- बाल गृह में सहयोग देंने समाज के लोगों से कलेक्टर ने की अपील
- 6 से 18 वर्ष तक के बेसहारा बच्चों को बाल गृह में रखा जायेगा
बालगृह के शुभारंभ अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते कलेक्टर। |
अरुण सिंह,पन्ना। जिला मुख्यालय की ङ्क्षसचाई कालोनी में स्थापित बाल गृह का शुभारंभ कलेक्टर कर्मवीर शर्मा एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा संयुक्त रूप से वैदिक रीति से पूजन उपरांत फीता काटकर किया गया। इस बाल गृह का संचालन चित्रगुप्त महिला कल्याण एवं बाल विकास समिति द्वारा मध्यप्रदेश महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा संचालित किया जा रहा है। इस बाल गृह में 6 वर्ष से 18 वर्ष तक के बेसहारा बच्चों को रखा जायेगा। बाल गृह के शुभारंभ अवसर पर कलेक्टर श्री शर्मा ने कहा कि इसके सफल संचालन एवं रह रहे बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिये समाज का सहयोग आवश्यक है। उन्होंने कहा कि समाज के लोग बाल गृह के संचालन में आवश्यक सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि जिले के लोगों ने कुपोषण को खत्म करने में सक्रिय सहयोग दिया है, आगे भी इसी तरह सहयोग देते रहेंगे।
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी उदल सिंह ने प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुये बताया कि किशोर न्याय नियम 2015 एवं 2016 के तहत यह बाल गृह संचालित किया जा रहा है। इस बाल गृह में अनाथ, बेसहारा, निराश्रित, परित्यकता, गुमशुदा, मानव तस्करी से मुक्त, भिक्षावृत्ति, बाल श्रमिक, असमर्थ माता-पिता, मातृ-पितृ विहीन बच्चों को रखकर उनकी देखरेख, उपचार, शिक्षा, प्रशिक्षण, विकास और पुर्नवास की व्यवस्था की गई है। बाल गृह में रह रहे बच्चों की देखरेख एवं संरक्षण के लिये एक समिति गठित की जायेगी। वह समिति प्रत्येक शनिवार को बाल गृह का निरीक्षण करेगी। जिला स्तर पर बाल संरक्षण समिति माह में एक बार बाल बृह का निरीक्षण करेगी। विशेष न्यायाधीश द्वारा प्रत्येक माह निरीक्षण किया जायेगा। प्रधान मजिस्ट्रेट किशोर न्याय बोर्ड के माह के चौथे बुधवार को निरीक्षण किया जायेगा। सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास माह में दो बार बाल गृह का निरीक्षण किया जायेगा। इसके अलावा समय समय पर नियमानुसार निरीक्षण की व्यवस्था रहेगी। बाल गृह में रह रहे बच्चों को गोद लेने की सुविधा भी उपलब्ध की जायेगी। बाल गृह में रहने वाले प्रत्येक बच्चे को अनमोल बेवसाईट एवं मिसिंग चाइल्ड बेवसाईट पर दर्ज किया जायेगा। प्रत्येक पुलिस थाने में एक बाल कल्याण अधिकारी की नियुक्ति की गई है जो इस बाल संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत आने वाले बच्चों के प्रकरणों को देखेंगे। बाल गृह में पुलिस विभाग, चाइल्ड लाईन, श्रम विभाग आदि द्वारा बाल गृहों में बच्चे भेजे जायेंगे। बच्चों को बाल गृह में प्रवेश देने से पहले उनके संबंध में पूरी जांच करने के उपरांत बच्चों को बाल गृह में रखा जायेगा।
इस अवसर पर पृथ्वी ट्रस्ट के अध्यक्ष यूसुफ बेग, जिला पंचायत सदस्य केशव प्रताप सिंह, श्रीमती दिव्यारानी सिंह, मनीष मिश्रा, मीना सिंह यादव, वैभव थापक, दीपक तिवारी, मनीष शर्मा आदि के द्वारा सम्बोधित किया गया। सम्बोधन में इन्होंने जिले में कुपोषण मुक्ति के लिये चलाये जा रहे पोषण संजीवनी अभियान की सराहना की गई। सम्पन्न हुये इस कार्यक्रम में गणमान्य नागरिक, पत्रकारगण, संबंधित अधिकारी/कर्मचारी एवं आमजन उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अन्त में चित्रगुप्त महिला कल्याण एवं बाल विकास समिति की ओर से शैलेन्द्र निगम द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया।
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