- झोपड़ी में रहती है अहिरगुवांं पंचायत की 80 वर्षीय विधवा
- जिनके पहले से घर हैं उनके बन गये आवास, गरीब वंचित
पन्ना। केन्द्र सरकार की बहुप्रचारित महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना का अपेक्षित लाभ गरीबों और जरूरतमंद हितग्राहियों को नहीं मिल पा रहा है। आर्थिक रूप से सक्षम व राजनीतिक पहुँच वाले लोग जिनके पूर्व से ही मकान हैं, वे इस योजना का लाभ धड़ल्ले से उठा रहे हैं।
जिला मुख्यालय पन्ना से लगभग 16 किमी दूर स्थित ग्राम पंचायत अहिरगुवां की 80 वर्षीय फूलमाला सरकार अपनी विधवा बेटी के साथ छोटे से झोपड़े में रहती है। इसके जीवनयापन का एकमात्र सहारा वृद्धावस्था पेंशन है। पीएम आवास के लिये यह वृद्धा पंचायत प्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक से विनती कर चुकी है लेकिन अभी तक इस गरीब बेसहारा को योजना का लाभ नहीं मिल सका है। जिससे साफ जाहिर होता है कि पात्र हितग्राही इस योजना से जहां वंचित हैं, वहीं अपात्रों को आवास स्वीकृत हो रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को आज समाजसेवी संस्था समर्थन के प्रतिनिधि जब इस ग्राम पंचायत में पहुँचे तो अहिरगुवां कैम्प में झोपड़े में निवास करने वाली इस वृद्धा ने इन प्रतिनिधियों को बड़ा अफसर समझकर हांथ जोड़कर कहा कि साहब मुझे भी पीएम आवास दिलवा दो, भगवान आपका भला करेगा। इस 80 वर्षीय वृद्धा ने बताया कि वह अपनी विधवा बेटी के साथ झोपड़े में रहती है, बारिश का मौसम बड़ी मुसीबत भरा होता है। जीवनयापन के लिये सिर्फ वृद्धावस्था पेंशन जो 5 सौ रूपया मिलता है, उसी का सहारा है। इसी पैसे से किसी तरह गुजर-बसर हो रहा है। यदि पीएम आवास मिल जाये तो हमारी मुसीबत कम हो जायेगी।
मालुम हो कि ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा सबके लिये आवास 2022 का लक्ष्य पाने के लिये प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण प्रारंभ की गई है। इस योजना की शुरूआत 20 नवम्बर 2016 को प्रधानमंत्री जी द्वारा की गई है। इस योजना के शुरू होने पर अवासहीन गरीबों के चेहरों पर मुस्कान फैल गई थी, उन्हें उम्मीद जागी थी कि अब उनके पास भी एक अदद पक्का घर होगा। लेकिन फूलमाला सरकार जैसे अनेकों ऐसे गरीब हैं, जिन्हें पीएम आवास अभी तक नसीब नहीं हो सका है।
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