Tuesday, September 12, 2017

केन नदी में डूबने से 14 वर्षीय हांथी विन्ध्या की मौत

  •   पन्ना टाईगर रिजर्व में पीपरटोला कैम्प के पास की घटना
  •   युवा हांथी की असमय मौत होने से पार्क में शोक का माहौल


युवा हांथी विन्ध्या जिसकी केन नदी में डूबने से मौत हुई।

अरुण सिंह,पन्ना। बाघ पुनस्र्थापना योजना के उल्लेखनीय सफलता को लेकर पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो चुके म.प्र. के पन्ना टाईगर रिजर्व में 14 वर्षीय युवा हांथी विन्ध्या के केन नदी में डूबने से मौत का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। टाईगर रिजर्व की हथिनी रूपकली ने वर्ष 2002 में विन्ध्या को जन्म दिया था। बचपन से ही नटखट स्वभाव का होने के कारण विन्ध्या देशी व विदेशी पर्यटकों को सहज ही अपनी ओर आकृष्ट कर लेता था। युवा अवस्था की दहलीज पर पहुँच चुके इस हांथी की असमय और संदेहजनक परिस्थितियों में हुई मौत से पन्ना टाईगर रिजर्व में जहां शोक का माहौल है, वहीं निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था पर भी प्रश्र चिह्न खड़े हो गये हैं।
क्षेत्र संचालक पन्ना टाईगर रिजर्व विवेक जैन ने मामले के संबंध में जानकारी देते हुये आज बताया कि पीपरटोला कैम्प में मानसून गश्त के लिये 3 हांथियों रामबहादुर, वन्या और विन्ध्या को रूट रखा गया था। विगत 9 सितम्बर को सुबह इन तीनों हांथियों ने निर्धारित रूट पर गश्त भी किया था, गश्त के उपरान्त पीपरटोला कैम्प में तीनों हांथियों को खाना खिलाकर छोड़ दिया गया था। घूमते टहलते तीनों हांथी कैम्प के निकट से ही प्रवाहित होने वाली केन नदी की ओर गये थे। दोपहर लगभग 3 बजे दो हांथियों रामबहादुर व वन्या को केन नदी के किनारे महावतों ने खड़े देखा, वहां पर विन्ध्या कहीं भी नजर नहीं आया। विन्ध्या जब आस-पास कहीं भी नहीं दिखा तो महावतों ने उसकी खोजबीन शुरू की लेकिन वह जंगल में भी नहीं मिला। हांथी के अचानक लापता हो जाने की सूचना महावतों व वनकमर्मियों द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई। सूचना मिलते ही सहायक संचालक मड़ला, वन परिक्षेत्र अधिकारी व अन्य स्टाफ मौके पर पहुँचा और विन्ध्या की सघन सर्चिंग की गई। देर शाम विन्ध्या हांथी का शव केन नदी के पानी में तैरता हुआ दिखाई दिया, जिसे 9 सितम्बर शनिवार की रात्रि में केन नदी के पानी से बाहर निकाला गया।

मृत हांथी का रविवार को हुआ पोस्टमार्टम


टाईगर रिजर्व के पीपरटोला कैम्प के निकट मैदान में मृत हांथी विन्ध्या का पोस्टमार्टम वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा किया गया। इस मौके पर टाईगर रिजर्व के संयुक्त संचालक, सहायक संचालक पन्ना व मड़ला, वन परिक्षेत्र अधिकारी तथा अन्य स्टाफ मौजूद रहा। लेकन मामले की जानकारी व सूचना अधिकारियों द्वारा स्थानीय पत्रकारों को नहीं दी गई। चूंकि मौजूदा समय पन्ना टाईगर रिजर्व पर्यटकों के भ्रमण हेतु बंद है, इसलिये घटना की जानकारी रविवार की शाम तक बाहर किसी को नहीं मिल पाई। पार्क प्रबन्धन द्वारा अधिकृत प्रेस नोट 11 सितम्बर सोमवार को दोपहर ढाई बजे जारी किया गया। इस संबंध में क्षेत्र संचालक विवेक जैन से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि घटना दिनांक को वे जबलपुर में थे, इसलिये मीडिया को जानकारी नहीं दी जा सकी। इसके पीछे हमारी मंशा कोई चीज छिपाने की नहीं है, पूरे घटनाक्रम की बकायदे वीडियो रिकार्डिंग भी कराई गई है। पोस्टमार्टम के बाद मृत हांथी के शव को पीपरटोला में ही दफना दिया गया है।

फोरेन्सिक जाँच हेतु भेजा गया विसरा


क्षेत्र संचालक श्री जैन ने बताया कि वन्य प्राणी चिकित्सक द्वारा पोस्टमार्टम किये जाने पर प्रथम दृष्टया मौत का कारण पानी में डूबने से पाया गया है। मृत हांथी विन्ध्या का विसरा जबलपुर भेजा जा रहा है। जाँच रिपोर्ट आने पर ही मौत के सही कारणों का खुलासा हो सकेगा। मालुम हो कि केन नदी में बड़ी संख्या में मगर व घडिय़ाल पाये जाते हैं। मृत हांथी विन्ध्या के पानी में उतरने पर मगरमच्छों के हमले की संभावना को नकारते हुये क्षेत्र संचालक ने बताया कि मृत हांथी के शव में कहीं भी चोट के कोई निशान नहीं थे, जिससे इस तरह की कोई संभावना न के बराबर है। यदि पत्थर आदि में भी हांथी का पैर फंसा होता तो भी पैर में चोट के चिह्न मौजूद होते, लेकिन शव में ऐसा कुछ भी नहीं था। किसी जहरीले सर्प के डसने की संभावना को भी श्री जैन ने खारिज करते हुये बताया कि ऐसा होने पर पोस्टमार्टम में पता चल जाता।

हांथी की कैसे हुई मौत, रहस्य बरकरार


पन्ना टाईगर रिजर्व के सबसे चहेते 14 वर्षीय हांथी विन्ध्या की मौत आखिर कैसे और किन परिस्थितियों में हुई, यह रहस्य अभी भी बरकरार है। वन्य प्राणियों में हांथी को सबसे कुशल तैराक माना जाता है ऐसी स्थिति में बेहद धीमी प्रवाह वाली केन नदी में हांथी डूबकर मरा होगा, इस बात पर लोगों को सहसा विश्वास नहीं हो रहा। लेकिन मौत की अन्य कोई दूसरी वजह भी सामने नहीं आ पा रही जिससे मौत का रहस्य और गहरा गया है। हांथियों की निगरानी व देखरेख के लिये बकायदे महावत तैनात हैं। गश्त के दौरान महावत के साथ एक फारेस्ट गार्ड भी रहता है जो पूरे रास्ते का प्रतिदिन लॉग बुक भरता है। इतनी चाक चौबंद व्यवस्था के बावजूद केन नदी में डूबकर हांथी की मौत हो गई और महावत सहित मैदानी अमले को घण्टों इसकी भनक तक नहीं लगी, यह आश्चर्यजनक है।

डूब के ही मरते हैं अच्छे तैराक: जैन


 विवेक जैन क्षेत्र संचालक।
क्षेत्र संचालक पन्ना टाईगर रिजर्व विवेक जैन ने जागरण से चर्चा करते हुये कहा कि एक कहावत है अच्छे तैराक हमेशा डूक के ही मरते हैं यह कहावत विन्ध्या हांथी की मौत के मामले में चरितार्थ हुई है। आपने यह भी स्वीकार किया कि हांथी बहुत ही अच्छा और कुशल तैराक होता है और सामान्य परिस्थितियों में हांथी डूबकर नहीं मर सकता, लेकिन दुर्भाग्य से पन्ना टाईगर रिजर्व में ऐसा घटित हुआ है। श्री जैन ने बताया कि पूरे मामले और घटनाक्रम की जाँच सहायक संचालक मड़ला प्रतिभा शुक्ला को सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय पन्ना टाईगर रिजर्व में 14 हांथी हैं। जिनका उपयोग इस सीजन में मानसून गश्त में किया जा रहा है। इन हांथियों को 3-3 के ग्रुप में चार कैम्पों पीपरटोला, सुकवाहा, रमपुरा व राजा बरिया में रखा जा रहा है।
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