- प्रकृति व्याख्यान केन्द्र मड़ला में आयोजित हुई सलाहकार समिति की बैठक
- पर्यावरण व वन्य प्राणी संरक्षण तथा पर्यटन विकास पर हुई चर्चा
।। अरुण सिंह ।।
पन्ना। कर्णावती व्याख्यान केन्द्र मड़ला में सागर संभाग के कमिश्नर मनोहर दुबे की अध्यक्षता में शुक्रवार को सलाहकार समिति की बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में पर्यावरण व वन्य प्राणी संरक्षण सहित पर्यटन विकास से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई। पर्यटन व्यवसाय का लाभ पन्ना टाईगर रिजर्व से लगे ग्रामों के रहवासियों को भी मिले, इस संबंध में भी विस्तृत विचार विमर्श हुआ तथा सदस्यों द्वारा कई महत्वपूर्ण सुझाव भी दिये गये।
बैठक के प्रारंभ में क्षेत्र संचालक पन्ना टाईगर रिजर्व के.एस. भदौरिया ने समिति के सदस्यों को बैठक के एजेण्डे से अवगत कराया, तदुपरान्त बिन्दुवार एजेण्डे में शामिल सभी विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई। सभी सदस्यों ने इस बात पर सहमति जताई कि पन्ना टाईगर रिजर्व विकास का वाहक बने, इस दिशा में सार्थक और प्रभावी पहल की जानी चाहिये।
टाईगर रिजर्व से लगे ग्रामों के लोगों को पर्यटन व्यवसाय का अधिक से अधिक लाभ मिले, इस बात पर विशेष ध्यान दिये जाने की जरूरत है, ताकि ग्रामवासी पर्यावरण व वन्य प्राणियों के संरक्षण में रूचि लेने के लिये प्रेरित हो सकें। बिना जन भागीदारी के संरक्षण संभव नहीं है, ऐसी स्थिति में टाईगर रिजर्व से जब ग्रामवासियों को रोजी-रोजगार व आर्थिक लाभ होगा तो वे स्मवेव संरक्षण के लिये आगे आयेंगे।
स्थानीय सलाहकार समिति के सदस्य श्यामेन्द्र सिंह बिन्नी राजा ने पर्यटन को बढ़ावा देकर रोजगार के नये अवसरों के सृजन बावत महत्वपूर्ण सुझाव दिये, जिन पर गहन विचार विमर्श हुआ। बैठक में यह सुझाव भी दिया गया कि पन्ना टाईगर रिजर्व से लगे वे गाँव जो अत्यधिक पिछड़े और मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं, उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोडऩे के लिये चिह्नित किया जाये तथा पर्यटन व्यवसाय से होने वाली आय का उपयोग इन ग्रामों के विकास में किया जाये। पन्ना टाईगर रिजर्व के कोर एरिया से कितनी दूरी पर व्यवसायिक व अन्य गतिविधि होनी चाहिये, इस संबंध में भी चर्चा हुई और सहमति बनी कि न्यूनतम 250 मीटर दूरी होनी चाहिये।
सलाहकार समिति की बैठक में सदस्यों ने पन्ना टाईगर रिजर्व में पर्यटन को बढ़ावा देने तथा देशी व विदेशी पर्यटकों को पार्क भ्रमण हेतु आकृष्ट करने के लिये उपयोगी सुझाव दिये गये। जिस पर कमिश्नर श्री दुबे व क्षेत्र संचालक पन्ना टाईगर रिजर्व श्री भदौरिया ने सहमति जताई और कहा कि खजुराहो के प्रमुख स्थलों पर होॄडग लगवाई जायेंगी। समिति के अध्यक्ष एवं कमिश्नर सागर संभाग मनोहर दुबे ने कहा कि पन्ना के प्राचीन भव्य मन्दिरों का भी प्रभावी ढंग से प्रचार-प्रसार होना चाहिये, इससे पर्यटकों का आकर्षण बढ़ेगा। आपने कहा कि पन्ना के आस-पास स्थिति ऐतिहासिक व प्राकृतिक महत्व के स्थलों का भी योजनाबद्ध तरीके से विकास होना चाहिये।
पर्यटक वाहनों की संख्या का हुआ निर्धारण
बैठक में पन्ना टाईगर रिजर्व के कोर जोन में भ्रमण के लिये पर्यटक वाहनों की संख्या के संबंध में विचार विमर्श के साथ संख्या का निर्धारण हुआ। मालुम हो कि पन्ना टाईगर रिजर्व का कोर क्षेत्र 543 वर्ग किमी है, जिसके 20 प्रतिशत भाग पर पर्यटन की अनुमति है। इसके लिय दो प्रवेश द्वार मड़ला व हिनौता संचालित है।
गत वर्ष पन्ना टाईगर रिजर्व में पर्यटकों के भ्रमण हेतु प्रतिदिन 70 वाहन धारण क्षमता निर्धारित थी। लेकिन अब राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण नई दिल्ली की गाइड लाइन के अनुसार पर्यटन वर्ष 2018-19 हेतु कुल 85 वाहन निर्धारित किया गया है। जिसमें प्रवेश द्वार मड़ला से प्रात:कालीन सफारी हेतु 35 वाहन तथा सायंकालीन सफारी हेतु 25 वाहन तथा हिनौता प्रवेश द्वार से प्रात: 15 वाहन एवं सायं 10 हवानों के प्रवेश की अनुमति प्रदान की गई।
पन्ना टाईगर रिजर्व के बफर क्षेत्र में पर्यटकों के भ्रमण हेतु पर्यटन वर्ष 2018-19 से अकोला प्रवेश द्वार का शुभारंभ किया जायेगा। सलाहकार समिति की बैठक में चर्चा उपरान्त इस प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की गई। इस नवीन प्रवेश द्वार से प्रतिदिन 15 पर्यटक वाहन भ्रमण हेतु प्रवेश कर सकेगे, जिसमें सुबह 10 वाहन तथा सायंकालीन सफारी के लिये 5 वाहन निर्धारित किये गये हैं। बैठक में कमिश्नर सागर मनोहर दुबे, क्षेत्र संचालक पन्ना टाईगर रिजर्व के.एस. भदौरिया, कलेक्टर मनोज खत्री, उप संचालक वासु कनौजिया, सहायक संचालक पन्ना व मड़ला सहित सलाहकार समिति के सदस्यगण मौजूद रहे।
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दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर |
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