Friday, March 13, 2020

तीन शावकों के जन्म से फिर गुलजार हुआ पन्ना

  •   अपने शावकों के साथ पन्ना के जंगल में दिखी बाघिन पी-234
  •  नये मेहमानों के आने से पन्ना टाईगर रिजर्व में खुशी का माहौल


 पत्थर की खखरी के ऊपर आराम फरमाते नन्हे शावक।

अरुण सिंह,पन्ना। बाघों से आबाद हो चुके म.प्र. के पन्ना टाईगर रिजर्व से फिर खुशखबरी आई है। यहां बाघिन पी-234 ने तीन नन्हे शावकों को जन्म दिया है। नये मेहमानों के आने से पन्ना टाईगर रिजर्व में खुशी का माहौल है। क्षेत्र संचालक पन्ना टाईगर रिजर्व के.एस. भदौरिया ने जानकारी देते हुये आज बताया कि बाघ अनुश्रवण दल व रेन्ज आफीसर द्वारा बाघिन पी-234 को अपने नन्हे शावकों के साथ चहल कदमी करते हुये देखा गया है।
उल्लेखनीय है कि पन्ना टाईगर रिजर्व में जन्मी व पली-बढ़ी बाघिन पी-234 बाघ पुनर्स्थापना योजना के तहत मार्च 2009 में कान्हा टाईगर रिजर्व से लाई गई बाघिन टी-2 की संतान है। बाघिन टी-2 को पन्ना टाईगर रिजर्व की सफलतम रानी कहा जाता है, क्योंकि यहां जन्मे बाघों के कुनबे में एक तिहाई कुनबा अकेले इसी बाघिन का है। बाघों की वंशवृद्धि में कान्हा की बाघिन टी-2 का अभूतपूर्व योगदान रहा है। इसी बाघिन की तीसरे लिटर की संतान बाघिन पी-234 है, जिसने अपने तीसरे लिटर में तीन शावकों को जन्म देकर पन्ना टाईगर रिजर्व को फिर गुलजार कर दिया है। इन नये मेहमानों के आगमन से पन्ना टाईगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़कर 55 के भी पार हो गई है।
क्षेत्र संचालक पन्ना टाईगर रिजर्व श्री भदौरिया ने बताया कि बाघ अनुश्रवण दल जब वन परिक्षेत्र में भ्रमण कर रहा था, उसी दौरान बाघिन पी-234 अपने तीन नन्हे शावकों के साथ चहल कदमी हुये देखी गई। वन कर्मचारियों ने खुशी के इन क्षणों का वीडियो भी बनाया है। तीनों नन्हे मेहमान पन्ना टाईगर रिजर्व के कोर क्षेत्र से लगे पन्ना बफर के जंगल में बनी पत्थर की खखरी के ऊपर काफी देर तक आराम फरमाते रहे। इन शावकों को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि वे लगभग 3 माह के हो चुके हैं।
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