Thursday, October 10, 2019

शरद पूर्णिमा महोत्सव में शामिल होने पन्ना पहुँचे हजारों श्रद्धालु

  •  विविधता व भक्ति भाव से युक्त तेरस की सवारी निकलेगी आज
  •   महामति श्री प्राणनाथ जी मन्दिर में चल रहे विविध धार्मिक कार्यक्रम


पन्ना स्थित श्री 108 प्राणनाथ जी मन्दिर।

अरुण सिंह,पन्ना। मन्दिरों के शहर पन्ना में आयोजित होने वाले अन्तर्राष्ट्रीय शरदपूर्णिमा महोत्सव में शामिल होने के लिये देश के विभिन्न प्रान्तों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुँच चुके हैं तथा उनके आने का सिलसिला अभी भी जारी है। प्रणामी सम्प्रदाय के प्रमुख तीर्थ पद्मावतीपुरी धाम पन्ना में धार्मिक आयोजन के अन्तर्गत 11 अक्टूबर शुक्रवार की शाम विविधता व भक्तिभाव से युक्त  ऐतिहासिक तेरस की सवारी (शोभा यात्रा) पूरी भव्यता व धूमधाम के साथ श्री खेजड़ा मन्दिर से निकाली जायेगी। इस सवारी में देश-विदेश से आये हजारों श्रद्धालु सुन्दरसाथ नाचते गाते शामिल होकर व पन्ना धाम की पवित्र माटी को चूमकर इस नगरी का गौरव बढ़ायेंगे। श्री प्राणनाथ जी मन्दिर ट्रस्ट पन्ना द्वारा आयोजन के संबंध में बताया गया कि तेरस की सवारी नगर के प्राचीन खेजड़ा मन्दिर से शुक्रवार की शाम 5.30 बजे से शुरू होगी, जो नगर के बीटीआई चौराहा, कोतवाली चौक, बल्देव मन्दिर चौराहा से बड़ा बाजार होते हुये किशोर जी मन्दिर, पंचम ङ्क्षसह चौराहा व महेन्द्र भवन चौराहे से होकर देर रात श्री प्राणनाथ जी मन्दिर पहुंचेगी जहां इसका समापन होगा। श्रीजी की इस विशाल सवारी में नगर के निवासियों के अलावा देश विदेश के हजारों सुन्दरसाथ शामिल रहेंगे। परम्परानुसार सभी सुन्दरसाथ बैण्डवाजे की धुन पर अलग-अलग टुकडिय़ों में नाचते गाते तथा अपनी-अपनी परम्पराओं को पन्ना नगर की पवित्र धरती पर प्राणनाथ जी के प्रेम का अहसास कराते नगर के प्रमुख मार्गों से निकलेंगे।  
  मन्दिर प्रांगण में एकत्रित सुन्दरसाथ नाचते-गाते हुये।
उल्लेखनीय है कि पन्ना नगर में महामति के समय से लगातार श्री जी की सवारी पन्ना में भव्य स्वरूप के साथ निकाली जाती है। मान्यता है कि इस सवारी का आयोजन पहली बार बुन्देलखण्ड केशरी महाराजा छत्रसाल जी ने किया था। कहा जाता है कि जब बुन्देलखण्ड को चारों तरफ  से औरंगजेब के सरदारों ने घेर लिया था तब महामति श्री प्राणनाथ जी ने महाराजा छत्रसाल को अपनी चमत्कारी दिव्य तलवार देकर विजयश्री का आशीर्वाद दिया था और कहा था कि हे राजन जब तक तुम अपने दुश्मनों को धूल चटाकर नहीं आ जाते तब तक में इसी खेजड़ा मन्दिर में ही रहूँगा। तेरस को जब महाराजा छत्रसाल अपने दुश्मनों पर फ तह हासिल कर लौटे तो अपने सद्गुरू महामति प्राणनाथ जी को पालकी में बिठाकर अपने कंधों का सहारा देकर बृह्म चबूतरा  श्री प्राणनाथ जी मन्दिर लाये थे। तभी से हर वर्ष महाराजा छत्रसाल द्वारा निकाली गई सवारी के प्रतीक स्वरूप दशहरे के बाद तेरस के दिन यह सवारी निकाली जाती है।

जगह-जगह होगी श्रीजी की आरती

ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व की इस विशाल शोभायात्रा को निहारने पन्ना नगर वासियों में अन्तर्राष्ट्रीय शरदपूर्णिमा महोत्सव को लेकर विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है। जिसके चलते नगरवासियों द्वारा भी अपनी तरफ  से इस सवारी के स्वागत की जोरदार तैयारियां की जा रहीं हैं। इस वर्ष भी पन्ना वासियों ने पूरे उत्साह के साथ जगह-जगह श्री जी की आरती एवं श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये पेयजल सहित अन्य व्यवस्थाओं की तैयारी कर रखी हैं।

चल रहे हैं विविध धार्मिक कार्यक्रम

महामति श्री प्राणनाथ जी मन्दिर प्रांगण (बृह्म चबूतरे) में अंतर्राष्टीय शरद पूर्णिमा मनाने आये हजारों सुन्दरसाथ एकत्रित होते हैं और वहां प्रतिदिन धर्माचार्य,  विद्वत्तजनों द्वारा बृह्मज्ञान की बातें बताई जा रहीं हैं। इसके साथ-साथ भजन व गरबे के कार्यक्रम भी आयोजित हो रहे हैं। जिसके रसरंग में भींगे सुन्दरसाथ कभी नाचते नजर आते हैं तो कभी एकटक बृह्मज्ञान की बातें आत्मसात करते हैं।
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