Saturday, December 21, 2019

मुरैना के घडिय़ालों से आबाद हुई पन्ना की केन घडिय़ाल सेन्चुरी

  •   केन नदी के मोहारी घाट में छोड़े गये 20 मादा व 5 नर घडिय़ाल
  •   विगत 12 वर्षों के सतत प्रयासों से मिली है यह सफलता


केन घड़ियाल सेन्चुरी के मोहारी घाट में घड़ियालों को केन नदी में छोड़ते वनकर्मी। 

अरुण सिंह,पन्ना। देशी और विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र रहने वाली पन्ना टाईगर रिजर्व की केन घडिय़ाल सेन्चुरी में अब पर्यटक घडिय़ालों का भी दीदार कर सकेंगे। रंग-बिरंगे ग्रेनाइट पत्थरों की कटान ने अलौकिक छटा बिखेरने वाले रनेह फाल व केन घडिय़ाल सेन्चुरी में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। लेकिन विगत कई वर्षों से यहां पर सिर्फ एक मादा घडिय़ाल ही नजर आती रही है। जिससे प्रजनन न हो पाने के कारण केन घडिय़ाल सेन्चुरी का वजूद खत्म होने की कगार में जा पहुँचा था। पार्क प्रबन्धन के सतत प्रयासों से आखिरकार कामयाबी मिली और चम्बल घडिय़ाल सेन्चुरी मुरैना से 20 मादा व 5 नर घडिय़ाल पन्ना को आज मिल गये। जिन्हें केन घडिय़ाल सेन्चुरी के मोहारी घाट में सुरक्षित तरीके से छोड़ दिया गया है।
क्षेत्र संचालक पन्ना टाईगर रिजर्व के.एस. भदौरिया ने जानकारी देते हुये बताया कि वर्ष 20077 में यहां घडिय़ाल छोड़े गये थे। विगत कई वर्षों से यहां पर सिर्फ एक मादा घडिय़ाल की ही मौजूदगी है। जिसे देखते हुये मुरैना से घडिय़ाल लाकर यहां छोड़े जाने के प्रयास किये जा रहे थे जो आज फलीभूत हुआ है। श्री भदौरिया ने कहा कि नर व मादा घडिय़ाल पर्याप्त संख्या में मिल जाने से अब सूनी पड़ी केन घडिय़ाल सेन्चुरी भी आबाद हो गई है। आपने बताया कि शनिवार को आज केन घडिय़ाल सेन्चुरी के मोहारी घाट में मुरैना से प्राप्त घडिय़ालों को रिलील करने के लिये सभी अनुमतियां व आवश्यक तैयारियां पार्क प्रबन्धन द्वारा पूर्व से ही कर ली गई थीं। घडिय़ालों के यहां आने पर उन्हें सुरक्षित तरीके से सफलता पूर्वक छोड़ दिया गया है।

प्रजनन के लिये नदी में रेत का होना जरूरी : भदौरिया 



घडिय़ालों के प्रजनन हेतु नदी के दोनों किनारों पर पर्याप्त रेत का होना जरूरी है, क्योंकि घडिय़ाल रेत में ही अण्डे देते हैं। क्षेत्र संचालक श्री भदौरिया ने केन नदी पर रेत के बड़े पैमाने पर होने वाले अवैध उत्खनन पर चिन्ता प्रकट करते हुये कहा कि केन नदी के किनारों पर रेत नहीं रह गई है। रेत के अभाव में घडिय़ालों का सरवाइव हो पाना बड़ा कठिन हो जाता है। केन घडिय़ाल सेन्चुरी के आस-पास नदी के किनारों से रेत मिल ही नहीं रही, जो चिन्ता की बात है। केन घडिय़ाल सेन्चुरी में छोड़े गये घडिय़ालों को अनुकूल व सुरक्षित परिस्थितियां मिलें, इसके लिये जरूरी उपाय करने होंगे ताकि प्रजनन की प्रक्रिया बिना बाधा के जारी रहे।
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