Saturday, May 4, 2019

खजुराहो में कांग्रेस व भाजपा के बीच सीधा मुकाबला



  •   चुनावी जंग में कांग्रेस क्षेत्रवाद तो भाजपा राष्ट्रवाद के सहारे 
  •   जनता से जुड़े अहम और ज्वलंत मुद्दे चुनावी परिदृश्य से बाहर




अरुण सिंह,पन्ना। बुन्देलखण्ड क्षेत्र की सबसे अहम और महत्वपूर्ण लोकसभा सीट खजुराहो में सीधा मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है। कांग्रेस ने यहां से छतरपुर के शाही परिवार की सदस्य कविता सिंह  को चुनाव मैदान में उतारा है, जिनके पति विक्रम सिंह नाती राजा विधानसभा क्षेत्र राजनगर से कांग्रेस विधायक हैं। इनके मुकाबले में भाजपा ने संगठन का लम्बा अनुभव रखने वाले  मुरैना निवासी वी.डी. शर्मा को आजमाया है। चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में कांग्रेस प्रत्याशी को जहां भरोसा है कि उसे स्थानीय होने के नाते क्षेत्र के मतदाताओं का भरपूर समर्थन मिलेगा, वहीं भाजपा प्रत्याशी का यह मानना है कि लोग नरेन्द्र मोदी को एक बार फिर प्रधानमंत्री बनते देखना चाहते हैं। इस तरह से यहां चुनावी परिदृश्य में स्थानीय जनता से जुड़े अहम मुद्दे नजर नहीं आये और न ही मुद्दों पर चर्चा हुई। अब जबकि मतदान का दिन (6 मई) निकट है और चुनाव प्रचार का शोर गुल थमने वाला है, ऐसे समय पर कांग्रेस क्षेत्रवाद तो भाजपा राष्ट्रवाद के सहारे चुनावी जंग जीतने के प्रति आशान्वित है।
इसे बिडम्बना ही कहेंगे कि बुन्देलखण्ड के खजुराहो लोकसभा क्षेत्र में विकास के मुद्दे पर चुनाव नहीं होता। कड़वा सच तो यह है कि आज भी यहां के अधिसंख्य मतदाता कपोलकल्पित मुद्दों, जातिवाद और धन-बल के प्रभाव में आकर वोट कर देते हैं। यही वजह है कि विकास की विपुल संभावनाओं से भरा यह क्षेत्र आज भी पिछड़ा और मूलभूत बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। यहां शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली, बेरोजगारी, पलायन, कुपोषण, पेयजल संकट और अवैध उत्खनन बड़े मुद्दे हैं। चुनाव प्रचार में आने वाले राजनैतिक दलों के बड़े नेता वायदे तो करते हैं, लेकिन चुनाव खत्म होते ही सब भूल जाते हैं। अब तक कांग्रेस व भाजपा के अनेकों राष्ट्रीय व प्रदेश स्तरीय नेता खजुराहो लोकसभा क्षेत्र में आम सभायें ले चुके हैं। जिनमें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी, मुख्यमंत्री कमलनाथ व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, सुश्री उमा भारती, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रभात झा, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव प्रमुख हैं। कांग्रेस के नेताओं ने गरीबों को सालाना 72 हजार रुपये उनके खाते में डालने वाली  न्याय योजना के जरिये जहां मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया गया , वहीं भाजपा नेताओं ने नरेन्द्र मोदी को एक बार फिर से प्रधानमंत्री बनाकर देश को मजबूत बनाने की अपील की गई  है।
कुल 8 विधानसभा सीटों वाले खजुराहो संसदीय क्षेत्र में 6 सीटों पर भाजपा व 2 सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं। वर्ष 2004 से इस संसदीय सीट पर लगातार भाजपा का कब्जा बना हुआ है, इस लिहाज से खजुराहो को भाजपा का मजबूत गढ़ भी कहा जाने लगा है। वर्ष 2014 के चुनाव में भाजपा के नागेन्द्र सिंह ने कांग्रेस के राजा पटेरिया को 2 लाख 47 हजार 490 मतों के विशाल अन्तर से पराजित किया था। सम्पन्न होने जा रहे इस चुनाव में कांग्रेस व भाजपा सहित कुल 17 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। इनमें कविता सिंह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, विष्णुदत्त शर्मा भारतीय जनता पार्टी, अश्वनी कुमार दुबे सर्वोदय भारत पार्टी, जगदीश कुमार पटेल अखिल भारतीय अपना दल, देशपाल पटेल आंबेडकर राईट पार्टी आफ इण्डिया, मनीष मिश्रा राष्ट्रीय आदर्श मेम्बर पार्टी, राकेश कुमार शुक्ला आल इण्डिया फारवर्ड ब्लाक, वीर सिंह पटेल समाजवादी पार्टी तथा संत कुमार शर्मा समग्र उत्थान पार्टी शामिल हैं। अन्य उम्मीदवारों में अब्दुल इमरान, गिरिराज किशोर पोद्दार, नरेन्द्र पाण्डे, पर्वत सिंह, भूपत कुमार आदिवासी, मीना रायकवार, राजकुमार व विनोद कुमार हैं। खजुराहो संसदीय क्षेत्र की 8 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 18 लाख 41 हजार 92 मतदाता हैं, जो 6 मई को होने वाले मतदान में 2 हजार 279 मतदान केन्द्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे।

No comments:

Post a Comment