Sunday, September 15, 2019

बरबीरा बांध के पानी से खेती बनेगा लाभ का धन्धा

  •   बराछ गाँव के पास बरबीरा नाले में बनकर तैयार हुआ बांध
  •   7 करोड़ रू. की लागत वाले इस डेम से 11सौ एकड़ में होगी सिंचाई
  •   बराछ सहित नजदीकी पाँच गाँव के किसानों को मिलेगा लाभ


बराछ गांव के  पास बरबीरा नाले में नवनिर्मित सिंचाई बांध। 

 अरुण सिंह,पन्ना। सिंचाई सुविधाओं के बिना खेती से अच्छा उत्पादन लेने तथा खेती को लाभ का धन्धा बनाने की कल्पना नहीं की जा सकती। कृषि योग्य भूमि तेजी से बढ़ती आबादी के अनुपात में बहुत कम है, ऐसी स्थिति में उन्नत कृषि तकनीक का उपयोग व सिंचाई सुविधाओं का विस्तार कर उत्पादन बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है ताकि अन्नदाता किसान खुशहाल जिन्दगी जी सके। म.प्र. के पन्ना जिले में वन क्षेत्र अधिक होने के कारण कृषि भूमि सीमित है। इस कृषि भूमि को सिंचित बनाने के लिये जिले में सिंचाई जलाशयों व बांधों का योजनाबद्ध तरीके से इस तरह निर्माण कराया जा रहा है कि अधिक से अधिक कृषि भूमि सिंचित हो सके और किसान आराम से दो फसल ले सकें। जिले में केन नदी के तेन्दूघाट पर बनकर तैयार हुई पवई मध्यम सिंचाई परियोजना के साथ ही रून्ज व मझगांय मध्यम सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण का कार्य अब तेजी से शुरू किया गया है। इन बड़ी सिंचाई परियोजनाओं के अलावा जिले में छोटे किन्तु बेहद उपयोगी तालाबों का भी निर्माण कराया गया है, जिनमें बराछ गाँव के पास बनकर तैयार हुआ बरबीरा बांध है।

बांध बनने से होने वाले लाभ की जानकारी देते किसान।

जिला मुख्यालय पन्ना से लगभग 20 किमी दूर बराछ गाँव के निकट बरबीरा नाला पर बना यह बांध बराछ सहित इटवांकला, गौरा, शिवराजपुर व पिपरी गाँव के किसानों के लिये वरदान साबित होगा। अंग्रेजी अक्षर यू के आकार में बने इस बेहतरीन बांध की लोकेसन इतनी अच्छी है कि अल्प बारिश में ही यह पानी से लबालब भर जायेगा। इसकी वजह बरबीरा नाला है जिसके प्रवाह क्षेत्र में इस बांध का निर्माण कराया गया है। मालुम हो कि बरबीरा नाला पन्ना टाईगर रिजर्व के जंगल से निकला है, इसकी विशेषता यह है कि थोड़ी बारिश होने पर ही जंगल व पहाड़ों का पानी सिमटकर इस नाले से बहने लगता है। बरबीरा नाले में पानी की आवक इतनी अधिक है कि तेज बारिश होने पर 24 घण्टे में ही यह बांध भर जायेगा। जाहिर है कि इस बांध के बन जाने से बराछ सहित पाँच गाँव के किसानों को अल्प वर्षा होने की स्थिति में भी सिंचाई के लिये पर्याप्त पानी मिल सकेगा। बरबीरा गांध का निर्माण कराने वाले कान्ट्रेक्टर रामबाबू सिंह ने जानकारी देते हुये बताया कि 7 करोड़ रू. की लागत वाले इस बांध की सिंचाई क्षमता 11सौ एकड़ है। बांध से साढ़े पाँच किमी लम्बी नहर का निर्माण भी कराया जा चुका है, जिससे खेतों तक पानी पहुँचेगा।

इस वर्ष भरेंगे सिर्फ 33 फीसदी पानी


 बरबीरा बांध से निकली नहर का दृश्य।
बरबीरा बांध चूंकि इसी वर्ष बनकर पूरा हुआ है, इसलिये प्रथम वर्ष बांध में क्षमता का 33 फीसदी पानी ही भरा जायेगा। अगले साल से क्षमता के अनुरूप बांध में लबालब पानी रहेगा। मालुम हो कि पन्ना जिले में इस वर्ष अभी तक औसल से भी कम 829 मिमी वर्षा हुई है जबकि पन्ना जिले की औसत वर्षा 1176.4 मिमी है। अल्प वर्षा के चलते पन्ना शहर के आस-पास स्थित जलाशय अभी तक नहीं भर पाये हैं। लेकिन बरबीरा जलाशय के गेट पूरे खुले हैं। फलस्वरूप नहर से लगातार पानी बह रहा है। इसके बावजूद बांध में पानी भरा हुआ है। तकनीकी अधिकारियों के मुताबिक बारिश का सिलसिला खत्म होने के बाद बांध का स्लूश गेट बन्द कर दिया जायेगा, फलस्वरूप पर्याप्त पानी बांध में भर जायेगा।

किसान खेतों में ले सकेंगे दो फसल


सिंचाई की सुविधा मिलने से इस क्षेत्र के किसान अपने खेतों में अब दो फसल ले सकेंगे। बराछ गाँव के जयमंगल सिंह , द्वारका पटेल व भोपाल सिंह  ने बताया कि बहुत अच्छा और मजबूत बांध बना है, इस बांध के बन जाने से इस पूरे इलाके में खुशहाली आयेगी। जिन खेतों में सिर्फ मूँग, उड़द और तिली की ही फसल ले पाते थे, वहां भी अब गेंहूँ की अच्छी पैदावार होगी। इन किसानों ने बतााय कि बरबीरा नाला जंगली नाला है, जिसका पानी बारिश में बहकर बर्वाद हो जाता था। अब यह पानी बांध में भरेगा जिसे सिंचाई के लिये उपयोग किया जा सकेगा। किसानों ने बताया कि बांध के बनने से कृषि भूमि की कीमत भी बढ़ गई है।

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