Sunday, March 24, 2019

नेचर कैम्प में वनराज व पानी के राजा का हुआ दीदार

  •   टाईगर रिजर्व प्रबन्धन ने पत्रकारों को कराया जंगल की सैर
  •   पीपरटोला के ग्रास लैण्ड में दिखाई दिये चीतलों के झुण्ड




। अरुण सिंह 

पन्ना। जंगल में स्वच्छन्द रूप से विचरण करते हुये वनराज को निकट से देखना अपने आप में जहां रोमांचक अनुभव होता है, वहीं नदी में नौका बिहार के दौरान तट में आराम फरमाते पानी के राजा मगर को निहारना भी कम दिलचस्प नहीं है। ऐसा संयोग कभी कभार ही होता है कि एक ही दिन में कुछ घण्टों के दरम्यान वनराज व पानी के राजा मगर के दर्शन का सौभाग्य मिले। लेकिन बाघों से आबाद हो चुके म.प्र. के पन्ना टाईगर रिजर्व में ऐसा संयोग आये दिन घटित हो रहा है। 

यहां आने वाले देशी व विदेशी पर्यटक जहां बाघों का दीदार करते हैं, वहीं केन नदी में नौकायन का लुत्फ उठाते हुये नदी तट पर रेत व चट्टानों पर आराम करते मगर भी देखते हैं। नेचर कैम्प के तहत रविवार 24 मार्च को जिले के पत्रकारों को पार्क प्रबन्धन द्वारा जंगल की सैर कराया गया, जिसमें पत्रकारों को बाघ परिवार के जहां दर्शन हुये वहीं केन नदी में मगर का भी दीदार करने का अवसर प्राप्त हुआ।




उल्लेखनीय है कि वन व वन्य प्राणी संरक्षण के प्रति जनमानस विशेषकर छात्र-छात्राओं व वन क्षेत्र के आस-पास रहने वाले लोगों में अभिरूचि और जागरूकता पैैदा करने के लिये विगत कई वर्षों से नेचर कैम्प आयोजित किये जा रहे हैं। प्रत्येक रविवार को आयोजित होने वाले इस नेचर कैम्प में प्रतिभागियों को जहां जंगल की सैर कराई जाती है, वहीं उन्हें वन्य प्राणियों, विभिन्न प्रजाति के पक्षियों तथा वनस्पतियों के बारे में रोचक ढंग से जानकारी भी दी जाती है। 

पन्ना टाईगर रिजर्व द्वारा आयोजित होने वाले ये नेचर कैम्प स्कूली छात्र-छात्राओं के बीच बेहद लोकप्रिय हुआ है। कैम्प में भाग लेने वाले सैकड़ों बच्चे प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण के लिये प्रेरित हुये हैं। इसी नेचर कैम्प के तहत पार्क प्रबन्धन द्वारा 24 मार्च को जिले के पत्रकारों को टाईगर रिजर्व का भ्रमण कराया गया, जो पत्रकारों के लिये अत्यधिक रोमांचकारी और अविस्मरणीय रहा। 

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक पत्रकारों का दल क्षेत्र संचालक पन्ना टाईगर रिजर्व कार्यालय से सुबह 6 बजे नेचर कैम्प की विशेष 30 सीटर मिनी बस से हिनौता के लिये प्रस्थान किया। हिनौता प्रवेश द्वार से जंगल के विविध रूपों को निहारते तथा वन्य प्राणियों का दीदार करते हुये पत्रकारों का दल व्यवस्थापित हो चुके पीपरटोला ग्राम के ग्रास लैण्ड में पहुँचा। पूर्व में यहां भरा-पूरा गाँव था जो अब बेहतरीन घास के मैदान में तब्दील हो चुका है तथा यहां पर हजारों की संख्या में बेर के वृक्ष व झाडिय़ां उग आई हैं। यह मैदान शाकाहारी वन्य जीवों के लिये किसी जन्नत से कम नहीं है।

पेड़ों के नीचे दिखे चीतलों के झुण्ड





सुबह के लगभग 8:30 बज चुके थे और धूप तीखी होने लगी थी। ऐसी स्थिति में यह अनुमान लगाया जा रहा था कि अब वनराज के दर्शन हो पाना मुश्किल है। इसलिये पीपरटोला के मैदान में पेड़ों के नीचे खड़े व बैठे चीतलों के झुण्ड को ही निहार कर और उन्हें अपने कैमरों में कैद कर संतोष किया। इस मैदान में जिधर नजर डालो उधर चीतल ही चीतल नजर आ रहे थे, यह अद्भुत दृश्य सभी को बड़ा प्रीतिकर लग रहा था। 

कहीं किसी पेड़ के नीचे सांभरों का समूह भी दिखाई दे रहा था। काफी देर तक पत्रकारों ने इन शाकाहारी वन्य प्राणियों की विविध क्रियाकलापों को न सिर्फ निहारा अपितु मनमर्जी के मुताबिक फोटो भी उतारे। इसी दरम्यान कुछ ही दूर जंगल में अलार्म काल सुनाई, जो इस बात का संकेत थी कि आस-पास कोई बड़ा मांसाहारी जीवन मौजूद है। अलार्म काल की दिशा में तुरन्त वाहन को दौड़ा दिया गया।

दो शावकों  के साथ नजर आई बाघिन





पीपरटोला कैम्प से कुछ ही दूरी पर नाले के पास तकरीबन एक दर्जन जिप्सियां तथा उनमें सवार पर्यटक अलार्म काल की दिशा में एकटक निहार रहे थे। अचानक घनी झाडिय़ों के बीच से बाघिन अपने दो शावकों के साथ प्रकट हुई। इस अद्भुत दृश्य को निहारने तथा अपने कैमरों में कैद करने के लिये वहां मौजूद पर्यटक चौकन्ने हो गये। कुछ ही क्षणों में यह बाघिन सूखे नाले को पार करते हुये निश्चिन्त भाव से शावकों के साथ केन नदी की तरफ निकल गई। 

सुबह के तकरीबन 9 बजे जब बाघों का मूवमेन्ट थम जाता है, उस समय शावकों के साथ बाघिन का दीदार कर पर्यटन खुशी से झूम उठे। पत्रकारों का दल भी इस रोमांचक और खुशी से भरपूर लमहे का सहभागी बना। इस तरह से आज का यह नेचर कैम्प उन पत्रकारों के लिये यादगार बन गया जिन्होंने पहली मर्तबे वनराज को जंगल में स्वच्छन्द रूप से विचरण करते देखा था। 

बाघिन का दीदार करने के बाद पत्रकारों का दल केन नदी में नौकायन का लुत्फ उठाने पहुँचा और यहां भी भाग्य ने साथ दिया फलस्वरूप नदी के तट पर विश्राम करते कई मगर भी देखने को मिले। पार्क भ्रमण के दौरान स्टेनो प्रदीप द्विवेदी पूरे समय पत्रकार दल के साथ रहे। भ्रमण उपरान्त हिनौता गेट पर पत्रकारों ने अपने अनुभव क्षेत्र संचालक पन्ना टाईगर रिजर्व के.एस. भदौरिया के साथ साझा किये। इस मौके पर श्री भदौरिया ने पार्क प्रबन्धन की कार्यप्रणाली व योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
00000



3 comments:

  1. Hearty Congratulations to Team Panna for continuing the good traditions. Thank you Arun Singh ji.

    ReplyDelete
  2. The the next time I read a weblog, Lets hope so it doesnt disappoint me as much as that one. What i’m saying is, I know it was my replacement for read, but When i thought youd have some thing interesting to say. All I hear is often a few whining about something that you could fix in case you werent too busy searching for attention. putlockers

    ReplyDelete
  3. Totaro & Associates has published a new study of the patent landscape of utility grade, horizontal axis wind turbines. We looked at 1461 patents in the US and provided a component and technology keyword classification, assessment of industry relevance as well as look at future technology trends in this space. ดูอนิเมะ

    ReplyDelete