Sunday, November 24, 2019

डेढ़ सौ किमी दूर हमीरपुर में दिखा पन्ना का बाघ

  •   पन्ना टाईगर रिजर्व में तेजी से बढ़ी है बाघों की तादाद
  •   संख्या बढऩे से नये ठिकाने की तलाश में निकल रहे हैं बाहर


 खेत से होकर गुजर रहे बाघ का दृश्य।

अरुण सिंह,पन्ना। म.प्र. के पन्ना टाईगर रिजर्व में बाघों की संख्या लगातार बढऩे के कारण अनेकों बाघ अपने लिये नये ठिकाने की तलाश करने कोर क्षेत्र से बाहर निकल रहे हैं। मौजूदा समय टाईगर रिजर्व के बफर क्षेत्र में आये दिन लोगों को बाघ नजर आ रहे हैं। जिन इलाकों में विगत कई वर्षों से बाघ नहीं दिखे वहां भी बाघों की मौजूदगी के प्रमाण मिले हैं। अब तो आलम यह है कि पन्ना के बाघ लम्बी दूरी तय कर पड़ोसी राज्य उ.प्र. की सीमा में भी प्रवेश करने लगे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार उ.प्र. में आने वाले बुन्देलखण्ड क्षेत्र के महोबा-हमीरपुर जिले की सीमा में हाल ही में एक बाघ देखा गया है। सूत्रों के मुताबिक हमीरपुर जिले के घेवड़ी गाँव में खेत से गुजरते हुये ग्रामीणों ने बाघ को न सिर्फ देखा है अपितु दूर से उसकी तस्वीर भी ली है। मामले की जानकारी लगते ही वन विभाग के अधिकारी सक्रिय हो गये हैं और बाघ की तलाश में जुटे हैं। इस संबंध में पन्ना टाईगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक के.एस. भदौरिया से पूछे जाने पर आपने संभावना जताई है कि हमीरपुर जिले में दिखा बाघ पन्ना टाईगर रिजर्व का हो सकता है। आपने बताया कि इस पूरे इलाके में बाघों का सोर्स पापुलेशन सिर्फ पन्ना टाईगर रिजर्व में है। चूँकि यहां पर बाघों की संख्या तेजी से बढ़ी है, इसलिये बड़ी संख्या में बाघ कोर क्षेत्र से निकलकर बफर के जंगल में विचरण कर रहे हैं। बफर क्षेत्र से ही निकलकर यह बाघ लम्बी दूरी तय करते हुये वहां पहुँचा होगा।

उ.प्र. के इस इलाके में पहली बार दिखा है बाघ

बुन्देलखण्ड के चीफ कन्जर्वेटर आफ फारेस्ट पिनाली सिंह के मुताबिक हमीरपुर जिले के इस इलाके में पहली मर्तबे कोई रॉयल बंगाल टाईगर देखा गया है। ग्रामीणों ने इस बाघ की फोटो भी ली है। बताया गया है कि इलाके के 7 ऐसे ग्रामों की पहचान हुई है जहां लोगों ने बाघ को गुजरते हुये देखा है। वन अधिकारियों ने इलाके के लोगों को सतर्क रहने के लिये कहा है। वन अधिकारियों के मुताबिक यह रॉयल बंगाल टाईगर पन्ना से केन नदी के किनारे यात्रा करते हुये हमीरपुर तक पहुँचा है। इस टाईगर को सुरक्षित तरीके से रेस्क्यू करने के लिये बड़े स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है तथा बाघ की तलाश के लिये कानपुर से विशेष टीमों को भी बुलाया गया है।

आईडी से होगी इस बाघ की पहचान

क्षेत्र संचालक पन्ना टाईगर रिजर्व श्री भदौरिया ने बताया कि वे उ.प्र. के वन अधिकारियों से सम्पर्क कर रहे हैं। बाघ की अच्छी तस्वीर मिलने पर इस बात की पुष्टि हो जायेगी कि यह पन्ना का बाघ है। आपने बताया कि पन्ना टाईगर रिजर्व में जन्मे सभी बाघों की आईडी बनाई जाती है, जिससे यदि कोई बाघ लम्बी दूरी तय करके बाहर चला जाता है तो भी उसकी पहचान आसानी से की जा सकती है। श्री भदौरिया ने बताया कि पन्ना का एक बाघ मौजूदा समय रानीपुर सेन्चुरी में है। कई नर व मादा बाघ चन्द्रनगर, बिजावर व किशनगढ़ क्षेत्र में भी विचरण कर रहे हैं। आने वाले दिनों में बफर क्षेत्र के जंगल में बाघों का मूवमेन्ट और अधिक हो सकता है।
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