 से भी अधिक बाघ हैं जो कोर और बफर क्षेत्र में स्वच्छन्द रूप से विचरण कर रहे हैं। इनमें से अधिकांश बाघों का विचरण क्षेत्र पन्ना कोर के साथ ही बफर क्षेत्र के अकोला, अमझिरिया, बांधी, बराछ व झलाई बीटों में रहता है। यह पूरा इलाका बाघों के नजरिये से काफी संवेदनशील क्षेत्र है, ऐसी स्थिति में इस बफर क्षेत्र को पर्यटन जोन बनाया जाना उचित नहीं होगा।

कोर जैसी करनी है बफर की सुरक्षा: भदौरिया


क्षेत्र संचालक के.एस. भदौरिया
पन्ना टाईगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में जिस तरह की सुरक्षा व्यवसा है ठीक वैसी ही व्यवस्था बफर क्षेत्र में भी करने की योजना है, जिस पर हमने अमल शुरू कर दिया है। क्षेत्र संचालक के.एस. भदौरिया ने बताया कि वन्य प्राणियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा शिकार की घटनाओं में प्रभावी रोक लगाने के लिये बफर क्षेत्र में 54 नये कैम्प शुरू किये हैं। वनकर्मियों की कमी को देखते हुये इन कैम्पों में समिति के लोगों का उपयोग किया जा रहा है। शिकार की बढ़ती घटनाओं की ओर ध्यान आकृष्ट कराये जाने पर क्षेत्र संचालक ने कहा कि पहले भी शिकार की घटनायें होती थीं, लेकिन पता नहीं चलता था। अब मामले न सिर्फ प्रकाश में आ रहे हैं अपितु पकड़े भी जा रहे हैं।
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