Thursday, December 13, 2018

परिवर्तन की बयार का पन्ना में नहीं दिखा असर



  •   पन्ना सीट से बृजेन्द्र प्रताप सिंह  भारी मतों से जीते
  •   पवई से मुकेश नायक को हराकर प्रहलाद बने नायक




रिटर्निंग आफीसर से जीत का प्रमाण पत्र लेते हुये बृजेन्द्र प्रताप सिंह। 
अरुण सिंह, पन्ना। समूचे प्रदेश में अन्दरूनी तौर पर मन्द-मन्द चलने वाली परिवर्तन की बयार का पन्ना जिले में कोई खास असर दिखाई नहीं दिया। मंगलवार को घोषित हुये चुनाव परिणामों से यह साबित हो गया है कि पन्ना विधानसभा सीट भाजपा का ऐसा अभेद्य किला है, जिस पर फतह हासिल करना यदि नामुमकिन नहीं तो कठिन अवश्य है। इस बार कांग्रेस ने पन्ना सीट से लोकप्रिय और युवा प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारा था, जिससे शुरूआती दौर में समूचे विधानसभा क्षेत्र में यह आम चर्चा थी कि कांग्रेस इस बार भाजपा के अभेद्य किले में सेंध लगाने में कामयाब होगी। लेकिन भाजपा ने ऐन मौके पर अपनी रणनीति बदली और पवई सीट से घोषित हो चुके प्रत्याशी बृजेन्द्र प्रताप ङ्क्षसह को पन्ना से चुनाव मैदान में उतार दिया। भाजपा की यह रणनीति कामयाब रही और पन्ना का किला न सिर्फ सुरक्षित रहा अपितु यहां से पार्टी को शानदार जीत भी हासिल हुई।
उल्लेखनीय है कि पन्ना विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी बृजेन्द्र प्रताप ङ्क्षसह को 68359 मत प्राप्त हुये जो अब तक इस सीट पर किसी भी प्रत्याशी को मिले मतों से अधिक है। आज तक इतने मत कभी किसी प्रत्याशी को नहीं मिले। संपन्न हुये चुनाव में इस सीट से प्रमुख प्रतिद्वन्दी कांग्रेस के शिवजीत ङ्क्षसह को 47651 मत प्राप्त हुये। यह आँकड़ा भी इस सीट पर अब तक किसी भी कांग्रेस प्रत्याशी को मिले मतों से काफी अधिक है। इसके बावजूद कांग्रेस को यहांं 20708 मतों के भारी अन्तर से हार का सामना करना पड़ा है। चुनाव प्रचार के दौरान सबसे ज्यादा चॢचत प्रत्याशी बसपा की अनुपमा चरण ङ्क्षसह यादव रही हैं। उ.प्र. के झांसी से पन्ना आकर चुनाव लडऩे वाली यह प्रत्याशी पूरे ताम झाम के साथ उ.प्र. की ही तर्ज पर चुनाव लड़ा, लेकिन पन्ना के मतदाताओं ने उन्हें स्वीकार नहीं किया। जैसी उम्मीद थी इन्हें जातिगत समीकरणों के आधार पर वोट मिले, जबकि इनकी जीत का दावा किया जा रहा था। बसपा प्रत्याशी को यहां सिर्फ 22818 मत ही प्राप्त हो सके, जबकि जन अधिकार पार्टी के प्रत्याशी महेन्द्रपाल वर्मा को 10973 मत मिले। पन्ना सीट से सपा प्रत्याशी दशरथ यादव को महज 3251 मतों से ही सन्तोष करना पड़ा।
जिले की चॢचत पवई विधानसभा सीट में जरूर चौंकाने वाला और अप्रत्याशित परिणाम आया है। इस सीट पर क्षेत्रीय प्रत्याशी का मुद्दा काफी असरकारक रहा, जिसके चलते कांग्रेस के कद्दावर नेता व विधायक मुकेश नायक को करारी हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस प्रत्याशी मुकेश नायक को एक अपरिचित क्षेत्रीय भाजपा के प्रत्याशी ने 23 हजार से भी अधिक मतों से जीत दर्ज कर पवई का नायक बन गया। पवई सीट से भाजपा प्रत्याशी प्रहलाद लोधी को रिकार्ड 79647 मत मिले जबकि कांग्रेस प्रत्याशी मुकेश नायक को 55967 मत ही हासिल हुये। इस तरह से भाजपा प्रत्याशी ने श्री नायक को 23680 मतों के अन्तर से पराजित किया। यहां से सपा के युवा प्रत्याशी भुवन विक्रम ङ्क्षसह ने भी अपनी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज करते हुये 22384 मत प्राप्त किये हैं। जबकि बसपा के सीताराम पटेल को 14381 तथा गोंगपा के महिपाल ङ्क्षसह को 9913 मत मिले हैं।

गुनौर विधान सभा सीट में खुला कांग्रेस का खाता

 गुनौर सीट से जीते शिवदयाल बागरी प्रमाण पत्र प्राप्त करते हुये।
जिले की तीन विधानसभा सीटों में दो पर भाजपा का कब्जा होने के साथ ही भारी कसमकस के बाद सुरक्षित विधानसभा सीट गुनौर में कांग्रेस को मामूली मतों के अन्तर से जीत का स्वाद मिला। पिछले चुनाव में हार का स्वाद चख चुके कांग्रेस के शिवदयाल बागरी को इस बार गुनौर क्षेत्र के मतदाताओं ने मामूली अन्तर से ही सही लेकिन विधानसभा पहुँचा दिया है। भाजपा प्रत्याशी राजेश वर्मा से हुये कांटे के मुकाबले में शिवदयाल बागरी ने 1984 मतों के अन्तर से जीत दर्ज की है। श्री बागरी को 57658 मत मिले जबकि भाजपा प्रत्याशी राजेश वर्मा को 55674 मत ही प्राप्त हो सके। गुनौर सीट से बसपा प्रत्याशी जीवन लाल सिद्धार्थ को 32793 मत हासिल हुये हैं।

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