Saturday, November 16, 2019

जैव विविधता और पर्यावरण संरक्षण की सुनाई दे रही हर तरफ गूँज

  •  क्विज प्रतियोगिताओं के आयोजन से स्कूली बच्चों में जगी अभिरूचि
  •  अभिनव पहल से जैव विविधता बोर्ड को मिल रही नई पहचान



अरुण सिंह,पन्ना।  शैक्षणिक संस्थानों और आम लोगों के बीच जिस विषय पर कभी चर्चा तक नहीं होती थी, आज उसकी गूंज हर तरफ सुनाई दे रही है। जी हां पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता के बारे में पहली बार प्रदेश भर के स्कूलों में न सिर्फ चर्चा शुरू हुई अपितु इस विषय पर केंद्रित प्रतियोगिताओं का भी आयोजन हुआ। इसका परिणाम यह हुआ कि स्कूली बच्चों को पर्यावरण संरक्षण व जैव विविधता के महत्व को समझने का न सिर्फ अवसर मिला बल्कि उनमें अभिरुचि भी पैदा हुई है। बच्चे अब प्रकृति के रहस्यमय जगत को अधिक से अधिक जानने व समझने के लिए उत्सुक हुए हैं। उत्साहित करने वाला यह बदलाव निश्चित ही उस व्यक्तित्व के रचनात्मक पहल और प्रयासों का परिणाम है जिसका जीवन ही प्रकृति, पर्यावरण व वन्यजीवों के संरक्षण को समर्पित है। यह जुनूनी व्यक्तित्व कोई और नहीं मध्यप्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड के प्रशासनिक मुखिया आर श्रीनिवास मूर्ति हैं, जिन्होंने बाघ विहीन हो चुके प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व को बाघों से आबाद करने का करिश्मा किया है। यह चमत्कारिक सफलता अब पूरी दुनिया को बाघ संरक्षण की दिशा में एक नई राह दिखा रही है।
उल्लेखनीय है कि इस अनूठे व्यक्तित्व से पन्ना जिले के लोगों का गहरा और आत्मीय नाता बन चुका है। यही वजह है कि जब भी अवसर मिलता है श्री मूर्ति किसी न किसी बहाने पन्ना दौड़े चले आते हैं। इनके जैसे लोग चाहे जहाँ व जिस भी पद पर रहें, अपनी छाप जरूर छोड़ते हैं। ऐसे लोग पद के कारण नहीं बल्कि पद इनके कारण जाना जाता है, इनके कार्य करने से उस पद को नई ऊंचाई व  नए अर्थ मिलते हैं। पन्ना टाइगर रिजर्व को विश्व विख्यात बनाने के बाद आपने मध्यप्रदेश जैव विविधता बोर्ड की कमान संभाली, जिसका असर आज समूचा प्रदेश देख रहा है। गांव - गांव के बच्चों की जुबान में जैव विविधता और आर श्रीनिवास मूर्ति का नाम है।
मालूम हो कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में देश में पहली बार मध्यप्रदेश में पिछले माह शुरू हुए अनूठे जैव-विविधता संरक्षण क्विज कार्यक्रम का गत दिवस भोपाल में स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी और वन मंत्री  उमंग सिंघार ने विजेताओं को पुरुस्कृत कर समापन किया। इस अनूठे और भव्य समारोह में प्रदेश के सभी 52 जिलों के प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त विजेता टीमों ने भोपाल के राज्य-स्तरीय क्विज प्रतियोगिता में भाग लिया था। इनमें से फाइनल में पहुँची 7 टीमों में से सतना टीम ने प्रथम, अनूपपुर ने द्वितीय और शाजापुर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। जिला और राज्य-स्तर पर हुई क्विज प्रतियोगिताओं में 8 हजार स्कूली बच्चों ने भाग लिया और लगभग 3 लाख लोगों तक जैव-विविधता के संरक्षण से पृथ्वी पर जीवन रक्षा के लिये इसकी अनिवार्यता का संदेश भी पहुँचा।

क्विज कार्यक्रम भावी पीढ़ी को जागरूक करने की दिशा में एक कारगर प्रयास : वन मंत्री 



स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी  ने जैव-विविधता बोर्ड को इस अनूठी पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि भावी पीढ़ी को जैव-विविधता के संरक्षण के लाभ और दुष्प्रभावों की जानकारी देने से तेजी से विनाश की ओर बढ़ते जलवायु परिवर्तन को संतुलित करने में मदद मिलेगी। वन मंत्री उमंग सिंघार ने कहा कि मानव जीवन की हर आवश्यकता पृथ्वी से जुड़ी है। विकास की दौड़ में हवा-पानी की अशुद्धि के साथ पेड़-पौधे भी खत्म होते जा रहे हैं। इससे पृथ्वी पर पर्यावरणीय संतुलन डगमगा गया है। वन विभाग और स्कूल शिक्षा विभाग के संयुक्त प्रयास से आयोजित यह क्विज कार्यक्रम भावी पीढ़ी को जागरूक करने के साथ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक कारगर प्रयास है, जिसके दूरगामी सुपरिणाम देश, प्रदेश और विश्व को मिलेंगे। मंत्रीद्वय ने इस अवसर पर जैव-विविधता के ब्रॉण्ड एम्बेसडर के रूप में 7 स्टार्स श्रीमती सीता सहाय, श्री बाबूलाल दाहिया, श्री सोनू सिंह, सुश्री सुधा धुर्वे, श्री विक्रांत, श्री भालू मोढ़े, श्री विष्णु अधिकारी, सुश्री भक्ति वासानी, सुश्री कनिका तिवारी और श्री रमेशचन्द्र को सम्मानित किया। क्विज प्रतियोगिता का जैव-विविधता बोर्ड को आयडिया देने वाले श्री नीलेश चौबे का भी सम्मान किया गया।
सदस्य सचिव, मध्यप्रदेश राज्य जैव-विविधता बोर्ड आर. श्रीनिवास मूर्ति ने बताया कि इस वर्ष राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती से आरंभ हुआ यह क्विज कार्यक्रम हर साल होगा। जिला स्तर पर विजेता टीम को क्रमश: रुपये 3000, 2100 और 1500 तथा  राज्य स्तर पर 30 हजार, 21 हजार और 15 हजार का पहला, दूसरा और तीसरा पुरस्कार दिया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम को प्रधान मुख्य वन संरक्षक राजेश श्रीवास्तव,  एस.के. मण्डल,  आनंद बिहारी गुप्ता,  एस.पी. रयाल,  भरत कुमार शर्मा और  रमेश कुमार गुप्ता, भारतीय वन प्रबंध संस्थान के संचालक डॉ. पंकज श्रीवास्तव, आयुक्त, लोक शिक्षा श्रीमती जयश्री कियावत ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ, शिक्षक और मास्टर ट्रेनर्स उपस्थित थे।
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