Tuesday, August 6, 2019

जंगल की वनाच्छादित भूमि में बेखौफ होकर हो रहा अतिक्रमण

  • उत्तर वन मंडल के देवेन्द्रनगर परिक्षेत्र में सौ से भी अधिक लोगों ने किया कब्ज़ा 
  • भवानीपुर बीट के जंगल में करीब डेढ़  दो किमी. क्षेत्र में बन गई हैं झुग्गियां 
  • वन अमले की लापरवाही और अनदेखी के चलते अतिक्रमण की समस्या हुई गंभीर 


देवेंद्रनगर वन परिक्षेत्र के भवानीपुर बीट में हुये अतिक्रमण का द्रश्य। 

अरुण सिंह,पन्ना। वनों की सुरक्षा और पर्यावरण को संतुलित बनाये रखने के लिए एक ओर जहां  पौधरोपण के लिए जिले भर में जगरूकता अभियान व  रैलियों का आयोजन किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर वन अमले लापरवाही और अनदेखी के चलते  जंगल की भूमि में  खुले आम जहाँ - तहाँ बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हो रहा है। ताजा मामला पन्ना जिले के उत्तर वन मण्डल में देवेन्द्रनगर परिक्षेत्र के अन्तर्गत वन चौकी पहाड़ीखेरा के भवानीपुर बीट का  है।  नागौद-कालींजर स्टेट हाईवे सड़क मार्ग के किनारे उमरी, भवानीपुर, हनुमानपुर, टिगुंलीटोला आदि ग्रामों के सैकड़ों लोगों ने जंगल की करीब 20 हेक्टेयर जमीन पर झोपड़ी बनाकर लगभग डेढ़ से दो किमी तक अवैध कब्जा कर लिया है।
उल्लेखनीय है कि इस बेशकीमती वनाच्छादित भूमि पर अवैध कब्जा होने से जंगल व पर्यावरण को भारी नुकसान होने की सम्भावना जताई जा रही है। वन अमले की अनदेखी और लापरवाही के  कारण यह स्थित निर्मित हो रही है। वन भूमि पर झोपड़ी बनाकर कब्जा करने वालों ने बताया कि हम लोग इस जमीन पर वर्षों से झाड़ी काटकर काबिज चले आ रहे हैं। हमारे बसने व निवासरत रहने की जगह न होने के कारण हम लोगों के द्वारा अतिक्रमण किया गया है। इनका यह  भी कहना है कि डिप्टी व रेन्जर द्वारा हमसे पैसे लेकर हमें काबिज होने के लिए कहा गया था। वन भूमि पर अवैध कब्जों से जंगल जहां उजड़ रहे हैं वहीँ वन्य प्राणी मजबूर होकर आबादी क्षेत्र की ओर जाने को मजबूर हैं, जिससे वन्य प्राणियों और ग्रामीणों  के बीच संघर्ष की स्थिति निर्मित हो रही है। इसका सबसे दु:खद और चिंताजनक पहलू यह है कि जंगल कटने  के साथ - साथ  बहुमूल्य वनौषधियॉ भी अपना अस्त्तिव खोती जा रही हैं। वन भूमि पर अतिक्रमण की इस गंभीर हो चुकी समस्या की ओर वन मंडलाधिकारी उत्तर वन मंडल पन्ना नरेश सिंह यादव का ध्यान आकृष्ट कराये जाने पर आपने स्वीकार किया कि वन भूमि में अतिक्रमण हुआ है, जिसके लिये कहीं न कहीं वन अमले की अनदेखी और नकारापन जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि जिम्मेदार वनकर्मियों के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी तथा वन भूमि से अतिक्रमण हटवाया जायेगा।

वन अमले से बेखौफ हैं अतिक्रमणकारी 


मौके पर मौजूद जंगल में झुग्गी बनाकर रहने वाले अतिक्रमणकारी । 

वनाच्छादित भूमि पर डेढ़ से दो किमी. तक अतिक्रमण कर झुग्गियां बनाकर रह रहे लोग इतने बेखौफ हैं कि उन्हें वन अमले से भी कोई भय नहीं लगता। हालात ये हैं कि वन अमला भी पुलिस फ़ोर्स के बिना अतिक्रमण स्थल पर  जाने से कतरा रहा है। इन अतिक्रमणकारियों से इलाके के लोग भी परेशान हैं. क्योंकि वहां से वे मवेशियों को भी नहीं निकलने दे रहे। ग्रामीणों के जाने पर वे मारपीट व झगड़ा करने पर उतारू हो जाते हैं। क्षेत्र के ही निवासी राजकुमार मिश्रा ने पन्ना आकर डीएफओ श्री यादव को बताया कि कुछ  वनकर्मी  अतिक्रमण करने वालों के बीच जाकर बैठते हैं जिससे उनके हौसले बढे  हुये हैं। ग्रामीण ने बताया कि ये लोग रातोरात अतिक्रमण कर  झुग्गी बना लेते हैं। इनमें से ज्यादातर लोग ईंट गारा का काम करते हैं, कारीगर हैं जिससे कुछ  दिनों में ईंट गारे का घर भी तैयार कर लेते हैं। वन भूमि में कुछ घर बन भी चुके हैं।

डीएफओ ने डिप्टी रेंजर व वीट गार्ड को दिया नोटिस  



नरेश सिंह यादव डीएफओ 
वन मंडलाधिकारी नरेश सिंह यादव  ने डिप्टी रेंजर दद्दी प्रसाद यादव व बीट गार्ड गोरेलाल द्विवेदी को फटकार लगाते हुये उन्हें कारण बताओ नोटिस थमाया है। डीएफओ का साफ कहना है कि वन अमले की मिली भगत के बिना इतने बड़े पैमाने पर अतिक्रमण संभव नहीं है। उन्होंने डिप्टी रेंजर व बीट गार्ड की इस बात को कि अतिक्रमण एक रात  में हुआ है को  सिरे से ख़ारिज करते हुये कहा कि इतना बड़ा अतिक्रमण एक ही रात में  कैसे संभव हो सकता है ? निश्चित ही  इसके लिए किसी न किसी रूप में वन अमला जिम्मेदार है, अपनी जवाबदारी से वे बच नहीं सकते ।  श्री यादव ने कहा कि डिप्टी रेंजर व बीट गार्ड के खिलाफ निलंबन की कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने वन परिक्षेत्राधिकारी देवेंद्रनगर को निर्देश दिये कि जब तक वन भूमि से पूरी तरह अतिक्रमण नहीं हट जाता तब तक अतिक्रमण वाली वन भूमि पर कैम्प करें। डीएफओ ने मामले के संबंध में पुलिस की मदद लेने के लिये एसपी पन्ना मयंक अवस्थी को पत्र भी लिखा है। उन्होंने बताया कि पुलिस व राजस्व अमले के साथ मौके पर जाकर वन भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जायेगी।

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