Thursday, March 21, 2019

मन्दिर जहां फूलों के रंग से खेली जाती है होली

  •   चांदी की पिचकारी से डाला जाता है केशर का रंग
  •   देश के कोने-कोने से होली खेलने पहुँचते हैं श्रद्धालु


 पन्ना स्थित बाई जू राज महारानी जी का मंदिर। 

   । अरुण सिंह 

पन्ना। म.प्र. के पन्ना शहर में एक मंदिर ऐसा भी है जहां सुंगधित फूलों एवं केशर के रंग से होली खेली जाती है। मन्दिर की इस अनूठी होली का आनंद लेने देश के कोने-कोने से लोग यहां आते हैं और यहां की होली के रंग में सराबोर होते हैं। पन्ना के श्री प्राणनाथ जी मंदिर में होली का त्यौहार मथुरा, वृंदावन की तर्ज पर मनाया जाता है। हजारों की संख्या में देश के कोने-कोने से लोग आकर पूरी श्रद्धाभाव से त्यौहार मनाते हैं। यहां केमिकल युक्त रंगों का प्रयोग नहीं होता सिर्फ फूल  के रंग के साथ-साथ शुद्ध गुलाल जिसमें किसी प्रकार का केमिकल नहीं होता उसी का उपयोग किया जाता है।

उल्लेखनीय है कि रंगों के पर्व होली पर मन्दिरों के शहर पन्ना में एक अलग ही नजारा देखने को मिलता है। जन आस्था के केन्द्र पन्ना के श्री जुगल किशोरजी मन्दिर में होली का उत्सव रंगपंचमी तक चलता है। श्रद्धालु यहां पहुँचकर भगवान जुगल किशोर को अबीर चढ़ाकर होली खेलते हैं। इस मन्दिर में फागोत्सव की भी धूम रहती है। रंगों के पर्व होली का आगाज बुधवार को होलिका दहन के साथ हो गया। शहर में जगह-जगह होलिका दहन किया गया। 

होली के इस पावन पर्व पर बच्चों में विशेष उत्साह देखा गया। दो दिन पहले से ही बच्चे अपने-अपने मोहल्ले को रंग-बिरंगी झंडियों से सजाने में लग गये। अपनी-अपनी परीक्षाओं के समाप्त होने पर छात्र-छात्रायें पूरी तरह होली के रंग में रंगे दिखे। कई जगह देखा गया कि बच्चों द्वारा इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। जिसमें नन्हें-मुन्हें बच्चों द्वारा विभिन्न संदेशात्मक विषयों पर नाटकों का मंचन किया गया।

मंदिर प्रांगण में फूलों की पंखुडिय़ों व सुंगधित गुलाल से होली खेलते श्रद्धालु।

सुप्रसिद्ध प्राणनाथ जी मंदिर की बात की जाये तो होलिकादहन के एक दिन पूर्व ही फागों के स्वरलहरी में सुन्दरसाथ आत्मविभोर होकर अपने धाम धनी को मनाते हैं। होली में चांदी की पिचकारी में रंग भरकर सभी सुन्दर साथ को केसर मिश्रित सुगन्धित रंगों से सराबोर कर देते हैं तो वहीं दूसरी तरफ जुगल किशोर जी मंदिर में जब टेसू के फूलों से बनाई गई सुगन्धित रंगों से होली खेली जाती है तो लगता है भगवान स्वयं अनन्त स्वरूप होकर अपने भक्तों के बीच हंसी ठिठोली कर उनके जीवन को धन्य कर रहे हैं। 

श्री पद्मावतीपुरी धाम पन्ना में जो कि प्रणामी सम्प्रदाय का प्रमुख तीर्थ स्थल है, यहां प्रत्येक त्यौहार में हजारों की संख्या में श्रद्धालु देश के कोने-कोने से आते हैं। होली के त्यौहार में भी देश के कोने-कोने से श्रद्धालुओं का जमावड़ा पन्ना में विगत एक सप्ताह से शुरू हो गया था। मथुरा-वृन्दावन की तरह यहां मनाया जाने वाला होली का यह त्यौहार बड़े ही उत्साह पूर्वक मनाया जाता है। इस मंदिर में  जहां केशर के रंग और गुलाल उड़ती है तो वहीं फूलों की पंखुडिय़ों की वर्षा सभी सुन्दरसाथ का मन मोह लेती है। 

मालुम ही नहीं पड़ता कि कौन श्रद्धालु किस प्रदेश से आया है। क्योंकि यहां आकर सभी एक ही रंग में रंग जाते हैं। यहां अपने-पराये का कोई भेदभाव नहीं रहता। सभी होली की मस्ती में अपने आपको भिगो लेते हैं। इस बार श्री प्राणनाथ जी मंदिर में होली के उत्सव में शामिल होने गुजरात, पंजाब, महाराष्ट, उत्तर प्रदेश, राजस्थान सहित नेपाल व अमेरिका से भी श्रद्धालुगण पहुंचे हैं।



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