Thursday, August 8, 2019

केन नदी के तेन्दूघाट में पूरा हुआ बांध निर्माण का कार्य

  •   इस मध्यम सिंचाई परियोजना से पवई व गुनौर जनपद के 83 गाँव होंगे लाभान्वित
  •   बांध की जलधारण क्षमता 124.80 मिलियन घन मीटर, 25 हजार हेक्टेयर से अधिक   भूमि में होगी सिंचाई




केन नदी के तेंदू घाट में जल संसाधन विभाग द्वारा निर्मित कराया गया बांध। 

अरुण सिंह,पन्ना।

 केन नदी के तेन्दूघाट पर वर्ष 2015 से निर्माणाधीन पवई मध्यम सिंचाई परियोजना का कार्य पूरा हो गया है। जिला मुख्यालय पन्ना से लगभग 105 किमी दूर शाहनगर तहसील के पडऱहा ग्राम के निकट जल संसाधन विभाग द्वारा 806 मीटर लम्बा तथा 37 मीटर ऊँचा बांध बनाया गया है, जिसकी पुनरीक्षित लागत 600.81 करोड़ रू. है। इस महत्वाकांक्षी सिंचाई परियोजना से पवई व गुनौर जनपद क्षेत्र के 83 ग्रामों के किसानों की 25 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि ङ्क्षसचित होगी। सिंचाई सुविधा मिलने से इस अंचल के किसान अब अपने खेतों से जहां भरपूर पैदावार ले सकेंगे, वहीं उनकी जिन्दगी में भी खुशहाली आयेगी।


उल्लेखनीय है कि बारिश के ही पानी पर पूरी तरह से आश्रित इस अंचल के किसानों की जिन्दगी में खुशहाली लाने तथा खेती को लाभ का धन्धा बनाने की मंशा से प्रदेश सरकार ने केन नदी के तेन्दूघाट पर बांध के निर्माण को मंजूरी प्रदान की थी। जल संसाधन संभाग पन्ना के कार्यपालन यंत्री बी.एल. दादौरिया की देखरेख में पवई मध्यम सिंचाई परियोजना का कार्य वर्ष 2015 में शुरू हुआ और इन्हीं के रहते बांध निर्माण का यह कार्य पूरा हो गया। मौजूदा समय कार्यपालन यंत्री श्री दादौरिया जल संसाधन संभाग पवई में कार्यरत हैं। इनकी तकनीकी दक्षता और कार्यक्षमता को देखते हुये प्रदेश सरकार ने पन्ना जिले की निर्माणाधीन दो मध्यम सिंचाई परियोजनाओं रून्ज व मझगांय बांध के निर्माण की जवाबदारी भी इन्हें सौंप दी है। मालुम हो कि ये दोनों ही सिंचाई परियोजनायें जल संसाधन संभाग पन्ना के अन्तर्गत आती हैं। लेकिन भू-अर्जन व डूब क्षेत्र के किसानों को मुआवजा वितरण सहित अन्य कई तकनीकी कारणों के चलते इन दोनों ही मध्यम सिंचाई परियोजनाओं का कार्य विवादों में घिरा हुआ था, जिससे निर्माण कार्य या तो ठप्प था या फिर कछुआ गति से चल रहा था। इस व्यवधान व विवादों को दूर करने तथा कार्य की गति में तेजी लाने के लिये शासन ने जल संसाधन संभाग पवई के कार्यपालन यंत्री बी.एल. दादौरिया को इन दोनों बांधों की जिम्मेदारी सौंप दी है।

तेंदूघाट पर बने बांध में लगे हैं 9 गेट


केन नदी में तेंदूघाट पर बनकर तैयार हुये विशाल बांध में 10 मी. गुणे  10.50 मी. के कुल 9 गेट लगे हैं। गेट के लेबल तक बांध में पानी भरा हुआ है। मौजूदा समय इस बांध के गेट खुले हैं, फलस्वरूप अतिरिक्त पानी इन गेटों से निरन्तर निकल रहा है। कार्यपालन यंत्री श्री दादौरिया ने बताया कि मानसूनी बारिश में विराम लगने पर अगस्त महीने के बाद बांध के गेट बन्द कर दिये जायेंगे। इस बांध के बन जाने से अब जहां हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि ङ्क्षसचित होगी, वहीं पूरे इलाके में जल स्तर भी सुधरेगा। जिससे पेयजल की समस्या का काफी हद तक निराकरण हो सकेगा। श्री दादौरिया के मुताबिक बांध की जलधारण क्षमता 124.80 मिलियर घन मीटर तथा जल गृहण क्षेत्र लगभग 995 वर्ग किमी है। बांध के डूब क्षेत्र में तकरीबन 1373 हेक्टेयर भूमि आई है, जिसमें निजी भूमि 599 हेक्टेयर, शासकीय भूमि 536 हेक्टेयर तथा 238 हेक्टेयर के लगभग वन भूमि प्रभावित हुई है।

नहरों से होगी 11 हजार हेक्टेयर की सिंचाई


पवई मध्यम सिंचाई परियोजना के द्वारा नहरों के माध्यम से 11 हजार हेक्टेयर से भी अधिक कृषि भूमि         सिंचित होगी। नहरों के अलावा 14 हजार 800 हेक्टेयर की पाइप लाइन एरीगेशन की निविदा बुलाई गई है। कार्यपालन यंत्री श्री दादौरिया ने बताया कि पवई मध्यम ङ्क्षसचाई परियोजना के तहत निर्मित  की जाने वाली मुख्य नहरों की लम्बाई 40.61 किमी है। इसमें 37 किमी लम्बी नहर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, शेष कार्य इस वर्ष नवम्बर माह तक पूरा करने का लक्ष्य है। नहरों के निर्माण का कार्य पूरा होने पर अंचल के किसानों को सिंचाई सुविधा मिल सकेगी, जिससे सूखा और अल्प वर्षा के चलते बदहाली का जीवन गुजारने वाले किसानों की जिन्दगी खुशहाल होगी।
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