- अनावश्यक सड़कों में निकलकर क्यों बढ़ा रहे हैं मुसीबत
- बाहर मटरगश्ती करने के बजाय अपनों के साथ सुकून से रहें
जिले की सीमा पर तैनात पुलिस बल वाहनों का निरीक्षण करते हुये। |
अरुण सिंह,पन्ना। कुछ हफ्ते पूर्व तक हममें से किसी ने भी यह कल्पना नहीं की थी कि हजारों मील दूर चीन में उपजा एक मामूली सा अदृश्य वायरस सरहदों को पार करते हुये अपने देश में भी घुस आयेगा। लेकिन इस जानलेवा वायरस ने न सिर्फ अपने यहां दस्तक दे दी है अपितु समूची व्यवस्था और आम जन जीवन को भी तहस-नहस कर दिया है। देश में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 528 हो चुकी है तथा 10 लोग काल कवलित हो चुके हैं। म.प्र. में भी इस वायरस ने अपना प्रकोप शुरू कर दिया है, जिससे निपटने के लिये शासन व प्रशासन द्वारा सभी जरूरी उपाय किये जा रहे हैं। लेकिन ये उपाय तभी कारगर होंगे जब हम सब स्थिति की गंभीरता को समझते हुये दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करें।
यह बहुत ही चिन्ताजनक बात है कि पन्ना जैसे पिछड़े और न्यूनतम चिकित्सा सुविधा वाले जिले में हम दस्तक दे चुकी महामारी को गंभीरता से नहीं ले रहे। पिछले तीन दिनों से जिला कलेक्टर सहित समूचा प्रशासन लोगों को आगाह कर रहा है कि अपने घरों में रहें। केवल इमरजेन्सी की स्थिति में ही अपने घर से बाहर आयें, लेकिन प्रशासन की अपीलों का उतना असर दिखाई नहीं दे रहा, जितना अपेक्षित है। शहर की सड़कों में मटरगश्ती करते युवक न सिर्फ दिखाई दे रहे हैं, अपितु बाइक में तीन-तीन लोग सवार होकर फर्राटे भर रहे हैं। आखिरकार कम उम्र वाले इन बच्चों को उनके परिजन घरों में क्यों नहीं रोक रहे, वे अनावश्यक रूप से शहर की सड़कों पर धमाचौकड़ी क्यों मचा रहे हैं? ये लोग खुद को तो मुसीबत में डाल ही रहे हैं अपने परिजनों व समाज के लिये भी खतरा बन रहे हैं।
मालुम हो कि घने जंगल और बेहतर पर्यावरण के चलते पन्ना को शान्ति का टापू कहा जाता है। विषम से विषम परिस्थितियों में इस शहर ने यहां की शान्ति और सुकून भरे वातावरण को बिगडऩे नहीं दिया, अपनी विशिष्ट पहचान को कायम रखा है। अब एक बार फिर हमारा इम्तिहान लेने के लिये एक बड़ी चुनौती सामने है, जिसका सबको एकजुट होकर मुकाबला करना है तभी हम अपने व इस खूबसूरत शहर के वजूद को बचा पायेंगे। यदि हमने एकजुट होने का संकल्प नहीं लिया और अनावश्यक रूप से बाहर निकलते रहे तो आने वाले दिनों में कैसे हालात बन सकते हैं, इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। यह हमारे लिये सुकून की बात है कि अभी तक पन्ना जिले में एक भी कोरोना वायरस का संक्रमित मरीज नहीं मिला, लेकिन इससे लापरवाह हो जाने की जरूरत नहीं है। बेहद सजगता और चौकन्ना रहने की आवश्यकता है।
जिले के ग्रामीण अंचलों से जिस तरह की सूचनायें और जानकारियां मिल रही हैं, उसके मुताबिक काम की तलाश में महानगरों में जाने वाले मजदूर बड़ी संख्या में वापस लौटे हैं। इसके अलावा बाहर पढऩे वाले बच्चे व भ्रमण पर गये लोग भी वापस घर आये हैं। बाहर से आने वाले हर व्यक्ति की जाँच हो तथा वह किसी के सम्पर्क में न आये, यह सुनिश्चित किया जाना बेहद जरूरी है तभी हम संक्रमण की संभावनाओं को खत्म करने में सफल हो पायेंगे। आप सिर्फ घर पर रहकर अपनी और अपनों की जान खतरे में जाने से बचा सकते हैं। यकीन मानिये घर पर रहना बिलकुल भी बुरा नहीं है।
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