Thursday, May 9, 2019

प्रत्याशियों का भाग्य ईव्हीएम में कैद, 23 को होगा फैसला

  •   कांग्रेस व भाजपा दोनों ही दलों के समर्थक कर रहे जीत का दावा
  •   मतदाताओं के रुझान को लेकर जारी है कयासों व अनुमानों का दौर




अरुण सिंह,पन्ना। खजुराहो लोकसभा क्षेत्र में मतदान संपन्न होने के साथ ही चुनाव मैदान में उतरे सभी 17 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ईव्हीएम में कैद हो गया है। अब अन्तिम चरण की वोटिंग  होने के बाद 23 मई को जब ईव्हीएम खुलेगी, तभी वास्तविक परिणाम सामने आयेंगे। लेकिन इस बीच प्रत्याशियों के समर्थकों द्वारा अपने पक्ष में तर्क प्रस्तुत कर जीत के दावे किये जा रहे हैं। चुनाव नतीजों को लेकर आम लोगों में भी उत्सुकता बनी हुई है, फलस्वरूप लोग लोकसभा क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में मतदान के रुझान का फीडबैक लेकर गुणा-भाग करने में जुटे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि खजुराहो सीट में मुख्य मुकाबला कांग्रेस व भाजपा प्रत्याशी के बीच ही होगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं को क्षेत्रीयता का मुद्दा ज्यादा प्रभावित किया है कि राष्ट्रवाद के मुद्दे पर लोग फिदा हुये हैं। अन्तिम फैसला 23 मई को आयेगा, तब तक लोगों का इंतजार करना पड़ेगा, लेकिन इस बीच कयासों और अनुमानों का दौर जारी रहेगा।

खजुराहो सीट में विधानसभावार मतदान की स्थिति



उल्लेखनीय है कि गत 6 मई को यहां  चुनाव सम्पन्न हो गया । मतदान का प्रतिशत लगभग 68 रहा । अन्य विधानसभा क्षेत्रो के अलावा चंदला और राजनगर में मतदान का प्रतिशत कम रहा । भाजपा और कांग्रेस के समर्थक अपनी  अपनी जीत का दावा ठोंक रहे हैं। लोकसभा क्षेत्र में परम्परानुसार मुख्य मुकाबला यहां कांग्रेस की कविता ङ्क्षसह तथा भाजपा के वी.डी. शर्मा के बीच है । दस्यु ददुआ के पुत्र सपा प्रत्याशी वीर सिंह  पटेल का तीसरा स्थान सुरक्षित है। परिणाम को लेकर आम लोग कोई निश्चित धारणा व्यक्त नहीं कर पा रहे हैं, संशय की स्थिति बनी हुई है । कोई कविता सिंह के पक्ष में परिणाम की बात कह रहा है, तो कोई वी.डी. शर्मा के पक्ष में दलील दे रहा है। कांग्रेस प्रत्याशी पहले घोषित होने का लाभ जनसम्पर्क में कविता सिंह को मिला। पूरे चुनाव भर प्रत्याशी और उनके विधायक पति नाती राजा ने जमकर मेहनत की और चुनावी रणनीति में बाजी मारते नजर आये। क्षेत्रीय और महिला प्रत्याशी होने के नाते कविता सिंह के पक्ष में  जनसहानुभूति भी दिखी। भाजपा प्रत्याशी वी.डी. शर्मा का विलम्ब से प्रत्याशी घोषित होना और बाहरी होना शुरू में बैकफुट पर ला रहा था। लेकिन बाद में संघ और विहिप के कार्यकर्ताओं की मेहनत के बल पर वह यह गैप पाटने में सफल होते दिखे। उन्होंने ने भी चुनाव में जमकर मेहनत की। सपा प्रत्याशी भाजपा के परम्परागत वोटो में कितनी सेंध लगा पाया और आंतरिक विरोध को कितना भाजपा संभाल पाई? चुनाव नतीजे बहुत कुछ इस बात पर भी निर्भर करेगा। वैसे नमो के नाम पर भी भाजपा वोट पाने में कामयाब रही। कांग्रेस की कविता सिंह को क्षेत्रीयता के नाते ज्यादा वोट मिले, तो भाजपा कैडर को बूथ तक ले जाने में सफ ल रही और नमो फैक्टर प्लस रहा। इसलिये मौजूदा समय पूरे भरोसे के साथ किसी की जीत का दावा नहीं किया जा सकता है। परिणाम के लिए 23 मई तक इंतजार करना पड़ेगा।


No comments:

Post a Comment