- तेजी से यहाँ पर बढ़ रहा है बाघों का कुनबा
- वर्ष के अंत तक हो जायेंगे लगभग 78 बाघ
पन्ना टाइगर रिज़र्व की संस्थापक बाघिन टी-1 अपने शावकों के साथ। ( फाइल फोटो ) |
।। अरुण सिंह ।।
पन्ना। टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों का कुनबा तेजी से बढ़ रहा है। मौजूदा समय यहाँ पर कुल 29 बाघिन हैं, जिनमें 12 बाघिन शावकों को जन्म दे रही हैं। वर्ष 2020 में यहां शावकों सहित बाघों की संख्या 64 थी जो 2021 के अंत तक बढ़कर 78 होने की उम्मीद है। यह वन क्षेत्र पन्ना, छतरपुर व दमोह जिले के 1598 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसका कोर क्षेत्र 576 वर्ग किलोमीटर व बफर क्षेत्र 1022 वर्ग किमी है। पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक उत्तम कुमार शर्मा ने पिछले 6 माह की समीक्षा रिपोर्ट में यह सिद्ध करने का प्रयास किया है कि वर्ष 2021 के अंत तक यहाँ बाघों की संख्या बढ़कर 78 हो जायेगी।
गौरतलब है कि बीते 12 वर्षो के दौरान पन्ना टाइगर रिजर्व ने देश और दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है। वर्ष 2009 में यह वन क्षेत्र बाघ विहीन हो गया था, फलस्वरूप यहां पर बाघों के उजड़ चुके संसार को फिर से आबाद करने के लिए बाघ पुनर्स्थापना योजना शुरू की गई। बेहतर प्रबंधन और संरक्षण से योजना को चमत्कारिक सफलता मिली और यह उजड़ा वन क्षेत्र बाघों से पुन: आबाद हो गया। इस तरह से पन्ना टाइगर रिजर्व दुनिया के लिए एक उदाहरण बन चुका है, जिसने शून्य से यह गौरवशाली मुकाम हासिल किया है।
पन्ना टाइगर रिजर्व में प्रजनन क्षमता वाली बाघिनों का जिक्र करते हुए पार्क प्रबंधन द्वारा यह बताया गया है कि निकट भविष्य में कम उम्र की वे बाघिनें जो इस सूची में शामिल नहीं हैं, उनके भी प्रजनन क्षमता वाली बाघिनों की सूची में शामिल हो जाने की संभावना है। क्षेत्र संचालक उत्तम कुमार शर्मा व उपसंचालक जरांडे ईश्वर राम हरि ने अपनी संयुक्त समीक्षा रिपोर्ट में कहा है कि मौजूदा समय पन्ना टाइगर रिजर्व में 12 ब्रीडिंग बाघिनें हैं। वर्ष 2021 के अंत तक इस सूची में चार अन्य बाघिनें जुड़ सकती हैं। इस तरह से प्रजनन क्षमता वाली बाघिनों की संख्या बढ़कर 15 हो जाएगी। मालूम हो कि सूचीबद्ध कुल 29 बाघिनों में ब्रीडिंग क्षमता वाली एक बाघिन पी-213 (32) की मौत हो चुकी है। इस बाघिन के चार शावक हैं, इन अनाथ शावकों की देखरेख आश्चर्यजनक रूप से शावकों का पिता नर बाघ पी-243 कर रहा है।
बाघों की आबादी में हो रही वृद्धि के बारे में पार्क प्रबंधन की रिपोर्ट यह बताती है कि 12 ब्रीडिंग बाघिनें एक वर्ष में 16 शावकों की वंश वृद्धि कर देती हैं। ब्रीडिंग बाघिनों की संख्या बढऩे पर शावकों की संख्या भी बढ़ेगी। पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों के जन्म व मृत्यु दर की गहन समीक्षा के उपरांत पार्क प्रबंधन ने यह दावा किया है कि वर्ष 2021 के बीते 6 माह में शावकों सहित 7 बाघों की क्षति हुई है। इस तरह से एक वर्ष में 14 बाघों की क्षति संभावित है। बावजूद इसके बाघों के कुनबे में 14 शावकों का इजाफा हो जाएगा। पार्क प्रबंधन का मानना है कि वर्ष 2021 के अंत तक पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की आबादी 64 से बढ़कर 78 हो जाएगी।
सफलता की कुंजी "जन समर्थन से बाघ संरक्षण"
पार्क प्रबंधन का यह मैथमेटिकल आकलन उत्साहजनक जरूर प्रतीत होता है, लेकिन पन्ना टाइगर रिज़र्व में जिस तरह से ब्रीडिंग क्षमता वाली बाघिनों की मौत हुई है, वह चिंता का विषय है। बीते साल पन्ना - अमानगंज मार्ग पर एक युवा बाघिन की सड़क हादसे में मौत हुई थी, जो पन्ना पार्क के लिए अपूर्णीय क्षति है। विचारणीय बात तो यह है कि इस अति गंभीर और संवेदनशील मामले के आरोपियों को 8 माह गुजर जाने के बावजूद भी पकड़ा नहीं जा सका है। इस तरह के हादसों की पुनरावृत्ति न हो तथा बाघों को सुरक्षित,कोलाहल से मुक्त वातावरण प्रजनन के लिए मिलता रहे,यह सुनिश्चित करना भी जरुरी है। इसके लिए जंगल के आसपास निवास करने वाले लोगों का सहयोग, समर्थन व विश्वास हासिल करना होगा। क्योंकि "जन समर्थन से बाघ संरक्षण" ही पन्ना टाइगर रिज़र्व के इस मुकाम तक पहुंचने कुंजी है।
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