Monday, November 25, 2019

27 हजार रूपये की रिश्वत लेते डीईओ ट्रायवल गिरफ्तार

  •   कन्या छात्रावास में साइकिल स्टैण्ड बनाने अधीक्षिका से माँगी थी रिश्वत
  •   शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस सागर की टीम द्वारा की गई कार्यवाही


नवीन कलेक्ट्रेट स्थित दफ्तर में कार्यवाही करती लोकायुक्त टीम तथा कुर्सी में बैठे डीईओ ट्रायवल।

अरुण सिंह,पन्ना। लोकायुक्त सागर की टीम ने आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला संयोजक साबित खान को 27 हजार की रिश्वत लेते हुये सोमवार की शाम रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। उनके खिलाफ  इन्द्रपुरी कालोनी पन्ना स्थित शासकीय अनुसूचित जाति कन्या पोस्ट मैट्रिक छात्रावास की अधीक्षिका कृष्णा सोनी ने शिकायत की थी। शिकायत की सत्यता जाँचने के बाद लोकायुक्त डीएसपी राजेश खेड़े के नेतृत्व वाली टीम ने सोमवार की शाम लगभग 5 बजे छापामार कार्यवाही कर डीईओ ट्रायवल को रंगे हाँथ रिश्वत के रूपयों सहित गिरफ्तार कर लिया।
इस सनसनीखेज मामले के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार पोस्ट मैट्रिक कन्या छात्रावास में बीते महीनों 1.80 लाख रू. की लागत से साइकिल स्टैण्ड बनवाया गया था। इसके कमीशन के रूप में जिला संयोजक द्वारा छात्रावास अधीक्षिका कृष्णा सोनी से 20 फीसदी की राशि माँगी जा रही थी। इसके कारण अधीक्षिका बीते छ: माह से परेशान थी। इस मामले की शिकायत उन्होंने लोकायुक्त सागर से की थी। उनकी शिकायत पर लोकायुक्त की टीम पन्ना आई हुई थी। बीते करीब एक सप्ताह से ट्रैपिंग की तैयारी चल रही थी।


 छात्रावास अधीक्षिका कृष्णा सोनी जिनकी शिकायत पर कार्यवाही हुई।

 सोमवार की शाम को अधीक्षिका 25 हजार रू. देने आई तो जिला संयोजक साबित खान ने यह राशि यह कहकर नहीं ली कि पूरे 27 हजार रू. चाहिये। जब अधीक्षिका ने 2 हजार रू. और दिये तब जाकर जिला संयोजक माने। रिश्वत की राशि देने के कुछ ही देर बाद लोकायुक्त की टीम ने उन्हें ट्रैप कर लिया। जिनके हाँथ धुलवाये गये, देर शाम तक लोकायुक्त पुलिस द्वारा कार्यवाही जारी रही। नवीन कलेक्ट्रेट भवन स्थित जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग के कार्यालय में लोकायुक्त पुलिस द्वारा की गई इस कार्यवाही के उपरान्त कलेक्ट्रेट में हड़कम्प मच गया। नवीन कलेक्ट्रेट भवन में लोकायुक्त पुलिस की यह पहली कार्यवाही है। इस कार्यवाही में विभाग का सबसे बड़ा अधिकारी रंगे हाँथ पकड़ा गया है। लोग इस बात से हैरत में हैं कि प्रशासनिक अधिकारी कितने भ्रष्ट और बेखौफ हैं कि दफ्तर में ही बैठकर सरेआम रिश्वत लेने से नहीं हिचकते। आदिम जाति कल्याण विभाग में हुई कार्यवाही इस बात का जीता-जागता उदाहरण है।

कार्यप्रणाली को लेकर हमेशा रहे चर्चा में

अपनी कार्यप्रणाली को लेकर आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला संयोजक साबित खान हमेशा चर्चा में रहे हैं। पूर्व में भी इनके ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये जाते रहे हैं। छात्रावास अधीक्षकों के स्थानांतरण को लेकर भी ये मीडिया में सुर्ख़ियों पर थे। लेकिन जिला संयोजक इस तरह से एक छात्रावास अधीक्षिका की शिकायत पर रंगे हाँथ पकड़े जायेंगे इसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। मालुम हो कि पूर्व में भी साबित खान पन्ना में पदस्थ रहे हैं जिनका स्थानांतरण हो गया था। लेकिन इन्होंने पुन: प्रयास करके अपना स्थानांतरण पन्ना करा लिया जो उनके लिये घातक साबित हुआ।
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