केन के नदीखोर पोकलैंड से कर रहे खनन । जलआरती वाले डीएम हीरालाल का मौन,खनिज अधिकारी मौज में तब सुने कौन ? ’ नरैनी के गुढ़ा,कालिंजर, गिरवा से लगे मध्यप्रदेश की सरहदें अवैध खनन, ओवरलोडिंग के अड्डे। ’ गत सप्ताह बाँदा के मटौन्ध कस्बे में पकड़े गए थे ट्रकों से रंगदारी लेने वाले युवक,बीजेपी के प्रजापति विधायक की मिली थी छत्रछाया, प्रशासन ने दबाया नाम तो मीडिया में प्रकाशित नहीं किया गया।’ बुंदेलखंड में बालू बन गई अफीम, लूटने में लगे सियासतदार और ठेकेदार, खदानों के मुनीम।’ शिकायत मिलने पर अधिकारियों का कहना नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। ’ एनजीटी, सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश नदी के जलस्तर पर मशीनों से खनन नहीं किया जाए। ’ बालू उठाने के लिए मैकेनिज्म की आड़ में नदियों की जलधारा में उतरती है हैवी मशीनें, जिलाधिकारी से लेकर थाने तक सेटिंग....सइयां भये कोतवाल तब डर काहे का ! ’ पर्यावरण के मुद्ददो पर किसी देशभक्ति की जुबान नहीं खुलती है जैसे विधायक,सरकार उनकी रोजीरोटी का साधन है।’ भारत मे नदियों को बना दिया गया है डस्टबिन जिसमें कचरा,नाले से लेकर बालू उठान के तरीकों तक सिर्फ पानी को समाप्त करने की हवस नजर आती है। चित्रकूट मंडल में बालू खनन शुरू हो गया है। खबर में तस्वीर नरैनी के गुढ़ा-कालिंजर की बताई गई है। सूत्र कहते है कि चौकी इंचार्ज और क्षेत्रीय नेताओं की सहमति से पन्ना के बृहस्पति कुंड से निकलने वाली बाघे नदी में पोकलैंड मशीनों से खनन हो रहा है जबकि यह एनओसी की मान्यता के विपरीत है। बाँदा में डेढ़ वर्ष से टिके जिलाधिकारी हीरालाल यूँ तो पर्यावरण के संरक्षण में जल पूजन के हिमायती है लेकिन सत्ता समर्थित इस प्रकृतिखोर कार्य पर चुप रहते है....कौन नहीं जानता कि यदि बालू के अवैध खनन मुद्दे पर सख्ती की तो डीएम साहेब को सरकार के रिपोर्ट कार्ड में सिस्टम के खिलाफ खड़ा होने का तमगा देकर स्थांतरित करवा सकती है। उल्लेखनीय है जनपद में जो भी डीएम अवैध खनन या ओवरलोडिंग पर सख्त हुआ उसकी विदाई माननीय विधायक-सांसद करवा देते है। जाहिर है यह बालू का सिंडिकेट सफेदपोश महंतों के बिना संभव नहीं है। बालू खदान संचालन करने वालों का रुतबा देखना हो तो आवास विकास बी ब्लाक टीवीएस एजेंसी के समीप बाबू सिंह कुशवाहा के मकान में कनवारा खदान संचालन कर रहे बिहारी बाबू का जलवा देखिए। असलहों की हनक पर आवास जो बसपा सरकार में कभी कार्यालय हुआ करता था आज बालू ठेकेदार की गद्दी बन चुका है। बसपा से लेकर देशभक्ति की कथित ठेका चलाने वाली बीजेपी तक केन,बाघे,रजं,यमुना,बेतवा,मंदाकनी, चंद्रावल तक यह कारोबार नीति नियंता के हाथों की कठपुतली बन गया है। सरकार जैसा चाहती है इस करोड़ों के व्यापार को सुखाड़ वाले बुंदेलखंड में बेधड़क चलाती है। अवैध खनन भला कैसे रुके जब पूर्व विधायक से लेकर वर्तमान तक इस धंधे में मंजे खिलाडी हो ? भक्तिकाल में डूबे गोदी मीडिया और योगी-मोदी मंत्र का जाप करने वाले इन मुद्दों पर आईसीयू में रहते है यहां वो सूरदास बन जाते है।
@ आशीष सागर दीक्षित की फेसबुक वॉल से
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