Monday, May 27, 2019

नौतपा में सूर्य देव दिखा रहे आक्रामक तेवर

  •   झुलसा देने वाली तपन में घर से निकलना हुआ खतरनाक
  •   सूर्य देव के उग्र तेवरों के आगे कूलर भी देने लगे जवाब




अरुण सिंह,पन्ना। नौतपा शुरू होने के साथ ही सूर्य देव ने आक्रामक तेवर दिखाने शुरू कर दिये हैं। मन्दिरों की नगरी पन्ना इस कदर तपने लगी है कि सुबह 10 बजे के बाद घरों से बाहर निकलना मुश्किल और खतरनाक हो गया है। रविवार को आज तापमान का पारा 45 डिग्री सेल्सियस को भी पार कर गया, जिससे लू के गर्म थपेड़े असहनीय हो गये हैं। घर से बाहर निकलने पर ऐसा प्रतीत होता है कि मानों चारो तरफ आग लगी हो और वह सब कुछ झुलसा देने को आतुर है। इस भीषण और झुलसा देने वाली तपिश में आम जन जीवन जहां बुरी तरीके से प्रभावित हो रहा है वहीं रोज कमाने खाने वाले मजदूरों के बुरे हाल हैं। भीषण तपिश भरी गर्मी के इस दौर में उल्टी-दस्त, बुखार व ब्लड प्रेशर के मरीजों की संख्या में भी तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। आलम यह है कि पन्ना जिला अस्पताल के सभी वार्ड मरीजों से भरे हुये हैं।
उल्लेखनीय है कि मई माह के शुरूआत में ही सूर्य देव ने उग्र तेवर दिखाने शुरू कर दिये थे, लेकिन नौतपा शुरू होने के साथ ही हालात इतने खराब हो जायेंगे, इसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी। तपिश भरी गर्मी और लू के गर्म थपेड़ों ने जिन्दगी को असहज कर दिया है। गला तर करने के तुरन्त बाद फिर गला सूखने लगता है। कहर बरपाने वाली इस भीषण गर्मी में कूलर भी जवाब देने लगे हैं, पंखे तो आग उगल रहे हैं। ऐसी स्थिति में घरों में भी लोगों को चैन नहीं मिल पा रहा। आग बरसा रही इस गर्मी से बेहाल लोग यह सोचकर परेशान हैं कि नौतपा के शुरूआत में ही जब ये हाल हैं तो आने वाले दिनों में तापमान का पारा क्या गुल खिलायेगा। यदि गर्मी के तेवर इसी तरह उग्र बने रहे तो इस साल तापमान का पारा यदि 48 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाये तो कोई आश्चर्य नहीं।

पानी की तलाश में भटक रहे मवेशी

इस भीषण तपिश भरी गर्मी में जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में हर कहीं जल संकट ने विकराल रूप धारण कर लिया है। ज्यादातर ताल-तलैया व नदी-नाले सूख चुके हैं, जिससे पानी की तलाश में यहां-वहां भटकते मवेशी जहां दम तोड़ रहे हैं, वहीं वन्यजीवों के भी बुरे हाल हैं। राष्ट्रीय उद्यान के भीतर कोर क्षेत्र में तो वन्यजीवों के लिये जहां-तहां पानी की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है, लेकिन बफर व सामान्य वन क्षेत्र में वन्य जीवों को अपनी प्यास बुझाने के लिये भटकना पड़ रहा है। ज्यादातर वन क्षेत्रों में मौजूदा समय हर तरफ दुर्गन्ध आती है, यह स्थिति मवेशियों व वन्य जीवों के काल कवलित होने के चलते निर्मित हुई है।

लू से बचने चिकित्सकों ने दी सलाह

भीषण तपिश और लू के गर्म थपेड़ों से बचने के लिये मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एल.के. तिवारी ने सलाह दी है कि तेज धूप में घर से बाहर न निकलें। बढ़ती गर्मी में बच्चों, बुजुर्गों तथा घर के बाहर काम करने वाले लोगों और उच्च रक्तचाप वाले मरीजों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। लू से बचाव के संबंध में चिकित्सकों द्वारा लोगों को धूप से बचने, घर के अंदर हवादार ठण्डे स्थान पर रहने, धूप में जाने से पहले सिर को छाते, कपड़े अथवा टोपी से ढँकने व ढीले व पतले वस्त्रों को इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है।

गर्मी से बेहाल भगवान ने भी त्याग दिये वस्त्र



मंदिरों के शहर पन्ना में तापमान का पारा 45 डिग्री सेल्सियस को भी पार कर गया है। झुलसा देने वाली गर्मी और लू के थपेड़ों से हर कोई बेहाल है, मन्दिरों में विराजे भगवान भी इस भीषण गर्मी के असर से अछूते नहीं हैं। पन्ना के सुप्रसिद्ध श्री जुगल किशोर जी मन्दिर में भगवान श्री जुगल किशोर जी ने इस भीषण गर्मी में वस्त्र त्याग दिये हैं, अब भगवान कीमती मखमली वस्त्रों की जगह सिर्फ अगौंछा धारण कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि समूचे बुन्देलखण्ड क्षेत्र में पन्ना का श्री जुगल किशोर जी मन्दिर जन आस्था का केन्द्र है। यहां भगवान की नयनाभिराम झांकी के दर्शन करने प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुँचते हैं। इन दिनों भीषण तपिश और  गर्मी में जब तापमान का पारा 45 डिग्री सेल्सियस को भी पार कर गया है, उस समय इंसान तो इंसान भगवान ने भी तपिश भरी गर्मी से विचलित होकर वस्त्र त्याग दिये हैं। मन्दिर के पुजारी बताते हंै कि गर्मियों में नृसिंह चौदस से भगवान उघारे हो जाते हैं तथा अषाढ़ की दूज से वस्त्र धारण करते हैं। गर्मियों में भगवान के वस्त्र त्यागने की यह अनूठी परम्परा पन्ना के श्री जुगल किशोर जी मन्दिर में 3सौ वर्षों से भी अधिक समय से चली आ रही है। भगवान के इस रूप को देखने दूर-दूर से श्रद्धालु पन्ना आते हैं।
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Thursday, May 23, 2019

खजुराहो सीट से भाजपा प्रत्याशी वी.डी. शर्मा की ऐतिहासिक जीत



  •   कांग्रेस प्रत्याशी कविता सिंह  को 4 लाख 92 हजार 382 मतों से हराया
  •   प्रचण्ड जीत से भाजपा कार्यकर्ताओं ने किया खुशी का इज़हार
  •   मोदी की सुनामी में क्षेत्रीयता का मुद्दा भी साबित हुआ असरहीन


मतगणना पूरी होने पर प्रमाण पत्र के साथ भाजपा प्रत्याशी बी डी शर्मा ।

अरुण सिंह,पन्ना। बुन्देलखण्ड क्षेत्र की प्रतिष्ठित खजुराहो लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी विष्णुदत्त शर्मा ने प्रचण्ड जीत दर्ज करते हुये एक नया इतिहास रच दिया है। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी कविता सिंह  को 4 लाख 92 हजार 382 मतों से पराजित किया है। भाजपा प्रत्याशी वी.डी. शर्मा को 8 लाख 11 हजार 135 वोट प्राप्त हुये हैं जबकि कांग्रेस प्रत्याशी कविता ङ्क्षसह को 3 लाख 18 हजार 753 वोट मिले हैं। पूर्व निर्धारित समय के मुताबिक गुरूवार को सुबह 8 बजे से महिला पॉलीटेक्निक कॉलिज में भारी सुरक्षा इंतजामों के बीच मतगणना शुरू हुई और शुरूआती दौर से ही भाजपा प्रत्याशी ने जो बढ़त बनाई तो वह अन्तिम चरण तक लगातार जारी रही। खजुराहो लोकसभा सीट से मिली शानदार जीत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये भाजपा प्रत्याशी ने कहा कि इस क्षेत्र के लोगों ने मुझे ऋणी बना दिया है, मैं क्षेत्र का विकास कर यह ऋण पटाऊँगा।

जीत की खुशी में भाजपा जिलाध्यक्ष को मिठाई खिलाते हुये।

उल्लेखनीय है कि खजुराहो संसदीय सीट पर शुरूआती राउण्ड से ही भाजपा प्रत्याशी ने बढ़त बनानी शुरू कर दी थी जो मतगणना के अन्तिम चरण तक जारी रही। अभूतपूर्व नतीजे आते देख खजुराहो क्षेत्र के भाजपा नेताओं में जहां जश्न का माहौल है वहीं कांग्रेसी खेमें में सन्नाटा देखा जा रहा है। अन्तिम राउण्ड की मतगणना के पश्चात सामने आये मतगणना परिणामों के साथ भाजपा प्रत्याशी वी.डी. शर्मा को 8,11,135 मत प्राप्त हो चुके हैं। जबकि उनकी निकटमत प्रतिद्वन्दी कांग्रेस प्रत्याशी कविता ङ्क्षसह को 3,18,753 मत प्राप्त हुये हैं। मतणगना की शुरूआत से ही पहले राउण्ड से लेकर अन्तिम दौर की मतगणना तक भाजपा प्रत्याशी वी.डी. शर्मा को लगातार बढ़त मिली है। उल्लेखनीय है कि इस संसदीय क्षेत्र से गठबंधन प्रत्याशी के रूप में सपा प्रत्याशी वीर ङ्क्षसह पटेल भी मैदान में थे लेकिन सपा-बसपा के संयुक्त प्रत्याशी होने के बावजूद भी उल्लेखनीय प्रदर्शन करने में सफल नहीं रहे। सपा प्रत्याशी को 18 राउण्ड की मतगणना तक महज 39,932 मत ही प्राप्त हो सके। पिछले कुछ चुनावों में नोटा में भी वोटिंग का प्रचलन बढ़ा था लेकिन इस बार अब तक हुई मतगणना को देखें तो लोगों ने प्रत्याशियों पर वोटिंग करने में अधिक रूचि दिखाई है। इसीलिये नोटा को 1 प्रतिशत से भी कम 10,300 मत प्राप्त हुये हंै। अभी तक की मतगणना से यह भी स्पष्ट है कि खजुराहो संसदीय क्षेत्र में इस बार मोदी लहर नहीं अपितु मोदी सुनामी चली है। यह इसी सुनामी का ही प्रभाव है कि नामांकन प्रक्रिया समाप्त होने के एक दिन पूर्व मुरैना निवासी वी.डी. शर्मा को खजुराहो से भाजपा का प्रत्याशी घोषित किये जाने के बाद इतने कम समय में उन्होंने यह ऐतिहासिक जीत दर्ज करने में कामयाबी हासिल की है। अभी तक की मतगणना के अनुसार भाजपा को 64 प्रतिशत से अधिक मत प्राप्त हुये हैं जबकि कांग्रेस को महज 25 प्रतिशत मत ही प्राप्त हो सके हैं।

विधानसभा चुनाव में जीती सीटें भी कांग्रेस हारी


पन्ना विधानसभा सीट से मिली रिकार्ड जीत पर विधायक को गले लगाते हुये।

मध्यप्रदेश विधानसभा के छ: महीने पूर्व सम्पन्न हुये निर्वाचन में खजुराहो संसदीय क्षेत्र के 8 विधानसभा क्षेत्रों में से पन्ना जिले की गुनौर व छतरपुर जिले की राजनगर विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। लेकिन कांग्रेस को इन क्षेत्रों में भी हार का सामना करना पड़ा है। सबसे अहम बात यह है कि कांग्रेस प्रत्याशी का इन दोनों विधानसभा क्षेत्र से गहरा नाता है। गुनौर विधानसभा क्षेत्र में उनका मायका है और राजनगर विधानसभा क्षेत्र उनकी ससुराल है। जिस वजह से चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस द्वारा भाजपा के प्रत्याशी को बाहरी व कांग्रेस प्रत्याशी को बहू-बेटी बताकर वोट मांगे जा रहे थे। इसके बावजूद भी कांग्रेस को इन दोनों क्षेत्रों में भी हार का सामना करना पड़ा। गुनौर क्षेत्र से अब तक की मतगणना में जहां भाजपा को 53784 मतों की बढ़त प्राप्त हुई है वहीं राजनगर क्षेत्र से भी भाजपा प्रत्याशी की बढ़त 50 हजार के पार है। इसके अलावा खजुराहो संसदीय क्षेत्र के अन्य विधानसभा क्षेत्रों पन्ना, पवई, चंदला, बहोरीबंद, मुड़वारा व विजयराघौगढ़ में भी भाजपा प्रत्याशी को 58 हजार से लेकर 78 हजार तक की बढ़त मिली है। भाजपा प्रत्याशी को सबसे अच्छी बढ़त लोकसभा क्षेत्र की पन्ना विधानसभा सीट से मिली है। यहां भाजपा प्रत्याशी ने 78 हजार से भी अधिक मतों की बढ़त लेने में सफलता हासिल की।

तय मानी जा रही थी भाजपा की जीत

खजुराहो लोकसभा क्षेत्र भाजपा का बढ़ माना जाता है। इस सीट से भाजपा को मिल रही लगातार जीत को देखते हुये इस चुनाव में भी पूर्व से ही यह कहा जा रहा था कि इस बार भी भाजपा प्रत्याशी को ही जीत हासिल होगी। पिछले लोकसभा चुनाव में यहां से भाजपा प्रत्याशी को लगभग ढाई लाख मतों के अन्तर से जीत मिली थी लेकिन इस बार मोदी लहर के चलते भाजपा प्रत्याशी वी.डी. शर्मा ने जीत के पिछले रिकार्ड को ध्वस्त करते हुये आँकड़ा 4 लाख 91 हजार के भी पार पहुँचा दिया है। मोदी मय माहौल को देखते हुये निर्वाचन प्रक्रिया की शुरूआत से ही खजुराहो संसदीय क्षेत्र में भाजपा की जीत लगभग तय मानी जा रही थी और वोटिंग के बाद सामने आये एग्जिट पोल के नतीजों ने भी इस अनुमान की पुष्टि कर दी थी। लेकिन किसी को भी इतने बड़े अंतर से ऐतिहासिक जीत का अनुमान नहीं था। मतगणना के दिन भाजपा को मिले वोट जब ईव्हीएम मशीन से निकले तो लोग आश्चर्यचकित रह गये।

मतगणना स्थल के पास नहीं रही भीड़


भीषण गर्मी के चलते मतगणना केन्द्र के बाहर का नजारा।

भीषण गर्मी का असर आज मतगणना स्थल के भी आस-पास देखने को मिला। आमतौर पर मतगणना के दिन यहां समर्थकों की भारी भीड़ नजर आती थी लेकिन आज असहनीय गर्मी के चलते सड़कें सूनी रहीं। ज्यादातर लोग अपने घरों में ही टीव्ही के सामने बैठकर चुनाव परिणामों के ताजे हाल जानते रहे। मतगणना केन्द्र के बाहर तैनात सुरक्षाकर्मी पेड़ों की छाया के नीचे विश्राम करते नजर आये। भीड़-भाड़ न होने के कारण सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी पूरी तरह से तनाव मुक्त दिखे।

लोगों ने मोदी को वोट किया है: वी.डी. शर्मा

अभी तक हुई मतगणना से ऐतिहासिक जीत की ओर अग्रसर खजुराहो संसदीय क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी ने भी जीत को लेकर कार्यकर्ताओं व जनता का आभार व्यक्त करते हुये कहा है कि हमें यह जो मत मिले हैं वह क्षेत्र की जनता का प्यार है। मैं यहां से सांसद बन रहा हूं यह मेरा सौभाग्य है। उन्होंने कहा कि लोगों ने मोदीजी प्रधानमंत्री बनाने के लिये वोट किया है। यह चुनाव जातिवाद से उठकर राष्ट्रवाद के लिये हुआ है और राष्ट्रवाद सर्वोपरि है यह जनता ने दिखा दिया है।

मतगणना स्थल से चलीं गईं कांग्रेस प्रत्याशी

मतगणना के पहले चरण से ही भाजपा की बढ़त बनी रही। भाजपा प्रत्याशी की अजेय बढ़त को देखते हुये मतगणना शुरू होने के महज 3 घण्टे के अन्दर ही कांग्रेस प्रत्याशी अपने कार्यकर्ताओं से यह कहते हुये मतगणना स्थल से चलीं गईं कि मुझे अभी जाना नहीं चाहिये आप सब यहां है, किन्तु कुछ आवश्यक कार्यवश मुझे जाना पड़ रहा है। आप सभी की मेहनत व जनता के प्यार की मैं सदैव अभारी रहूँगी।


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Wednesday, May 22, 2019

दो नदियों के रहते हुये प्यासा है नुनागर गाँव

  •   सूख चुकी केन और अलौनी नदी मैदान में तब्दील
  •   3 हजार की आबादी वाला यह गाँव पानी को मोहताज 
  •   एक - एक बाल्टी पानी के लिए भटक रहे ग्रामवासी 


प्यास बुझाने पानी ढोकर लाते गाँव के बच्चे।



अरुण सिंह,पन्ना। जिस गाँव के आस-पास दो-दो नदियां हों, वहां के लोगों को भी यदि पानी के लिये भटकना पड़े तो इसे अजूबा ही कहा जायेगा। लेकिन यह हकीकत है, क्योंकि जिन नदियों में कुछ सालों पूर्व तक कंचन जल प्रवाहित होता था, वे गर्मी के इस मौसम में सूखकर मैदान में तब्दील हो चुकी हैं। वहां अब शीतल जल नहीं अपितु धूल के गुबार उड़ रहे हैं। ऐसी स्थिति में इन नदियों के किनारे बसे ग्रामों के लोगों को अपने सूखे कण्ठों को तर रखने के लिये दूर-दूर से पानी ढोकर लाना पड़ रहा है। नदियों के सूखने से जल स्तर भी खिसक गया है, जिससे कुओं ने जहां जवाब दे दिया है, वहीं हैण्डपम्प भी पानी की जगह गर्म हवा उगल रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि विकासखण्ड शाहनगर अंतर्गत केन और अलौनी नदी किनारे बसे ग्रामों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। क्योंकि भीषण गर्मी के चलते दोनों नदियां सूख चुकी हैं और वहीं नल-जल योजना भी बन्द होने के कारण इन ग्राम के लोगों को पेयजल के लिये दर-दर भटकना पड़ रहा है। हालात इतने बद से बदतर होते जा रहे हैं कि बच्चों से लेकर बड़े-बूढ़े तक पानी की तलाश में दिन-रात एक कर रहे हैं। इन्हीं में से एक नदी किनारे बसे ग्राम नुनागर के लोग इन दिनों एक-एक बाल्टी पानी को मोहताज हैं। यहां के लोग पीने और दैनिक उपयोग के लिये नदी के ही पानी पर निर्भर थे। भीषण गर्मी के चलते अब नदी ने भी इनका साथ छोड़ दिया है और नदी सूख गई है। इसके अलावा इस क्षेत्र का जल स्तर गिरने के कारण कुयें व हैण्डपम्पों ने भी जवाब दे दिया है। जिसके चलते लोगों को पीने का पानी भी नसीब नहीं हो रहा है। इस गाँव की नल-जल योजना भी बन्द पड़ी है। ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच-सचिव को कई बार जानकारी देने के बाद भी उनकी तरफ से नल-जल योजना शुरू कराने के कोई प्रयास नहीं किये जा रहे हैं। मालूम हो कि शाहनगर जनपद के ग्राम नुनागर से दो नदियां गुजरती हैं जिनमें एक केन तो दूसरी अलौनी नदी हैं। यह केन की सहायक नदी हैं जो आगे जाकर केन नदी में ही समाहित हो जाती है। वर्तमान समय में इन दोनों नदियों का पानी सूख जाने से इस गाँव के लगभग तीन हजार की आबादी पानी की समस्या से जूझ रहे हैं।

एक माह से बन्द पड़ी है नल-जल योजना

गाँव के ही सुदामा, अनमोल, हरिशचंद्र, अनीता, जगतरानी, सुनीता बाई सहित ग्रामीणों ने बताया कि इस गाँव की नल-जल योजना एक माह से बन्द है। नल-जल योजना के पम्प ऑपरेटर को वेतन नहीं मिलने के कारण उसने पम्प चालू करना बन्द कर दिया है। इसके अलावा नल-जल योजना के तहत डाले गये पाईप लाईनो में जगह-जगह से लीकेज हो गया है। ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में नल-जल योजना का पानी कुयें में डाला जाता था। जिससे पूरे गाँव के लोग पानी भरते थे। अब गाँव के लोग नदी में शेष बचा गन्दा पानी पीने को मजबूर हैं।

नदियों को बचाने उठानी होगी आवाज


सूखने के कारण मैदान में तब्दील अलौनी नदी का दृश्य।

प्रकृति और पर्यावरण के दुश्मनों से जीवनदायिनी नदियों को बचाने के लिये जिलावासियों को एकजुट होकर आवाज बुलन्द करनी होगी। जिस तरह से जंगलों की बेतहाशा कटाई हो रही है और दैत्याकार मशीनों से रेत निकालकर नदियों का सीना छलनी किया जा रहा है, यह उसी का दुष्परिणाम है। केन नदी न सिर्फ पन्ना जिला अपितु पड़ोसी राज्य उ.प्र. के बांदा जिले की जीवन रेखा है, जिस पर खनन माफियाओं का जाल फैला है, इस संकट से केन नदी को उबारने के लिये जनता को ही आगे आना होगा, ताकि आने वाली पीढिय़ों को पानी के लिये भटकना न पड़े। खनन माफिया नदियों के वजूद को मिटाकर समूचे जिले को रेगिस्तान में तब्दील करने पर उतारूं हैं, इन हालातों में इन माफियाओं को संरक्षण देने और उनकी रखवाली करने वाले नेताओं व भ्रष्ट हो चुके प्रशासनिक तंत्र का खुलकर विरोध किया जाना जरूरी हो गया है। यदि ऐसा न किया तो हमारा वर्तमान जहां कष्टप्रद होगा वहीं भविष्य पूरी तरह बर्वाद  हो जायेगा। पानी प्रकृति की अनुपम सौगात है जिस पर सभी का नैसर्गिक  अधिकार है, इसलिये जंगल, प्राकृतिक जल श्रोतों व नदियों का वजूद मिटाने पर तुले लोग समाज के हितैषी नहीं अपितु दुश्मन हैं।
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Wednesday, May 15, 2019

मारना था सांभर व चीतल और फँस गया बाघ



  •   नर बाघ के शिकार की घटना का हुआ खुलासा
  •   बेटी की शादी में पार्टी मनाने के चक्कर में मरा बाघ


  पन्ना जिले की सीमा से लगे मझगवां वन रेंज की अमिरती बीट के डुडहा नाला कम्पार्टमेंट नंबर- 810 में गत 12 मई की रात करंट से मृत तकरीबन 3 साल के नर बाघ की मौत का सच सामने आ गया है। गांव में गजराज कोल के घर आई बेटी की बारात में सांभर -चीतल या फि र जंगली सुअर के मांस की दावत उड़ाने के इरादे से जंगल में जाल फैलाया गया था। पुलिस की मदद से वन विभाग के हत्थे चढ़े 5 में से 4 आरोपी  गजराज समेत अमिरती गांव के आरोपी रंजन कोल, राजेश मवासी और ज्वाला सतनामी ने मिलकर बिजली के नंगे तारों का जाल फैलाया था। इनमें से किसी को भी इस बात की आशंका नहीं थी कि जाल में बाघ फंस जायेगा।

घात लगाकर 3 घण्टे छिपे रहे आरोपी


वयस्क नर बाघ की हत्या के आरोपियों ने तकरीबन रात साढ़े 8 बजे डुडहा नाले के उस प्राकृतिक घाट पर करंट लगाया, जहां आमतौर पर वन्य प्राणी पानी के लिये पहुँचते हैं। आरोपी जंगल में ही घात लगा कर छिप गये। रात तकरीबन साढ़े 11 बजे आरोपियों के बीच उस वक्त भगदड़ मच गई, जब करंट दौड़ते जाल में फं से टाईगर ने दहाड़ मारी, दहाड़ से जंगल थर्रा उठा। मझगवां वन परिक्षेत्र में वन्य प्राणियों के बेलगाम आखेट की इस बड़ी वारदात से अगर वन विभाग के मैदानी अमले ने वक्त रहते सबक नहीं लिया तो इस परिक्षेत्र में घूम रहे अन्य दूसरे बाघ व बाघिनों की जान भी कभी भी जोखिम में पड़ सकती है। जानकार सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2016 में इस जंगल में पन्ना टाइगर रिजर्व से पहुँची एक वयस्क बाघिन पी 213 से एक टाइगर की भेंट हुई थी। ये टाइगर रीवा जिले के ककरेड़ी के जंगल से यहां पहुँचा था। दोनों के मिलन से 2 शावक जन्मे जिनमें से एक मेल टाइगर मारा गया। जानकारों ने बताया कि वर्ष 2017 में इसी जोड़ी ने एक मेल और एक फ ीमेल शावक को जन्मा था। मृत टाइगर वयस्क होने के साथ ही अपने पैतिृक गोल से स्वाभाविक रूप से अलग हो गया था। इससे पहले दो बार इस शावक के पदचिन्ह इसी डुडहा नाले में देखे गये थे।

Sunday, May 12, 2019

पानी की तलाश में आबादी क्षेत्र में आ रहे वन्य प्रांणी

  •   दो चीतलों को कुत्तों ने बुरी तरह से किया जख्मी
  •   सलेहा वन परिक्षेत्र के ग्राम महुआखेरा की घटना



पन्ना। भीषण गर्मी जानवरों के लिये जानलेवा साबित हो रही है। दक्षिण वन मंडल के अंतर्गत सलेहा परिक्षेत्र में ग्राम महुआखेरा में आज सुबह दो चीतल पानी की तलाश में बस्ती की ओर आ गये जिन्हें कुत्तों ने घायल कर दिया। एक चीतल की मौके पर मौत हो गई तथा दूसरे का उपचार जारी है। मालुम हो कि इस समय भीषण गर्मी पड़ रही है तथा जंगलों के अधिकतर प्राकृतिक जल श्रोत सूख चुके हैं। ऐसे में जानवरों के लिये पानी की उपलब्धता न के बराबर रह गई है। जंगल के प्यासे जानवर पानी की तलाश में भटकते हुये आबादी की ओर रुख करते हैं और पालतू व आवारा कुत्तों का शिकार हो जाते हैं। यह पहली बार नहीं है कि जंगल के प्यासे जानवरों को कुत्तों द्वारा शिकार बनाया गया। गर्मी के मौसम में इस तरह की घटनायें अब आये दिन सुनने को मिल रही हैं। इस तरह की घटनायें न हों इसके लिये विभाग द्वारा कोई प्रयास नहीं किये जा रहे हैं जिससे प्यास से व्याकुल वन्य प्रांणी असमय काल कवलित हो रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि जंगल विभाग द्वारा ऐसी घटनाओं को रोकने के लिये किये जा रहे प्रयास नाकाफ ी हैं। ज्यादातर वन क्षेत्रों में पानी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। नदी नाले जहां वन्य प्रांणी पानी पीते रहे हैं वे सूख चुके हैं। ऐसी स्थिति में पानी की तलाश में वन्य प्रांणी जंगल से आबादी क्षेत्र के आस-पास स्थित जल श्रोतों की तरफ आने लगे हैं जिसके कारण वन्य प्रांणी जहां कुत्तों के हमले का शिकार हो रहे हैं वहीं शिकारियों का भी निशाना बन रहे हैं। मालुम हो कि दक्षिण वन मंडल के अंतर्गत सलेहा परिक्षेत्र हमेशा अवैध उत्खनन को लेकर सुर्खियों में रहा है तथा वर्तमान में क्षेत्र में अवैध उत्खनन चरम पर है। अधिकारियों की उदासीनता और निष्क्रियता के चलते अवैध उत्खनन करने वालों के हौंसले बुलन्द हैं। लगातार अधाधुन्ध होती अवैध कटाई से सिकुड़ते जंगलों में जानवरों के आशियाने छीन लिये हैं। अवैध उत्खनन ने जंगलों को उजाड़ दिया है तथा जानवरों के प्राकृतिक आवास खत्म हो रहे हैं। पेड़ पौधों की घटती संख्या से जंगलों में पानी का अभाव है। जिससे गर्मी के मौसम में वन्य प्रांणियों को पानी के लिये दूर-दूर तक भटकना पड़ रहा है।
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Saturday, May 11, 2019

देश की सबसे बड़ी चुनावी जंग, सबकी टिकी निगाहें


  • दिग्गी राजा और साध्वी प्रज्ञा सिंह  में किसे चुनेगा भोपाल ?



भोपाल । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल इस समय देश भर में सुर्ख़ियों में है  लोकसभा चुनाव को लेकर भोपाल सीट पर सारे देश की नजर टिकी हुई है| क्यूंकि यहां का मुकाबला सबसे रोचक है l बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का चुनाव बन चुका है भाजपा का गढ़ मानी जाने वाली भोपाल सीट पर तीस साल से कांग्रेस ने जीत का स्वाद नहीं चखा है,  इस सीट पर कांग्रेस सारे नुस्खे आजमा चुकी है लेकिन जीत नहीं मिली। ब्राह्मण, मुस्लिम, कायस्थ, ओबीसी, नवाब, क्रिकेटर, स्थानीय, बाहरी सबको आजमा लिया, पर कोई भी प्रयोग सफल नहीं हुआ। कांग्रेस के के एन प्रधान 1984 में भोपाल से जीतने वाले आखिरी उम्मीदवार थे। हारने वालों की सूची में पूर्व क्रिकेटर नवाब पटौदी, पूर्व मंत्री सुरेश पचौरी जैसे दिग्गज शामिल हैं। लेकिन इस बार कांग्रेस ने अपने सबसे वरिष्ठ और चुनावी राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी दिग्विजय सिंह को मैदान में उतारा  दिग्विजय के सामने बीजेपी ने भी इस बार अपने सबसे मजबूत गढ़ भोपाल से साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को लोकसभा के चुनावी मैदान में उतारा है। पार्टी ने हरसंभव कोशिश की कि साध्वी प्रज्ञा के तमाम विवादित बयानों के बावजूद उन्हे हिन्दुत्व की विचारधारा के ऐसे प्रतीक के रूप में स्थापित किया जाए जिसे नष्ट और बदनाम करने की कोशिश कांग्रेस और कांग्रेस के दिग्विजय सिंह व अन्य नेताओं ने की  भोपाल में चुनाव प्रचार थम चुका है, एक तरफ अनुभवी दिग्विजय हैं, तो दूसरी तरफ पहला चुनाव लड़ रही साध्वी मैदान में हैं l अब मतदाता को तय करना है भोपाल से कौन संसद में कुर्सी संभालेगा 

मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी जंग

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को चुनाव लड़ाना बीजेपी के बड़ी रणनीति का फैसला रहा l तमाम तरह के विरोध के बाद भी बीजेपी ने साध्वी के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की  बीजेपी के छोटे-बड़े नेताओं के अलावा खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी साध्वी प्रज्ञा के साथ हुए अन्याय पर बोल चुके हैं और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भोपाल में रोड शो कर साध्वी प्रज्ञा के साथ हुए अन्याय का जिक्र करते हुए मतदाताओं से उन्हे चुनाव में विजयी बनाने की अपील कर चुके हैं। वहीं भगवा आतंकवाद, हेमंत करकरे की हत्या और आरएसएस को लेकर लगातार विवादित बयानों की वजह से चर्चा में रहने वाले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी खुद को सच्चा और अच्छा हिन्दू सबित करने की होड़ में लगे नजर आये, साध्वी के खिलाफ मजबूती के लिए दिग्विजय ने अंतिम समय में कंप्यूटर बाबा को आगे किया और साधु संतों का रोड शो भी कराया  जानकारों की मानें तो भोपाल के चुनाव में ध्रुवीकरण की संभावना को नकारा नहीं जा सकता  दोनों तरफ के कार्यक्रमों में भगवा छाया रहा, जिससे मतदाता भी असमंजस में है  अब 12 मई को मतदाता दोनों ही पार्टियों और प्रत्याशियों के भाग्या का फैसला करेगा  भोपाल का चुनाव कुछ हद तक देश की राजनीति को प्रभावित कर चुका है और परिणाम भी देश की राजनीति में असर डालेगा 

भोपाल लोकसभा क्षेत्र का ऐसा रहा जनमत इतिहास

आजादी के बाद भोपाल में लोकसभा की दो सीटें थी, रायसेन और सीहोर. तब सीहोर सीट से कांग्रेस के सैयद उल्लाह राजमी ने उद्धवदास मेहता को हराया था, जबकि रायसेन सीट से कांग्रेस के चतुरनारायण मालवीय ने निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह ठाकुर को शिकस्त दी थी। इसके बाद 1957 में दोनों सीटों को मिलाकर एक भोपाल लोकसभा सीट हो गई। वर्ष 1957 में हुए लोकसभा चुनाव में मैमूना सुल्तान ने कांग्रेस का प्रतिनिधित्व किया और उन्होंने हिंदू महासभा के हरदयाल देवगांव को शिकस्त देकर सांसद बनी। इसके बाद उन्होंने 1962 के लोकसभा चुनाव में भी लगातार दूसरी बार हिंदू महासभा के ओमप्रकाश को हराया और सांसद चुनी गईं, लेकिन 1967 के लोकसभा चुनाव में भोपाल सीट पर कांग्रेस को पहली बार हार का सामना करना पड़ा। भारतीय जनसंघ के जेआर जोशी ने कांग्रेस उम्मीदवार मैमूना सुल्तान को तीसरी जीत हासिल करने से रोका और पहली भोपाल सीट पर पहली भार गैर कांग्रेस दल का कब्जा हुआ।हर साल से सबक लेते हुए कांग्रेस ने अगले ही चुनाव में साल 1971 में भोपाल सीट से देश के पूर्व राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया और भारतीय जनसंघ के उम्मीदवार उनके सामने टीक नहीं सके। शंकरदयाल शर्मा ने शानदार जीत दर्ज कराते हुए 1971 में कांग्रेस की वापसी कराई, लेकिन आपातल के चलते अगले चुनाव में कांग्रेस को देशभर में करारी हार का सामना करना पड़ा और भोपाल सीट से 1977 में भारतीय लोकदल के उम्मीदवार आरिफ बेग ने शंकरदयाल शर्मा को हरा दिया। इसके बाद 1980 के लोकसभा चुनाव में फिर भोपाल सीट पर कांग्रेस ने पुन: कब्जा किया। इस बार शंकरदयाल शर्मा ने आरिफ बेग को बड़े अंतर से हराया। कांग्रेस ने इस जीत को 1984 के लोकसभा चुनाव में बनाए रखा।हालांकि, इस बार कांग्रेस ने केएन प्रधान को उम्मीदवार बनाया था और वे चुनाव जीतकर भोपाल सीट से सांसद बने, लेकिन इसके बाद भोपाल संसदीय सीट से कांग्रेस पूरी तरह गायब हो गई। भारतीय जनता पार्टी ने भोपाल सीट से 1989 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव रहे सुशीलचन्द्र वर्मा को मैदान में उतारा और उन्होंने कांग्रेस को ऐसी शिक्त दी कि वह यहां से फिर दोबारा उबर ही नहीं पाई। साल 1989 से 1998 तक चार बार लोकसभा के चुनाव हुए और सुशीलचन्द्र वर्मा ने चारों बार कांग्रेस को हराकर इस सीट पर भाजपा का कब्जा बरकरार रखा।इसके बाद 1999 में भाजपा नेत्री उमा भारती ने कांग्रेस के दिग्गज नेता सुरेश पचौरी को शिकस्त देकर भोपाल सीट पर भाजपा का कब्जा बनाए रखा। फिर, 2004 और 2009 में भाजपा के दिग्गज नेता कैलाश जोशी ने कांग्रेस उम्मीदवार सुरेन्द्र सिंह ठाकुर को हराया था। पिछले 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां से आलोक संजर सांसद बने। इस चुनाव में भाजपा उम्मीदवार आलोक संजर ने कांग्रेस के प्रकाश मंगीलाल शर्मा को हराया। संजर को सात लाख 14 हजार 178 यानी 63.19 फीसदी वोट मिले थे, जबकि शर्मा को तीन लाख 43 हजार 482 यानी 30.39 फीसदी वोट मिले थे. भाजपा को पिछले चुनाव में तीन लाख 70 हजार 696 वोटों से जीत मिली थी।

Thursday, May 9, 2019

प्रत्याशियों का भाग्य ईव्हीएम में कैद, 23 को होगा फैसला

  •   कांग्रेस व भाजपा दोनों ही दलों के समर्थक कर रहे जीत का दावा
  •   मतदाताओं के रुझान को लेकर जारी है कयासों व अनुमानों का दौर




अरुण सिंह,पन्ना। खजुराहो लोकसभा क्षेत्र में मतदान संपन्न होने के साथ ही चुनाव मैदान में उतरे सभी 17 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ईव्हीएम में कैद हो गया है। अब अन्तिम चरण की वोटिंग  होने के बाद 23 मई को जब ईव्हीएम खुलेगी, तभी वास्तविक परिणाम सामने आयेंगे। लेकिन इस बीच प्रत्याशियों के समर्थकों द्वारा अपने पक्ष में तर्क प्रस्तुत कर जीत के दावे किये जा रहे हैं। चुनाव नतीजों को लेकर आम लोगों में भी उत्सुकता बनी हुई है, फलस्वरूप लोग लोकसभा क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में मतदान के रुझान का फीडबैक लेकर गुणा-भाग करने में जुटे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि खजुराहो सीट में मुख्य मुकाबला कांग्रेस व भाजपा प्रत्याशी के बीच ही होगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं को क्षेत्रीयता का मुद्दा ज्यादा प्रभावित किया है कि राष्ट्रवाद के मुद्दे पर लोग फिदा हुये हैं। अन्तिम फैसला 23 मई को आयेगा, तब तक लोगों का इंतजार करना पड़ेगा, लेकिन इस बीच कयासों और अनुमानों का दौर जारी रहेगा।

खजुराहो सीट में विधानसभावार मतदान की स्थिति



उल्लेखनीय है कि गत 6 मई को यहां  चुनाव सम्पन्न हो गया । मतदान का प्रतिशत लगभग 68 रहा । अन्य विधानसभा क्षेत्रो के अलावा चंदला और राजनगर में मतदान का प्रतिशत कम रहा । भाजपा और कांग्रेस के समर्थक अपनी  अपनी जीत का दावा ठोंक रहे हैं। लोकसभा क्षेत्र में परम्परानुसार मुख्य मुकाबला यहां कांग्रेस की कविता ङ्क्षसह तथा भाजपा के वी.डी. शर्मा के बीच है । दस्यु ददुआ के पुत्र सपा प्रत्याशी वीर सिंह  पटेल का तीसरा स्थान सुरक्षित है। परिणाम को लेकर आम लोग कोई निश्चित धारणा व्यक्त नहीं कर पा रहे हैं, संशय की स्थिति बनी हुई है । कोई कविता सिंह के पक्ष में परिणाम की बात कह रहा है, तो कोई वी.डी. शर्मा के पक्ष में दलील दे रहा है। कांग्रेस प्रत्याशी पहले घोषित होने का लाभ जनसम्पर्क में कविता सिंह को मिला। पूरे चुनाव भर प्रत्याशी और उनके विधायक पति नाती राजा ने जमकर मेहनत की और चुनावी रणनीति में बाजी मारते नजर आये। क्षेत्रीय और महिला प्रत्याशी होने के नाते कविता सिंह के पक्ष में  जनसहानुभूति भी दिखी। भाजपा प्रत्याशी वी.डी. शर्मा का विलम्ब से प्रत्याशी घोषित होना और बाहरी होना शुरू में बैकफुट पर ला रहा था। लेकिन बाद में संघ और विहिप के कार्यकर्ताओं की मेहनत के बल पर वह यह गैप पाटने में सफल होते दिखे। उन्होंने ने भी चुनाव में जमकर मेहनत की। सपा प्रत्याशी भाजपा के परम्परागत वोटो में कितनी सेंध लगा पाया और आंतरिक विरोध को कितना भाजपा संभाल पाई? चुनाव नतीजे बहुत कुछ इस बात पर भी निर्भर करेगा। वैसे नमो के नाम पर भी भाजपा वोट पाने में कामयाब रही। कांग्रेस की कविता सिंह को क्षेत्रीयता के नाते ज्यादा वोट मिले, तो भाजपा कैडर को बूथ तक ले जाने में सफ ल रही और नमो फैक्टर प्लस रहा। इसलिये मौजूदा समय पूरे भरोसे के साथ किसी की जीत का दावा नहीं किया जा सकता है। परिणाम के लिए 23 मई तक इंतजार करना पड़ेगा।


Monday, May 6, 2019

खजुराहो लोकसभा क्षेत्र में हुआ 66. 42 फीसदी मतदान

  •   लोकतंत्र के इस महापर्व में मतदाताओं ने दिखाया अभूतपूर्व उत्साह
  •   सुबह से ही पोलिंग बूथों पर लग गई थीं लम्बी कतारें
  •   तेज धूप के कारण दोपहर 1 बजे के बाद धीमी पड़ी मतदान की रफ्तार
  •   दोपहर 3 बजे के बाद मतदान केन्द्रों में फिर लगने लगी कतार


 पन्ना जिले के पोलिंग बूथ में मतदाताओं की लगी कतार का दृश्य।

अरुण सिंह,पन्ना। बुन्देलखण्ड क्षेत्र के चर्चित  और महत्वपूर्ण लोकसभा क्षेत्र खजुराहो में इस बार अपने मताधिकार का उपयोग करने के प्रति मतदाताओं में अभूतपूर्व उत्साह देखने को मिला। अंतिम समय तक लोकसभा क्षेत्र की आठों विधानसभा सीटों में कुल 66.42  फीसदी मतदान हुआ। पूर्व निर्धारित समय के मुताबिक सोमवार 6 मई को आज सुबह 7 बजे से मतदान प्रारम्भ होने के साथ ही पोलिंग बूथों में लम्बी कतारें नजर आने लगीं। सुबह के समय बड़ी संख्या में मतदाता अपने घरों से निकलकर मतदान केन्द्रों में पहुँच गये ताकि धूप तेज होने से पहले ही वे लोकतंत्र के इस महापर्व में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकें। सुबह के समय 9 बजे तक खजुराहो संसदीय क्षेत्र की आठों विधानसभा सीटों पर 12.45 फीसदी लोगों ने वोट डाल दिया था। इसके बाद मतदान की रफ्तार और तेज हुई तथा 11 बजे तक मतदान का प्रतिशत बढ़कर 29.73 फीसदी हो गया। इस दौरान लोकसभा क्षेत्र के कई पोलिंग बूथों पर ईव्हीएम मशीनों के खराब होने की भी जानकारी मिली, जिन्हें बदल दिया गया। फलस्वरूप मतदान की प्रक्रिया निर्बाध गति से चलती रही। मिली जानकारी के मुताबिक क्षेत्र में वीवीपैट व कन्ट्रोल यूनिट सहित कुल 4 मशीनों को बदला गया है। लोकसभा क्षेत्र में दोपहर 1 बजे तक 42.51 फीसदी मतदान हो चुका था। इसके बाद धूप तेज होने और असहनीय गर्मी के कारण मतदान करने की रफ्तार धीमी पड़ी तथा अधिकांश पोलिंग बूथ सूने नजर आने लगे। लेकिन 3 बजे के बाद मतदान की रफ्तार फिर तेज हुई और शाम 5 बजे तक मतदान का प्रतिशत 60.18 फीसदी तक जा पहुँचा। लोकसभा क्षेत्र का अंतिम मतदान प्रतिशत 66. 42 रहा,जो वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले तक़रीबन 15 फीसदी अधिक है। पन्ना विधान सभा क्षेत्र के पोलिंग बूथ विश्रामगंज में 90 फीसदी मतदान होने की खबर है।  भीषण गर्मी और विपरीत परिस्थितियों के बावजूद यह रिकॉर्ड मतदान निश्चित ही बड़ी उपलब्धि व परिपक्व और सजग लोकतंत्र की निशानी है।

पहले किया बहिष्कार फिर डाले वोट


पन्ना जिले के कुछ ग्रामों में पेयजल समस्या सहित अन्य बुनियादी सुविधाओं की ओर ध्यान न दिये जाने से आक्रोशित ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से मतदान का बहिष्कार किया। जिले के अतरहाई, नयागाँव, गोल्ही, उड़की व मरहा आदि ग्रामों में मतदान के बहिष्कार की जानकारी मिलने पर प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर जाकर ग्रामीणों को समझाया और समस्याओं के निराकरण का आश्वासन दिया तब जाकर मतदान की प्रक्रिया शुरू हुई और मतदाताओं ने उत्साह के साथ अपने मताधिकार का उपयोग किया। पवई विधानसभा क्षेत्र के ग्राम अतरहाई में जल संकट से परेशान ग्रामीणों द्वारा बहिष्कार किये जाने पर मौके में पहुँचे जनपद सीईओ सतीश नागवंशी ने आक्रोशित ग्रामीणों को समझाने के बजाय जब उन्हें धमकाने लगे तो यहां स्थिति तनावपूर्ण हो गई। सीईओ के धमकाने वाला वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हो गया जो चर्चा का विषय रहा।

108 वर्ष की हक्की बाई ने किया मतदान 



लोकतंत्र के इस महापर्व में मतदान करने के लिये बुजुर्गों व दिव्यांगों ने भी उत्साह के साथ भाग लिया। जिले के गुनौर विधानसभा अन्तर्गत सलेहा क्षेत्र की सबसे बुजुर्ग महिला 108 वर्षीय हक्की बाई ने भी खुशी-खुशी मतदान किया। ग्राम पंचायत मानिकपुर कला के इस जर्जर काया वाली बुजुर्ग महिला के परिजनों के साथ वोट डालने पोलिंग  बूथ पहुँचने पर वहां उत्साह का माहौल निॢमत हो गया तथा मौजूद लोगों ने इस उम्रदराज महिला मतदाता के साथ सेल्फी लेकर अन्य लोगों को भी मतदान करने का संदेश दिया।

दूल्हे राजा ने भी सपरिवार डाला वोट


 परिजनों के साथ मतदान करने पहुँचे दूल्हे राजा। 
बुजुर्ग मतदाताओं के साथ ही इस चुनाव में युवा मतदाताओं का उत्साह भी देखते ही बना। पहली बार वोट डालने वाले युवा वोटर सुबह से ही तैयार होकर मताधिकार का प्रयोग कर लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करने  जहां पोङ्क्षलग बूथों में पहुँच गये, वहीं महिला मतदाताओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। पन्ना विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम पंचायत तिलगुवां के मतदान केन्द्र क्र. 244 ग्राम स्वराज भवन में दूल्हे राजा अपनी सुसज्जित पोशाक में ही जब मतदान करने पहुँचे तो इस पोङ्क्षलग बूथ का माहौल उत्सवी हो गया। दूल्हे राजा धीरेन्द्र तिवारी पुत्र नरेश तिवारी निवासी कटरा अपने परिजनों के साथ मतदान करने पहुँचे और अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

मतदान दल में शामिल होकर गौरान्वित हैं हम


पन्ना जिले की गुनौर विधानसभा क्षेत्र की नगर पंचायत स्थित कन्या हाईस्कूल अमानगंज में महिला प्रबंधकीय पोलिंग बूथ बनाया गया। इस पोलिंग बूथ मतदान क्रमांक 127 में महिला कर्मचारियों को मतदान दल में शामिल किया गया। दल में शामिल महिलाएं मतदान के महत्वपूर्ण कार्य को सम्पादित करने में बहुत खुश हैं। वे कहती हैं कि मतदान दल का कार्य सम्पादित करने के दौरान मतदाताओं ने हम लोगों को बहुत सम्मान दिया। जिससे हम लोग अपने आपको गोरान्वित महसूस करते हैं।
इस मतदान केन्द्र को महिला प्रबंधकीय मतदान केन्द्र के रूप में चयनित किया गया था। यहां पर मतदान दल में महिला सदस्य, सुरक्षा के लिए महिला पुलिस कर्मी तथा स्वयं सेवक भी महिला ही कार्य कर रहे थे। पूरे मतदान केन्द्र को बडे ही आकर्षक ढंग से सजाया गया था। पूरे मतदान केन्द्र में दरी से लेकर छायावान तक गुलाबी रंग का उपयोग किया गया। जिससे मतदान केन्द्र और अधिक आकर्षक लग रहा था। मतदान केन्द्र में अन्य मतदान केन्द्रों की तरह सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई गयी थी। यहां आने वाले मतदाता भी मतदान करके अपने आपको गोरान्वित महसूस कर रहे थे। मतदाताओं का कहना था कि यह मतदान केन्द्र हमारे नगर में स्थापित मतदान केन्द्रों से एक दम अलग दिखाई दे रहा है। महिला मतदाताओं का कहना था कि हम लोगों को इस मतदान केन्द्र में मतदान करके बहुत अच्छा लगा। क्योंकि हम लोग बेझिझक महिला मतदाता कर्मियों से बातचीत कर आसानी से मतदान कर रहे हैं।

महसूस हो रहा है त्यौहार सा उत्साह 




 भारतीय संस्कृति में त्यौहार और दान का आटूट रिस्ता सदियों से रहा है। लोकसभा निर्वाचन 2019 के महा त्यौहार के आयोजन पर मतदाताओं ने बडे ही उत्साह और प्रसन्नता से अपने मतदान का उपयोग किया। जिला मुख्यालय के आदर्श मतदान केन्द्र 197 वार्ड क्रमांक 17 को आदर्श मतदान केन्द्र बनाया गया था। मतदान केन्द्र में सभी बुनियादी सुविधाएं कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी मनोज खत्री के निर्देशानुसार उपलब्ध कराई गयी थी। मतदान केन्द्र में मतदाताओं के लिए छायावान, पेयजल, पृथक-पृथक प्रसाधन गृह, वृद्धों के लिए अलग, महिलाओं के लिए अलग तथा छोटे बच्चों के लिए पृथक से झूला घर और खिलौने रखें गए थे। मतदाताओं को किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पडे इसके लिए पानी पिलाने और मतदान में सहयोग के लिए स्वयं सेवक लगाए गए थे।इस मतदान केन्द्र पर मतदान करने के लिए पहुंचे बुजुर्ग शागिर अहमद एवं श्रीमती मलम्मा बाई के साथ युवा महिला में रजिया, हिना, आसमां, वहीं अच्छे लाल दिव्यांग ने बताया कि मतदान केन्द्रों में निर्वाचन आयोग द्वारा बहुत अच्छी व्यवस्था कराई गयी है। जिससे हमें वोट डालने में किसी प्रकार की कठिनाई का सामना नही करना पडा। शायद मतदान के लिए हमें सहयोगी न मिलते तो हम मतदान करने घर से यहां तक नही आते। यहां की व्यवस्थाएं देखकर ऐसा नही लगता कि हम किसी मतदान केन्द्र पर आए हैं। यहां का माहौल किसी त्यौहार से कम नही है।

दिव्यांगों ने भी दी लोकतंत्र के त्यौहार में आहुति

 नगर के मतदान केन्द्र क्रमांक 163 वार्ड क्रमांक-7 में स्थापित सुगम मतदान केन्द्र में गठित मतदान दल ने सभी सदस्य दिव्यांग हैं। इन दिव्यांग मतदान अधिकारियों का कहना है कि इस लोकतंत्र के त्यौहार में हमें भी सामान्यजनों की तरह सेवा करने का अवसर मिला है। इस तरह हम लोगों को भी लोकतंत्र के त्यौहार में आहुति देने का अवसर प्राप्त हुआ है। इस मतदान केन्द्र को सुगम मतदान केन्द्र के रूप में चयनित किया गया था। मतदान केन्द्र में सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई गयी है। मतदाताओं के लिए छाया, शीतल पेयजल, पंखे, पृथक-पृथक शौचालय, कम ऊचांई वाला रैम्प जिससे कोई भी दिव्यांग आसानी से ट्रायसाइकिल के साथ मतदान केन्द्र के द्वार पर पहुंचकर मतदान कर सके। मतदान केन्द्र पर मतदाताओं की सहायता के लिए सहायता केन्द्र एवं ट्रायसाइकिल आदि की व्यवस्था की गयी है। यहां आने वाले मतदाताओं का कहना है कि आयोग द्वारा मतदाताओं की सुविधा को ध्यान में रखकर मतदान केन्द्र पर हर तरह की सुविधा उपलब्ध कराई गयी है। जिससे मतदान करने के लिए मतदाता स्वयंमेव आकर्षित होकर आ रहा है। वहीं इस मतदान केन्द्र में दिव्यांग मतदान दल द्वारा पूरी दक्षता के साथ मतदान कार्य को सम्पन्न कराया जा रहा है। मतदान केन्द्र में महिला/पुरूष एवं दिव्यांगों की अलग-अलग कतारें लगाई गयी। जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा दिव्यांगों, बुजुर्गो, गर्भवती, धात्री माताओं को मतदान की सुविधा के लिए पास भी जारी किए गए हैं।यहां पहुंचने वाले मतदाताओं का कहना है कि इससे पहले हम सामान्य मतदान केन्द्रों पर मतदान कर चुके हैं। आज यह हमारा मतदान केन्द्र सुगम मतदान केन्द्र बन गया है। इस केन्द्र में लगे दिव्यांग कर्मचारियों, अधिकारियों द्वारा पूरी दक्षता के साथ मतदान कराया जा रहा है। हम लोगों को मतदान करने में किसी प्रकार की असुविधा नही हुई। सामान्य मतदान केन्द्रों की तरह इस मतदान केन्द्र पर भी निर्वाध गति से कार्य चल रहा है। मतदाताओं में यह उत्सुकता भी है कि दिव्यांग मतदान दल कार्य कैसे कर रहा होगा यह देखने के लिए भी मतदाताओं की कतारें लगी हुई हैं। मतदान दल के सदस्यों का भी कहना है कि हम अपने आप को सम्मानित महसूस कर रहे हैं कि हम लोग सामान्य व्यक्तियों की तरह निर्वाचन जैसे महत्वपूर्ण कार्य को पूरी सफलता के साथ सम्पन्न करा रहे हैं।



कलेक्टर ने आम मतदाताओं के साथ किया मतदान


 कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी मनोज खत्री ने आम मतदाताओं के साथ मनहर कन्या उमावि पन्ना में स्थापित मतदान केन्द्र क्रमांक 197 में मतदान किया। उन्होंने मतदान केन्द्र में पहुंचकर वोटर पर्ची एवं वोटर आईडी प्रस्तुत कर आम मतदाताओं की तरह मतदान किया। इसी दौरान भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त प्रेक्षक के.एम. भीमजीयानी (आईएएस) ने मतदान केन्द्र पर पहुंचकर पूरी मतदान प्रक्रिया का निरीक्षण करने के उपरांत मतदान केन्द्र की व्यवस्थाओं का अवलोकन किया।

मतदान की विधानसभावार स्थिति

खजुराहो लोकसभा -      कुल  66. 42
विधानसभा चंदला - 54. 61
विधानसभा राजनगर - 53.23
विधानसभा पवई - 72. 67
विधानसभा गुनौर - 71.66
विधानसभा पन्ना - 70.49
विधानसभा विजयराघौगढ़ - 69. 85
विधानसभा मुड़वारा - 65
विधानसभा बहोरीबंद - 72.41

Saturday, May 4, 2019

चुनाव प्रचार के अन्तिम दिन भाजपा व कांग्रेस ने झोंकी ताकत



  •   पन्ना शहर में गाजे-बाजे के साथ प्रत्याशियों ने निकाला जुलूश
  •   तेज धूप और गर्मी  के बावजूद समर्थकों में दिखा भारी उत्साह


पन्ना शहर में समर्थकों के साथ जनसम्पर्क करते हुए भाजपा प्रत्याशी बी.डी. शर्मा  

अरुण सिंह,पन्ना।
बुन्देलखण्ड क्षेत्र के खजुराहो लोकसभा सीट में शनिवार की शाम 6 बजे चुनाव प्रचार की समय-सीमा समाप्त होने के साथ ही चुनावी शोर-गुल थम गया है। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन प्रमुख प्रतिद्वन्दी दल भाजपा व कांग्रेस ने जन समर्थन जुटाने के लिये अपनी पूरी ताकत झोंक दी। चुनाव प्रचार की समय-सीमा समाप्त होने के साथ ही प्रत्याशी अब घर-घर जाकर जन संपर्क कर सकेंगे। इस संसदीय क्षेत्र में सोमवार 6 मई को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान होगा। यहां भाजपा व कांग्रेस सहित कुल 17 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। खजुराहो संसदीय क्षेत्र के 8 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 18 लाख 41 हजार 92 मतदाता हैं जो 6 मई को होने वाले मतदान में 2 हजार 279 मतदान केन्द्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे।
चुनाव प्रचार के अंतिम दिन शनिवार को भाजपा प्रत्याशी विष्णुदत्त शर्मा ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ पन्ना नगर में जन संपर्क किया। गाजे-बाजे के साथ भाजपा प्रत्याशी का शुरू हुआ यह जन संपर्क बड़ा बाजार, अजयगढ़ चौराहा, महेन्द्र भवन चौराहा, गाँधी चौक होते हुये किशोर जी मन्दिर में सभा का आयोजन करने के साथ जन संपर्क अभियान का समापन हुआ। इस मौके पर सभा को संबोधित करते हुये भाजपा प्रत्याशी श्री शर्मा ने कहा कि जनता का अपार स्नेह और समर्थन पाकर मैं अभिभूत हूँ, मैं अब इस क्षेत्र के विकास व जनता की सेवा करके यह ऋण चुकाऊँगा। उन्होंने कहा कि  मोदी जी को एक बार फिर से प्रधानमंत्री बनाने के लिये मतदाताओं में अभूतपूर्व उत्साह है। जनसंपर्क के दौरान उनके साथ राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह, पूर्व मंत्री कुसुम सिंह महदेले, विधायक पन्ना बृजेन्द्र प्रताप सिंह, जिलाध्यक्ष सतानंद गौतम, मोहनलाल कुशवाहा, जयप्रकाश चतुर्वेदी, संजय नगायच, रविराज सिंह यादव, संजीत सरकार, बबलू पाठक, वैभव पवार, विवेक मिश्रा, बृजेन्द्र मिश्रा, श्रीमति आशा गुप्ता, विष्णु पांडे, श्रीमति मीना पाण्डेय, बाबूलाल यादव, धीरेन्द्र सिंह परमार  मुख्य रूप से उपस्थित रहे। नगर के प्रमुख मार्गों पर वी.डी. शर्मा का फूलमालाओं से भव्य स्वागत किया गया। कार्यकर्ता पूरे जोश के साथ नगर जनसंपर्क में भाजपा के पक्ष में लोगों से मतदान करने के लिये मिले और घर-घर पहुंचे।


कांग्रेस प्रत्याशी कविता सिंह मतदाताओं से समर्थन देने का अनुरोध करते हुए 

चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में  कांग्रेस प्रत्याशी कविता सिंह  ने भी समर्थकों के साथ जुलूश निकालकर शहर में जनसंपर्क किया। गाँधी चौक से शुरू हुआ कांग्रेस का जन संपर्क जुलूश महेन्द्र भवन चौराहा, अजयगढ़ चौराहा, बड़ा बाजार होते हुये शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरा। इस दौरान कांग्रेस प्रत्याशी कविता सिंह ने मतदाताओं से समर्थन देने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जिताकर प्रदेश में सरकार बनाई है, उसी तरह इस बार केन्द्र में भी कांग्रेस की सरकार बनाने के लिये समर्थन दें ताकि किसानों और गरीबों तथा छोटे व्यवसाईयों को उनका हक मिल सके। जन संपर्क के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी के साथ पूर्व विधायक श्रीकान्त दुबे, भास्कर देव बुन्देला, राजेश तिवारी, पवन जैन, श्रीकान्त दीक्षित, मनीष मिश्रा, नृपेन्द्र सिंह , अंकित शर्मा सहित बड़ी संख्या  में कांग्रेसजन व समर्थक शामिल रहे।

जिले की सीमा में नहीं रह सकेगा बाहर का व्यक्ति


 जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर मनोज खत्री तथा पुलिस अधीक्षक पन्ना मयंक अवस्थी ने संयुक्त रूप से प्रेसवार्ता लेते हुये पत्रकारों को बताया कि निर्वाचन क्षेत्र से बाहर का कोई भी व्यक्ति मतदान के दिन जिले की सीमा में नहीं रह सकेगा। कलेक्टर ने बताया कि 6 मई सोमवार को संसदीय क्षेत्र में सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान किया जायेगा। अधिक से अधिक तेज गति से मतदान की प्रक्रिया संपन्न हो इसके लिये कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। उन्होंने आम जनता से अपील की है कि नियत समय पर पहुँच कर अधिक से अधिक संख्या में मतदान करें। उन्होंने पत्रकारों को जानकारी देते हुये बताया कि जिले में धारा 144 लागू है तथा किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिये पुलिस बल पूरी तरह से मुस्तैद है। उन्होंने बताया कि सभी मतदान केन्द्रों में जरूरी सुविधायें मुहैया कराई गई हैं। गर्मी को देखते हुये प्रत्येक मतदान केन्द्र में पेयजल सहित छाया की व्यवस्था की गई है तथा दिव्यांगों व बुजुर्गों के लिये सुविधायें उपलब्ध करायी गई हैं। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी ने बताया कि उ.प्र. से लगने वाली जिले की सभी सीमाओं पर विशेष चौकसी की जा रही है। इसके लिये विशेष सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक ने अपील की है कि शान्तिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान के लिये सभी लोग प्रशासन का सहयोग करें। अगर किसी को कहीं भी अप्रिय स्थिति की जानकारी लगती है तो तत्काल पुलिस और प्रशासन को सूचना देकर सहयोग प्रदान करें। शान्तिपूर्ण माहौल में लोग निर्भय होकर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें इसके लिये पुलिस और प्रशासन तैयार हैं।
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खजुराहो में कांग्रेस व भाजपा के बीच सीधा मुकाबला



  •   चुनावी जंग में कांग्रेस क्षेत्रवाद तो भाजपा राष्ट्रवाद के सहारे 
  •   जनता से जुड़े अहम और ज्वलंत मुद्दे चुनावी परिदृश्य से बाहर




अरुण सिंह,पन्ना। बुन्देलखण्ड क्षेत्र की सबसे अहम और महत्वपूर्ण लोकसभा सीट खजुराहो में सीधा मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है। कांग्रेस ने यहां से छतरपुर के शाही परिवार की सदस्य कविता सिंह  को चुनाव मैदान में उतारा है, जिनके पति विक्रम सिंह नाती राजा विधानसभा क्षेत्र राजनगर से कांग्रेस विधायक हैं। इनके मुकाबले में भाजपा ने संगठन का लम्बा अनुभव रखने वाले  मुरैना निवासी वी.डी. शर्मा को आजमाया है। चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में कांग्रेस प्रत्याशी को जहां भरोसा है कि उसे स्थानीय होने के नाते क्षेत्र के मतदाताओं का भरपूर समर्थन मिलेगा, वहीं भाजपा प्रत्याशी का यह मानना है कि लोग नरेन्द्र मोदी को एक बार फिर प्रधानमंत्री बनते देखना चाहते हैं। इस तरह से यहां चुनावी परिदृश्य में स्थानीय जनता से जुड़े अहम मुद्दे नजर नहीं आये और न ही मुद्दों पर चर्चा हुई। अब जबकि मतदान का दिन (6 मई) निकट है और चुनाव प्रचार का शोर गुल थमने वाला है, ऐसे समय पर कांग्रेस क्षेत्रवाद तो भाजपा राष्ट्रवाद के सहारे चुनावी जंग जीतने के प्रति आशान्वित है।
इसे बिडम्बना ही कहेंगे कि बुन्देलखण्ड के खजुराहो लोकसभा क्षेत्र में विकास के मुद्दे पर चुनाव नहीं होता। कड़वा सच तो यह है कि आज भी यहां के अधिसंख्य मतदाता कपोलकल्पित मुद्दों, जातिवाद और धन-बल के प्रभाव में आकर वोट कर देते हैं। यही वजह है कि विकास की विपुल संभावनाओं से भरा यह क्षेत्र आज भी पिछड़ा और मूलभूत बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। यहां शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली, बेरोजगारी, पलायन, कुपोषण, पेयजल संकट और अवैध उत्खनन बड़े मुद्दे हैं। चुनाव प्रचार में आने वाले राजनैतिक दलों के बड़े नेता वायदे तो करते हैं, लेकिन चुनाव खत्म होते ही सब भूल जाते हैं। अब तक कांग्रेस व भाजपा के अनेकों राष्ट्रीय व प्रदेश स्तरीय नेता खजुराहो लोकसभा क्षेत्र में आम सभायें ले चुके हैं। जिनमें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी, मुख्यमंत्री कमलनाथ व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, सुश्री उमा भारती, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रभात झा, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव प्रमुख हैं। कांग्रेस के नेताओं ने गरीबों को सालाना 72 हजार रुपये उनके खाते में डालने वाली  न्याय योजना के जरिये जहां मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया गया , वहीं भाजपा नेताओं ने नरेन्द्र मोदी को एक बार फिर से प्रधानमंत्री बनाकर देश को मजबूत बनाने की अपील की गई  है।
कुल 8 विधानसभा सीटों वाले खजुराहो संसदीय क्षेत्र में 6 सीटों पर भाजपा व 2 सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं। वर्ष 2004 से इस संसदीय सीट पर लगातार भाजपा का कब्जा बना हुआ है, इस लिहाज से खजुराहो को भाजपा का मजबूत गढ़ भी कहा जाने लगा है। वर्ष 2014 के चुनाव में भाजपा के नागेन्द्र सिंह ने कांग्रेस के राजा पटेरिया को 2 लाख 47 हजार 490 मतों के विशाल अन्तर से पराजित किया था। सम्पन्न होने जा रहे इस चुनाव में कांग्रेस व भाजपा सहित कुल 17 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। इनमें कविता सिंह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, विष्णुदत्त शर्मा भारतीय जनता पार्टी, अश्वनी कुमार दुबे सर्वोदय भारत पार्टी, जगदीश कुमार पटेल अखिल भारतीय अपना दल, देशपाल पटेल आंबेडकर राईट पार्टी आफ इण्डिया, मनीष मिश्रा राष्ट्रीय आदर्श मेम्बर पार्टी, राकेश कुमार शुक्ला आल इण्डिया फारवर्ड ब्लाक, वीर सिंह पटेल समाजवादी पार्टी तथा संत कुमार शर्मा समग्र उत्थान पार्टी शामिल हैं। अन्य उम्मीदवारों में अब्दुल इमरान, गिरिराज किशोर पोद्दार, नरेन्द्र पाण्डे, पर्वत सिंह, भूपत कुमार आदिवासी, मीना रायकवार, राजकुमार व विनोद कुमार हैं। खजुराहो संसदीय क्षेत्र की 8 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 18 लाख 41 हजार 92 मतदाता हैं, जो 6 मई को होने वाले मतदान में 2 हजार 279 मतदान केन्द्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे।