- परमानंद शर्मा हुए थे निर्वाचित लेकिन दूसरे दिन हो गया फेरबदल
- भाजपा समर्थित राम शिरोमणि मिश्रा बन गए जनपद के उपाध्यक्ष
परमानंद शर्मा निर्वाचन के बाद जीत का प्रमाण पत्र लेते हुए। |
।। अरुण सिंह ।।
पन्ना। जनपद पंचायत गुनौर में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद का निर्वाचन बुधवार को संपन्न हुआ था, जिसमें परमानंद शर्मा जनपद पंचायत गुनौर के उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए थे। लेकिन निर्वाचन के कुछ घंटों बाद ही जिला निर्वाचन अधिकारी पन्ना ने उपाध्यक्ष का चुनाव निरस्त कर 28 जुलाई को पुन: लॉट सिस्टम से उपाध्यक्ष चुने जाने के आदेश जारी कर दिए। परिणाम स्वरूप 24 घंटे के भीतर ही पूर्व में निर्वाचित उपाध्यक्ष की जगह भाजपा समर्थक राम शिरोमणि मिश्रा को उपाध्यक्ष निर्वाचित घोषित किया गया। कांग्रेस समर्थित परमानंद शर्मा के उपाध्यक्ष चुने जाने पर बुधवार को जो कांग्रेस जन जश्न मना रहे थे, आज के फैसले से वे अब मायूस हैं।
उल्लेखनीय है कि उपाध्यक्ष पद के लिए भाजपा समर्थक राम शिरोमणि मिश्रा व परमानंद शर्मा कांग्रेस ने नामांकन दाखिल किया था। बुद्धवार को मतदान संपन्न होने पर परमानंद शर्मा को 13 व राम शिरोमणि मिश्रा को 12 वोट मिले थे। पीठासीन अधिकारी ने परमानंद शर्मा को जीत का प्रमाण पत्र भी प्रदान कर दिया था। लेकिन भाजपा समर्थित प्रत्याशी की इस शिकायत पर कि एक वोट रिजेक्ट की श्रेणी में आता है, इसकी जांच कराकर दुबारा चुनाव कराया जाए। जिला निर्वाचन अधिकारी ने मामले की जांच कराते हुए एक वोट को निरस्त मानकर दोनों को 12-12 मत देते हुए लॉट सिस्टम से गुरुवार को उपाध्यक्ष का चुनाव कराने के आदेश जारी किये। परिणाम स्वरूप गुरुवार को भाजपा समर्थित राम शिरोमणि मिश्रा को उपाध्यक्ष पद के लिए निर्वाचित घोषित कर दिया गया।
जीते प्रत्याशी को हराना बहुत ही शर्मनाक - शारदा पाठक
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर सोशल मीडिया में जहां तरह तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, वहीं जिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष श्रीमती शारदा पाठक ने मामले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
उनका कहना है कि जिले की गुनौर जनपद पंचायत में उपाध्यक्ष पद पर कांग्रेस पार्टी के नेता परमानंद शर्मा 27 जुलाई को संपन्न हुए चुनाव में विजय हुए, उन्हें उसका प्रमाण पत्र भी प्रदान कर दिया गया। लेकिन 24 घंटे भी नहीं हुए और पन्ना के प्रशासन ने उन्हें हराकर भाजपा के कार्यकर्ता को उपाध्यक्ष निर्वाचित कर दिया। इस पूरी घटना से यह स्पष्ट प्रतीत हो गया है कि पन्ना जिले में प्रशासन नाम की कोई चीज नहीं है। चारों तरफ हिटलरशाही व्याप्त है और सत्ता के चाटुकार यहां के अफसर बन चुके हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती पाठक ने इसे बहुत ही शर्मनाक बतलाया। उन्होंने कहा कि यह पहली बार देखने में मिला कि शाम को याचिका दायर होती है और सामने वाले व्यक्ति को सुनवाई का मौका नहीं दिया जाता है और फैसला सुना दिया जाता है कि दूसरे दिन दोपहर 12 बजे उपाध्यक्ष का चुनाव संपन्न होगा। श्रीमती पाठक ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर जो यहां के कलेक्टर सहित अन्य अधिकारी कर रहे हैं वह कतई उचित नहीं है। पन्ना जिले की जनता में इन सभी घटनाक्रमों को लेकर काफी आक्रोश व्याप्त है और वह आने वाले समय पर इसका जबाब देगी। श्रीमती पाठक ने कहा कि यह तो हद हो गई कि पन्ना का जिला प्रशासन भाजपा की पूरी तरह से कठपुतली बनकर उनके इशारे पर नाच रही है। श्रीमती पाठक ने इसकी जानकारी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ सहित अन्य नेताओं को देते हुए इस मामले में हस्तक्षेप करने की बात कही है।
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