- दो मध्यम सिंचाई परियोजनाओं का कार्य छिनने से पन्ना संभाग में खलबली
- धीमी प्रगति को देखते हुये प्रमुख अभियन्ता ने जारी किया आदेश
- निर्णय से कार्यपालन यंत्री जे.के. ठाकुर की कार्यक्षमता को लेकर उठे सवाल
कार्यालय कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग पन्ना। |
अरुण सिंह,पन्ना। जल संसाधन संभाग पन्ना के अन्तर्गत निर्माणाधीन जिले की दो बड़ी मध्यम सिंचाई परियोजनायें रूंज व मझगांय का कार्य अब जल संसाधन संभाग पवई के कार्यपालन यंत्री बी.एल. दादौरिया की देखरेख में होगा। दोनों ही बड़ी परियोजनाओं को जल संसाधन संभाग पन्ना से जल संसाधन संभाग पवई स्थानांतरित कर दिया गया है। इस आशय के आदेश प्रमुख अभियन्ता जल संसाधन विभाग भोपाल मदन सिंह डाबर ने 10 जुलाई 2019 को जारी किये हैं। जारी किये गये इस आदेश में लेख किया गया है कि कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग पन्ना के अधीन वर्तमान में रूंज व मझगांय मध्यम सिंचाई परियोजना का सम्पादन किया जा रहा है। उक्त परियोजनाओं को त्वरित गति प्रदान करने की दृष्टि से प्रशासकीय हित में अस्थाई रूप से आगामी आदेश तक पुनर्विनियोजन फलस्वरूप कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग पवई जिला पन्ना में स्थानांतरित किया जाता है। प्रमुख अभियन्ता के इस अप्रत्याशित आदेश से जल संसाधन संभाग पन्ना में जहां खलबली मची हुई है, वहीं कार्यपालन यंत्री जे.के. ठाकुर की योग्यता और कार्यक्षमता को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं।
उल्लेखनीय है कि जिला मुख्यालय पन्ना के निकट रूंज नदी के प्रवाह क्षेत्र में 269.79 करोड़ रू. की लागत वाली रूंज मध्यम सिंचाई परियोजना का कार्य विवादों के चलते अधर में लटका हुआ है। भू-अर्जन का कार्य भी पूरा नहीं हो पाया है तथा मुआवजा राशि को लेकर भी डूब क्षेत्र में आने वाले प्रभावित किसानों में असंतोष है। इन्हीं कारणों के चलते इस महत्वाकांक्षी सिंचाई परियोजना का कार्य लटका हुआ है। कमोवेश यही स्थिति 35899.00 लाख रू. की लागत वाली मझगांय मध्यम सिंचाई परियोजना की भी है। अजयगढ़ विकासखण्ड के ग्राम कुँवरपुर के पास निर्माणाधीन इस परियोजना के पूर्ण होने पर 12 हजार 600 हेक्टेयर कृषि भूमि की जहां सिंचाई होगी, वहीं इस इलाके के 118 ग्रामों के 1 लाख 68 हजार 441 लोगों की बड़ी आबादी को ग्रामीण समूत जल प्रदाय योजना के तहत शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जायेगा। अब तक इस परियोजना में 21 हजार 898.83 लाख रू. व्यय किये जा चुके हैं। लेकिन परियोजना का कार्य जिस गति से चलना चाहिये, वह नहीं चल रहा जिसे दृष्टिगत रखते हुये रूंज के साथ-साथ मझगांय मध्यम सिंचाई परियोजना को भी पन्ना संभाग से स्थानांतरित कर जल संसाधन संभाग पवई के हवाले कर दिया गया है।
निर्माणाधीन रूंज मध्यम सिंचाई परियोजना का कार्य स्थल । |
इन दो बड़ी परियोजनाओं के निकल जाने से अब जल संसाधन संभाग पन्ना में कोई भी बड़ा कार्य नहीं बचा है। इस संभाग के अन्तर्गत पूर्व में जितने भी कार्य हुये हैं उनमें से अधिकांश विवादों में घिरे रहे हैं। विगत 5 वर्ष पूर्व फूटा भितरी मुटमुरू बांध आज भी जस की तस अधूरा पड़ा हुआ है। इसके अलावा छोटे-छोटे जिन बांधों का निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है, उनसे रूपांकित ङ्क्षसचाई क्षमता के अनुरूप सिंचाई भी नहीं हो रही। सूत्रों के मुताबिक जल संसाधन संभाग पन्ना में अनुभवहीन, निष्क्रिय और अक्षम अधिकारी व कर्मचारी भरे हैं, जिसका असर सिंचाई परियोजनाओं की कार्य प्रगति पर पड़ रहा है। इसी बात को दृष्टिगत रखते हुये संभवत: प्रमुख अभियन्ता जल संसाधन भोपाल द्वारा यह महत्वपूर्ण और चौंकाने वाला परिवर्तन किया है। अब जल संसाधन संभाग पन्ना के अन्तर्गत सिर्फ छोटी परियोजनाओं की देखरेख और मेंटेनेन्स का ही कार्य रह गया है।
जानकारों के मुताबिक जल संसाधन संभाग पवई के कार्यपालन यंत्री बी.एल. दादौरिया बहुत ही अनुभवी और सुलझे हुये इंजीनियर हैं। अपनी कार्यक्षमता और काबिलियत के चलते भोपाल तक इनकी अच्छी इमेज है। इतना ही नहीं पवई मध्यम सिंचाई परियोजना का कार्य जिस तरह से इनकी देखरेख में पूर्णता की ओर अग्रसर है, वह भी एक बड़ी वजह है कि रूंज व मझगांय सिंचाई परियोजनाओं की जवाबदारी भी इन्हें सौंपी गई है ताकि इनका कार्य भी तेज गति से चल सके। जल संसाधन विभाग से जुड़े ठेकेदारों का भी यह कहना है कि दादौरिया जी की देखरेख में रूंज व मझगांय का कार्य बेहतर ढंग से हो सकेगा, इन्होंने प्रमुख अभियन्ता के निर्णय को विभाग व जिले के हित में बताया है।
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बहुत अच्छी जानकारी।
ReplyDeletePlease visit...सिंचाई की विधियां (Irrigation of methods in Hindi)