Saturday, March 8, 2025

अपने अधिकार के लिए महिलाओं को स्वयं आगे आना होगा : समीना यूसुफ़

  • आत्मनिर्भर होने पर गाँव की महिलाएं अपनी बात खुल कर बेझिझक रखने लगीं  
  • पृथ्वी ट्रस्ट और विकास संवाद ने संयुक्त रूप से मनाया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस


पन्ना। सामाजिक संस्था पृथ्वी ट्रस्ट एवं विकास संवाद ने बृजपुर के ग्राम धनौजा में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन किया| इस आयोजन में 25 गाँव से चार चार महिलाओं की भागीदारी हुई, जिन्होंने अपने गाँव एवं परिवार को आगे बढाने के लिए संघर्ष किया। 

विगत बर्षों की तरह इस बर्ष भी पृथ्वी ट्रस्ट ने गाँव में जाकर दस्तक महिला समूहों के साथ अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन किया जिसमे महिलाओं को आगे बढ़ने और सशक्त बनाने हेतु संवाद किया गया। इस आयोजन में गाँधी ग्राम की तिरसिया बाई ने अपने बात रखते हुए कहा कि  जब मेरे पति की मृत्यु हुई तो मुझे लगा कि मेरे 2 बेटे और 1 बेटी है, कैसे परिवार आगे चलेगा। पढाई लिखाई का क्या होगा, लेकिन संस्था की मदद से आज में खुद अपने क्षेत्र की कई महिलाओं को मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण दे रही हूँ और अपने घर में मशरूम उगाकर परिवार की आजीविका चला रही हूँ। 

कार्यक्रम में पृथ्वी ट्रस्ट से समीना युसुफ ने कहा की हम लगातार आप सभी के गाँव में पोषण, शिक्षा  स्वास्थ्य एवं आजीविका के बिषय में काम करते हैं।  इस काम को करते करते संस्था को लगभग 10 बर्ष हो चुका है। पहले और अब में मुझे खूब अंतर दिखाई देता है, महिलाओं में झिझक, शर्म, डर एवं असहजता का माहोल दिखाई देता था और आज आप सब अपनी बात खुल कर बेझिझक रख रहे हैं। हमारे लिए यही सशक्तिकरण है। हम कह सकते हैं कि  महिलाएं अब सशक्त हो रही हैं लेकिन इस स्थिति को बनाये रखना है और अपने अधिकार को जानना है। इन्होने संबिधान पर चर्चा करते हुए कहा कि ये सब अधिकार हमे संबिधान ने दिए हैं इसीलिए अपने घरों के नवयुवकों को संवैधानिक मूल्यों पर संवाद करने के लिए प्रेरित करना होगा।

कार्यक्रम में विकास संवाद से वैशाली सिंह बंजारा ने कहा कि हम सब मिल कर प्रतिबर्ष अलग अलग गाँव में दस्तक महिला समूहों के साथ मिलकर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन करते हैं। इस आयोजन का मकसद होता है कि जिन महिलाओं ने बेहतर काम किया है, उनका सम्मान करे और महिला साथियों को प्रोत्साहित करें ताकि उन्हें देखकर अन्य महिलाये भी प्रेरित हों |

कार्यक्रम का सफल संचालन बबली अहिरवार ने किया एवं कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए दस्तक महिला समूह ग्राम धनौजा की अध्यक्ष रजनी गौंड, युवा साथी आनंद गौंड, दुर्गेश गौंड, देविका राजगौंड एवं राधा गौंड की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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माधव टाइगर रिज़र्व होगा पन्ना की युवा बाघिन का नया आशियाना

  • पन्ना टाइगर रिज़र्व के बड़गड़ी बाड़े में है यह बाघिन 
  • मुख्यमंत्री डॉ. यादव 10 मार्च को करेंगे इसे रिलीज 


।। अरुण सिंह ।।

पन्ना। मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर की युवा बाघिन को अब अपना नया आशियाना शिवपुरी जिले के माधव टाइगर रिज़र्व में बनाना होगा। पन्ना की इस बाघिन को विगत 5 मार्च को ट्रेंकुलाइज कर बड़गड़ी स्थित बाड़े में रखा गया है, जिसे 10 मार्च को प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव माधव टाइगर रिज़र्व के जंगल में स्वच्छंद विचरण हेतु रिलीज करेंगे। इससे पहले 13 मार्च 2023 को भी पन्ना टाइगर रिज़र्व की दो साल की बाघिन पी-141 (12) को माधव टाइगर रिज़र्व में भेजा जा चुका है। 

उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले के माधव नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया गया है। माधव टाइगर रिजर्व प्रदेश का 9वां टाइगर रिजर्व होगा। नए घोषित माधव टाइगर रिजर्व में आगामी 10 मार्च को दो बाघ छोड़े जाएंगे, सीएम डॉ. मोहन यादव ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया में साझा की है। जानकारी के मुताबिक इस नए माधव टाइगर रिजर्व का कोर क्षेत्र 375 वर्ग किलोमीटर व बफर क्षेत्र 1276 वर्ग किलोमीटर तथा कुल क्षेत्रफल 1751 वर्ग किलोमीटर होगा।


सीएम डॉ. मोहन यादव ने अपने X अकाउंट पर लिखा- देश के टाइगर स्टेट ‘मध्यप्रदेश’ के लिए अत्यंत प्रसन्नता का विषय है कि माधव राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व घोषित किया जा रहा है, जिससे निश्चित ही संपूर्ण क्षेत्र में पर्यटन उद्योग को और बढ़ावा मिलेगा।

सीएम ने आगे लिखा- एनटीसीए भारत सरकार से दो अतिरिक्त बाघ, जिसमें एक नर और एक मादा बाघ लाने की स्वीकृति दी गई है, जो 10 मार्च, 2025 को माधव टाइगर रिजर्व में छोड़े जाएंगे। इस प्रकार माधव टाइगर रिजर्व के कुल बाघों की संख्या सात हो जाएगी। इनमें पांच वयस्क बाघ (दो नर और तीन मादा) और दो शावक होंगे। पन्ना टाइगर रिजर्व और रणथंभौर टाइगर रिजर्व के बीच में स्थित माधव टाइगर रिजर्व बनाए जाने से सम्पूर्ण क्षेत्र में वन्यजीव एवं बाघों का संरक्षण प्रभावी ढंग से हो सकेगा।

माधव नेशनल पार्क को 1958 में मिला था राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा


पन्ना टाइगर रिज़र्व की युवा बाघिन जिसे 13 मार्च 2023 को माधव नेशनल पार्क भेजा गया था। 

शिवपुरी जिले में स्थित माधव नेशनल पार्क को 1958 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिला था। यह मुगल सम्राटों और महाराजाओं का शिकारगाह था। जंगल में नीलगाय, चिंकारा और चौसिंगा और हिरण जैसे चीतल, सांभर और बार्किंग हिरण जैसे मृग रहते हैं। तेंदुए, भेड़िया, सियार, लोमड़ी, जंगली कुत्ता, जंगली सुअर, साही, अजगर आदि जानवर भी पार्क में देखे जाते हैं। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य-जीव) एल. कृष्णमूर्ति के मुताबिक मध्यप्रदेश सरकार द्वारा की गयी संरक्षण पहल माधव राष्ट्रीय उद्यान और कूनो राष्ट्रीय उद्यान में वन्य-जीव प्रबंधन को मजबूत करेगी। इससे स्थानीय समुदायों को अपेक्षित ईको-टूरिज्म का लाभ मिलेगा और क्षेत्र का विकास होगा।

टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश में हैं 785 बाघ

माधव नेशनल पार्क से पहले मध्य प्रदेश में आठ टाइगर रिजर्व हैं। ये टाइगर रिजर्व कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, पन्ना, सतपुड़ा, संजय दुबरी, नौरादेही और रातापानी हैं। मध्य प्रदेश में देश के सबसे ज्यादा टाइगर हैं और इसे टाइगर स्टेट का दर्जा मिला हुआ है। वर्ष 2022 की गणना के मुताबिक यहां 785 बाघ हैं। वर्ष 2018 में यह संख्या 526 थी। मध्य प्रदेश में बाघों की संख्या बढ़ने की वजह से यहां वन्य जीवों के आशियाने तेजी से बढ़ रहे हैं।

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Friday, March 7, 2025

सौहार्द्रपूर्वक माहौल में भाईचारा के साथ मनाएं समस्त त्यौहार : कलेक्टर

  • जिला स्तरीय शांति समिति की बैठक में व्यवस्थाओं के संबंध में हुई चर्चा
  • 13 मार्च को रात्रि 10 बजे तक अनिवार्य रूप से होलिका दहन करने के निर्देश 



पन्ना। आगामी दिवसों में होली, ईद-उल-फितर, नवदुर्गा महोत्सव एवं रामनवमी सहित अन्य त्यौहारों के दौरान आवश्यक व्यवस्थाओं के संबंध में शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला स्तरीय शांति समिति की बैठक हुई। इस मौके पर सभी पर्व एवं त्यौहार को शांति एवं परस्पर सौहार्द्रपूर्ण माहौल में भाईचारे के साथ मनाए जाने के संबंध में समिति के सदस्यों से चर्चा की गई। इस दौरान आवश्यक सुझाव प्राप्त कर श्रद्धालुओं एवं आम नागरिकों की सुविधाओं के संबंध में भी विचार विमर्श किया गया। बैठक में कलेक्टर सुरेश कुमार सहित पुलिस अधीक्षक सांई कृष्ण एस थोटा, नगर पालिका परिषद पन्ना की उपाध्यक्ष आशा गुप्ता एवं संबंधित विभाग के अधिकारीगण व शांति समिति के सदस्य उपस्थित रहे।

जिला कलेक्टर ने आगामी त्यौहारों के दृष्टिगत आयोजित शांति समिति की बैठक में कहा कि 13 मार्च को शहर में वार्डवार कई स्थानों पर होलिका दहन के लिए विभागीय अधिकारी आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित करें। रात्रि 10 बजे तक अनिवार्य रूप से होलिका दहन कर लिया जाए। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि प्रतिमा की स्थापना मुख्य चौराहों पर न हो और आवागमन में कोई व्यवधान उत्पन्न न हो। उन्होंने सभी पर्वों के दौरान पुलिस बल के चिन्हांकन और साफ-सफाई व्यवस्था, सुचारू रूप से पानी की सप्लाई तथा निर्बाध विद्युत आपूर्ति सहित एम्बुलेंस एवं मेडिकल टीम की तैनाती, अग्नि दुर्घटना से बचाव के लिए फायर ब्रिगेड की उपलब्धता सहित सड़क मरम्मत इत्यादि के निर्देश भी दिए। 

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट, ग्रीन ट्रिब्यूनल तथा राज्य शासन के निर्देशों का पालन कर अनुमत्य ध्वनि सीमा में ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग किया जाए। त्यौहार एवं परीक्षाओं के दृष्टिगत भी बडे़ वाहन के साथ डीजे का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा निर्धारित नियमों के पालन की शर्त पर अधिकतम दो डीजे की अनुमति प्रदान की जा सकेगी।

उन्होंने कहा कि 14 मार्च को होली उत्सव के दौरान केमिकल युक्त रंग का उपयोग न करें। इसकी बिक्री पर भी प्रतिबंध की बात कही। जिला कलेक्टर ने कहा कि 16 मार्च को भाई दूज पर्व एवं सखी वेश दर्शन व सखी मिलन समारोह कार्यक्रम के अवसर पर भी विशेष इंतजाम सुनिश्चित कर कार्यपालिक मजिस्ट्रेट एवं पुलिस टीम द्वारा गश्ती की कार्यवाही की जाए। इसी तरह वाहनों से अवैध चंदा वसूली पर रोकथाम, होली पर्व पर शुष्क दिवस का पालन सुनिश्चित कराने, सड़कों से आवारा पशुओं को अभियान संचालित कर शिफ्ट कराने तथा वाहन चेकिंग अभियान और असामाजिक तत्वों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही के निर्देश भी दिए गए। उन्होंने होलिका दहन पर वन विभाग के डिपो से जलाऊ लकड़ी की व्यवस्था तथा डिपो पर दर सूची प्रदर्शित करने के लिए भी कहा।

अघोषित बिजली कटौती न हो

कलेक्टर ने कहा कि आगामी 31 मार्च को ईद-उल-फितर पर्व पर बादशाह साईं, बड़ी ईदगाह एवं बेनीसागर ईदगाह में सुबह 8 से 10 बजे तक नमाज अता की जाएगी। इस दौरान भी परिसर के आसपास एवं नालियों की साफ-सफाई व्यवस्था तथा नगर पालिका द्वारा सुबह 6 से 9 बजे तक पेयजल सप्लाई की सुचारू व्यवस्था सहित ईद मिलन समारोह स्थल पुराना पावर हाउस चौराहा एवं आगरा मोहल्ला में नगर पालिका द्वारा शामियाना, कुर्सी एवं टैंकर से स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था के निर्देश दिए गए। कलेक्टर ने सभी पर्वों के दौरान अघोषित बिजली कटौती पर रोक के लिए निर्देशित किया। साथ ही बिजली कम्पनी के अधिकारी को विद्युत तार एवं केबल चेक कराने के निर्देश भी दिए गए। 

इसके अलावा रैलियों में भड़काऊ गीत अथवा संदेश पर रोकथाम तथा खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा नकली मावा तथा खुले में विक्रय वाली खाद्य सामग्रियों की जांच सहित सैम्पल कलेक्शन के निर्देश भी दिए गए। इसी तरह 10 अप्रैल को महावीर जयंती, 14 अप्रैल को अम्बेडकर जयंती, 18 अप्रैल को गुड फ्रायडे, 30 अप्रैल को परशुराम जयंती तथा 12 मई को बुद्ध पूर्णिमा पर्व पर भी आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए निर्देशित किया गया। चैत्र नवरात्र पर बड़ी देवी मंदिर में महिला श्रद्धालुओं द्वारा जल चढ़ाने के लिए सुबह 4 बजे से आवागमन के दृष्टिगत महिला पुलिस बल की तैनाती तथा स्ट्रीट लाइट की उचित व्यवस्था व आवश्यक मरम्मत के लिए कहा। 

इसी तरह चैत्र नवरात्र पर खेर माता मंदिर में वन अमले की तैनाती तथा शुक्रवार को होली पर्व एवं नमाज के दौरान भी आवश्यक सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए। पुलिस अधीक्षक ने शांति समिति सदस्यों से पर्वों के दौरान आवश्यक सहयोग की अपील की। उन्होंने होली उत्सव समितियों के आयोजनकर्ताओं से वॉलंटियर्स की तैनाती के लिए भी कहा।

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माधव नेशनल पार्क होगा प्रदेश का 9वां टाइगर रिजर्व : मुख्यमंत्री

  • चम्बल और निकटवर्ती क्षेत्र पर्यटन में बनाएगा नई पहचान
  • प्रदेश में वन्य जीव पर्यटन के विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम


भोपाल। प्रदेश के  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश वन्य जीव पर्यटन के विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण कदम उठाने वाला राज्य है। प्रदेश का चम्बल अंचल और निकटवर्ती क्षेत्र पर्यटन के क्षेत्र में नई पहचान बनाएगा। इस अंचल में जहां एशिया का प्रथम चीता प्रोजेक्ट लागू कर चीतों के पुनर्वास का महत्वपूर्ण कार्य हुआ है और अब चीतों की दूसरी पीढ़ी ने भी जन्म ले लिया है। घड़ियाल प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन और अब माधव नेशनल पार्क प्रदेश के 9वें टाइगर रिजर्व के रूप में अधिसूचित होने से यह क्षेत्र पर्यटकों के और अधिक आकर्षण का केन्द्र बनेगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर परिसर में टी.वी. चैनल्स प्रतिनिधियों से चर्चा में कहा कि माधव टाइगर रिजर्व के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। वर्ष 1956 में स्थापित माधव नेशनल पार्क टाइगर रिजर्व घोषित होने से प्रदेश का 9वां टाइगर रिजर्व होगा, जो प्रदेश के वाइल्ड लाइफ टूरिज्म को बढ़ावा देगा। दो वर्ष पूर्व माधव राष्ट्रीय उद्यान में दो मादा और एक नर बाघ छोड़े गए थे। 

मादा बाघ ने दो शावकों को जन्म दिया है अब 2 बाघ और भी छोड़े जाएंगे, जिससे यहां 7 बाघ हो जाएंगे और प्राकृतिक ब्रीडिंग से बाघों की संख्या में वृद्धि होगी। शिवपुरी शहर के पास होने से पर्यटकों की सुविधा की दृष्टि से आदर्श होगा। कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीता और माधव राष्ट्रीय उद्यान में बाघ होने से पर्यटको को दो बड़े वन्य जीव देखने का अवसर प्राप्त होगा। माधव राष्ट्रीय उद्यान में बाघ के साथ ही तेंदुआ, भेड़िया, सियार, साही, अजगर, चिंकारा आदि वन्य प्राणी भी पाए जाते हैं।

तीन माह में दूसरा टाइगर रिजर्व

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि तीन माह में प्रदेश में दूसरे टाइगर रिजर्व का प्रारंभ होना पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर के नाम से रातापानी अभयारण्य 8वां टाइगर रिजर्व था। वर्ष 2025 शुरूआत से वन्य जीवन पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण और अनुकूल सिद्ध हो रहा है। प्रदेश में वन्य जीवों के साथ मनुष्यों के सह-जीवन का अद्भुत उदाहरण देखने को मिलता है। वर्तमान में जितने भी टाइगर रिजर्व हैं, वहां पर्यटन विभाग के होटलों सहित वाहनों की शत-प्रतिशत बुकिंग की स्थिति रहती है। प्रदेश में पर्यटक संख्या निरंतर बढ़ती रहेगी।

पर्यटन बढ़ेगा तथा रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे 

माधव नेशनल पार्क की स्थापना वर्ष 1956 में हुई थी। यह प्रदेश के पहले अधिसूचित होने वाले नेशनल पार्क में से एक है। माधव टाइगर रिजर्व का कुल क्षेत्रफल 1650 वर्ग किलोमीटर है। इसमें कोर एरिया का क्षेत्रफल 374 वर्ग किलोमीटर है और बफर एरिया का क्षेत्रफल 1276 वर्ग किलोमीटर है। माधव टाइगर रिजर्व घोषित होने से प्रदेश के वाइल्ड लाइफ टूरिज्म को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।

माधव राष्ट्रीय उद्यान में वर्ष 2023 को बाघ पुनर्स्थापना के लिये 3 बाघ, जिसमें 2 मादा एक नर अन्य टाइगर रिजर्व से लाये गये थे। नर बाघ सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से एवं मादा बाघ पन्ना टाइगर रिजर्व और बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लाये गये थे। बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लायी गयी मादा ने 2 शावकों को जन्म दिया है, जिनकी उम्र लगभग 8 से 9 माह है। एनटीसीए भारत सरकार द्वारा 2 अतिरिक्त बाघ एक नर एक मादा लाने की स्वीकृति दी गयी है, जो 10 मार्च, 2025 को माधव टाइगर रिजर्व में छोड़े जायेंगे। इस प्रकार माधव टाइगर रिजर्व में कुल बाघों की संख्या में 5 बाघ, जिसमें 2 नर और 3 मादा शामिल हैं और 2 शावक, इस प्रकार कुल बाघों की संख्या 7 हो जायेगी।

 पर्यटन के लिहाज से आदर्श लोकेशन

शिवपुरी स्थित माधव टाइगर रिजर्व ग्वालियर के बिलकुल करीब होने से पर्यटन के लिहाज से आदर्श लोकेशन है। माधव टाइगर रिजर्व में बाघ के अलावा तेंदुए, भेडिया, सियार, लोमड़ी, जगंली कुत्ता, जंगली सुअर, साही, अजगर, चिन्कारा और चौसिंगा आदि जानवर पाये जाते हैं। यहाँ कई प्रकार के पक्षी भी पाये जाते हैं, जिनमें मुख्य रूप से पीले पैर वाला बटेर, बाज आदि शामिल हैं। माधव टाइगर रिजर्व में कई प्राचीन मंदिर और स्मारक हैं। यहाँ की सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। पर्यटन के क्षेत्र में वन्य-जीव सफारी और पिकनिक स्पॉट शामिल हैं। माधव टाइगर रिजर्व एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है, जो वन्य-प्रेमियों, प्रकृति-प्रेमियों और सांस्कृतिक विरासत के प्रति रुचि रखने वाले लोगों के लिये एक आदर्श स्थल है।

 बाघों की संख्या में इजाफा एवं जेनेटिक डॉयवर्सिटी बढ़ेगी

माधव टाइगर रिजर्व, पन्ना टाइगर रिजर्व एवं रणथम्बोर टाइगर रिजर्व के बीच स्थित है। इन दोनों के बीच यह टाइगर कॉरिडोर को और अधिक सुदृढ़ करता है। माधव टाइगर रिजर्व बनने एवं इसमें टाइगर की पुनर्स्थापना होने से यहाँ के सम्पूर्ण लैण्ड स्केप में बाघों की संख्या में सुधार होगा एवं जेनेटिक डॉयवर्सिटी बढ़ेगी।

माधव टाइगर रिजर्व बनने से सम्पूर्ण क्षेत्र में पर्यटन को भरपूर बढ़ावा मिलेगा। कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीता पुनर्स्थापना से पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई है। माधव टाइगर रिजर्व कूनो राष्ट्रीय उद्यान से भी जुड़ा हुआ है। माधव टाइगर रिजर्व में बाघों की उपस्थिति एवं कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों की मौजूदगी से सम्पूर्ण ग्वालियर-शिवपुरी-श्योपुर में पर्यटन बड़ी तेजी से बढ़ेगा, जिससे स्थानीय लोगों के लिये रोजगार के अवसर सृजित होंगे और आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होगी।

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Monday, March 3, 2025

विश्व वन्य प्राणी दिवस पर अभिनव पहल

  • वन क्षेत्र से लगे सड़क मार्ग पर चलाया गया सफाई अभियान 
  • प्लास्टिक कचरा एकत्रित करने हेतु गठित की गई थीं 7 टीमें  


पन्ना। विश्व वन्य प्राणी दिवस 3 मार्च 2025 के उपलक्ष्य में पन्ना टाइगर रिजर्व द्वारा अभिनव पहल की गई। वन क्षेत्र से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग एवं राजमार्ग में जहाँ तहाँ फैले प्लास्टिक कचरे को बोरियों और थैलों में एकत्रित कर मार्ग व किनारे के जंगल को प्लास्टिक कचरे से मुक्त किया गया। सफाई का कार्य राष्ट्रीय राजमार्ग 39 में मनौर तिगैला से प्रारंभ होकर मड़ला तक एवं राजमार्ग में अकोला से अमझिरिया तक किया गया। 

इस अभियान में परिक्षेत्र अधिकारियों के नेतृत्व में 7 टीमों का गठन किया गया था। जिसमें हिनौता, मड़ला,पांडवफाल, झिन्ना एवं अकोला प्रवेश द्वार के गाइड, जिप्सी ड्राइवर एवं पर्यटन से जुड़े स्टेट होल्डर सम्मिलित हुए। इस कार्यक्रम में ग्रीटो कैंप पन्ना, ताज सफारी ( पाषाणगढ़ ) एवं साहस एनजीओ की महत्वपूर्ण सहभागिता रही।

मालुम हो कि सड़क मार्ग से गुजरने वाले वाहन व राहगीर प्लास्टिक की बोतलें व प्लास्टिक कचरा जहाँ-तहाँ फेंकते हुए गुजर जाते हैं। यह प्लास्टिक कचरा पर्यावरण व वन्य जीवों के लिए अत्यधिक घातक होता है। विश्व वन्य प्राणी दिवस पर आयोजित इस सफाई अभियान के माध्यम से आम जनमानस को यह सन्देश देने का प्रयास भी किया गया है कि यात्रा करते समय प्लास्टिक कचरे को मार्ग व जंगल में न फेंके। पर्यावरण को बेहतर रखने में अपनी सहभागिता निभाकर जिम्मेदार नागरिक होने का परिचय दें। 


सफाई अभियान में साहस एनजीओ द्वारा ग्लव्स एवं कचरा संग्रहण हेतु थैले प्रदान किए गए। पानी एवं नाश्ता की व्यवस्था एनएमडीसी द्वारा की गई। इस समस्त सफाई कार्यक्रम में उपसंचालक पन्ना टाइगर रिजर्व, सहायक संचालक पन्ना, अधीक्षक केन घड़ियाल अभ्यारण खजुराहो समस्त परिक्षेत्र अधिकारी एवं पन्ना टाइगर रिजर्व में कार्यरत सुरक्षा श्रमिक, अग्नि श्रमिक, गाइड, होटल मालिक सम्मिलित हुए।

बॉटल फॉर चेंज प्रोग्राम इन दि पन्ना टाइगर रिजर्व 

पन्ना टाइगर रिजर्व अंतर्गत पर्यटन एवं अन्य गतिविधियों से प्लास्टिक बेस्ट के बढ़ने के कारण प्लास्टिक कचरे का प्रबंध वन्य प्राणियों के लिए आज की चुनौती है। इस कार्य में सहयोग हेतु बिसलेरी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड ने पन्ना टाइगर रिजर्व का सहयोग करने का संकल्प किया है। इस बाबत एक लेटर ऑफ एसोसिएशन पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन एवं बिसलेरी द्वारा 1 मार्च को हस्ताक्षरित किया गया है। जिसका उद्देश्य है -

Plastic is valuable ! lets not waste it ! let us bring change !

इसके तहत पन्ना टाइगर रिजर्व के आसपास प्लास्टिक को संग्रहित कर बिसलेरी के "बॉटल फॉर चेंज" कार्यक्रम के तहत इनका पुनर्चक्रण तथा दोबारा उपयोग करना है।

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