Sunday, January 20, 2019

पन्ना रेन्ज की नर्सरी से चंदन के पेड़ कटे


  • चौकीदार की मौजूदगी में अज्ञात बदमाशों ने काटे पेड़ 



पन्ना रेन्ज के निकट स्थित नर्सरी जहां से चंदन के पेड़ कटे।

अरुण सिंह,पन्ना।  जंगल की सुरक्षा करने में वन विभाग का अमला नाकाम साबित हो रहा है। आलम यह है कि रेन्ज आफिस से लगी वन विभाग की नर्सरी के पेड़ भी सुरक्षित नहीं हैं। बीती रात पन्ना रेन्ज की संजय नर्सरी से अज्ञात बदमाश चंदन के दो पेड़ काटकर ले गये और वन अमला तमाशबीन बना रहा। मालुम हो कि घटना के समय नर्सरी का चौकीदार वहीं मौजूद था, लेकिन बदमाशों को पेड़ काटने से रोकने में नाकाम रहा।
नर्सरी में तैनात चौकीदार ने बताया कि रात में हथियारबंद बदमाश आये हुये थे, जिन्होंने मुझे जान से मारने की धमकी भी दी और चंदन के दो पेड़ आरी से काटकर ले गये। बदमाशों के डर से मैने रातभर कमरे का दरवाजा नहीं खोला। सुबह उठकर मैने जब देखा तो चंदन के पेड़ गायब थे। नर्सरी से चंदन के पेड़ कट जाने की सूचना मैनें उच्च अधिकारियों को दे दी है। मामले के संबंध में जब वन परिक्षेत्राधिकारी पन्ना कौशलेन्द्र पाण्डेय से पूछा गया तो उन्होंने अपना पल्ला झाड़ते हुये कहा कि चंदन के पेड़ चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज करा दी गई है। आपने बताया कि पन्ना रेन्ज से लगी नर्सरी है, जहां चौकीदार था, लेकिन रात में वहां हथियारबंद बदमाश आ गये। ऐसी स्थिति में चौकीदार पेड़ों की सुरक्षा कैसे करता? सवाल यह है कि वन विभाग का अमला जब नर्सरी के पेड़ों को ही नहीं बचा पा रहा तो खुले जंगल में लगे सागौन व अन्य दूसरी प्रजाति के वृक्षों को कैसे बचा पायेगा? जिस तरह से इन दिनों जंगल की बेरहमी से कटाई हो रही है तथा शिकार की घटनाओं में भी इजाफा हुआ है, उससे तो यही प्रतीत होता है कि जिले में न तो अब जंगल सुरक्षित हैं और न ही वन्य प्राणी, शिकारियों के निशाने में एक बार फिर पन्ना के बाघ आ चुके हैं। यदि समय रहते वन विभाग नहीं चेता तो जंगल उजडऩे के साथ-साथ यहां आबाद हुये बाघों के भरे पूरे संसार को उजड़ते देर नहीं लगेगी।

 मौके से बरामद काटे गये पेड़ों की शाखायें।

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