Friday, February 1, 2019

जवानों में भी कई बूढ़े हैं,और बूढ़ों में भी कई जवान

।। अरुण सिंह पन्ना ।।

कई पीढ़ियों को शिक्षित और संस्कारित करने वाले शिक्षक श्री अम्बिका प्रसाद खरे। 

वक्त से पहले ही बूढ़े हो चुके निराश हताश और तनाव से भरे युवक मौजूदा समय हर जगह मिल जाएंगे, लेकिन 87 वर्ष का उर्जा से लबरेज हर समय कुछ नया सीखने की ललक वाला प्रशन्न चित्त युवक निश्चित ही दुर्लभ घटना है। 87 वर्ष के इस युवा से मिलना और उनके अनुभवों को साझा करना किसी के लिए भी प्रेरणादाई साबित हो सकता है। आकर्षक व्यक्तित्व का धनी यह युवा मंदिरों के शहर पन्ना में किसी परिचय का मोहताज नहीं है, क्योंकि अपने लंबे जीवन काल में इन्होंने कई पीढय़िों को शिक्षित और संस्कारित किया है ।इनके पढ़ाए हुए न जाने कितने विद्यार्थी कब बुढ़ापे की दहलीज को लांघते हुए इस दुनिया से ही कूच कर गए लेकिन यह बुजुर्ग युवा आज भी ताजगी से भरा है और शिक्षा की रोशनी फैलाने के कार्य में जुटा हुआ है। नई पीढ़ी को प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण से जोड़ने के लिए भी इनके द्वारा अभिनव पहल की गई जो अनवरत जारी है। इस उम्र में भी उनकी आंखों की चमक कायम है बिना चश्मे के उन्हें लिखते और पढ़ते हुए देख आज के युवक  आश्चर्य से भर जाते हैं। अब तो आप समझ गए होंगे यह शख्स कौन है ? ठीक समझा यह अंबिका प्रसाद खरे हैं जिन्हें लोग अंबिका सर कहते हैं। पिछले दिनों पन्ना बफर क्षेत्र के अकोला जंगल में इस बुजुर्ग युवा का सानिध्य मिला फलस्वरुप यह सब लिखने से अपने को नहीं रोक पाया। अंबिका जी को देख कर यह एहसास हुआ कि
जवानों में भी कई बूढ़े हैं,और बूढ़ों में भी कई जवान हैं।
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1 comment:

  1. Really sad news. Very apt description. I also used to introduce Sir as youngest person of the camp. My association with sir is 12 year long and a gem of person. His contribution of making unique "Panna Nature Camps" a effective tool of joing people with parks will bw remembered in the times to come. I pray ALMIGHTY to rest his soul in peace and provide Family strength to overcome the grief. Om Shanti 🌹🌹🌹🙏🙏🙏

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