Saturday, March 28, 2020

महिला ने बनाया देश का पहला कोरोना टेस्टिंग किट

  • पुणे की वायरॉलजिस्ट मीनल दाखवे भोंसले के जुनून और जज्बे को सलाम 
  •  प्रेग्नेंसी के आखिरी दिनों में प्रॉजेक्ट पर काम करते हुए किया कमाल 
  • अब हर दिन 15 हजार किट तैयार हो रहे हैं जो विदेशी किट के मुकाबले किफायती 
वायरॉलजिस्ट मीनल दाखवे भोंसले 

कुछ करने का जज्बा हो तो मुश्किलें हल हो जाती हैं। मीनल दाखवे भोंसले ने जो कर दिखाया है, उसे जानकर तो यह फिर से साबित हो रहा है। उन्होंने कोरोना वायरस की जांच के लिए ऐसा किट तैयार किया जो विदेशी किट के मुकाबले बेहद सस्ता है। खास बात यह है कि मीनल ने अपनी प्रेग्नेंसी के आखिरी महीनों में इस किट पर काम किया। देश का यह पहला टेस्टिंग किट कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बड़ी भूमिका अदा कर सकता है। 

प्रॉजेक्ट पूरा होते ही दिया बच्ची को जन्म 

वायरॉलजिस्ट मीनल ने पुणे के एक डायग्नोस्टिक फर्म माइलैब डिस्कवरी सॉल्युशंस के प्रॉजेक्ट पर फरवरी में काम शुरू किया था। वह प्रेग्नेंट थीं। पिछले हफ्ते ही उन्हें बच्ची हुई। उन्होंने कहा, यह जरूरी था, इसलिए मैंने इसे चुनौती के रूप में लिया। मुझे अपने देश की सेवा करनी है।श् उन्होंने बताया कि उनकी टीम के सभी 10 सदस्यों ने कठिन परिश्रम किया है।प्रॉजेक्ट पूरा होने पर टेस्टिंग किट नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरॉलजी को 18 मार्च को सौंप दिया गया और अगले दिन ही मीनल को बेटी हुई।

विदेशी किट से सस्ता 

देश का पहला कोरोना वायरस टेस्टिंग किट गुरुवार को मार्केट में आ गया। टेस्टिंग किट से वायरस के संक्रमण के संदिग्धों की जांच में तेजी आएगी। मीनल ने एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में बताया, हमारा किट ढाई घंटे में टेस्ट रिजल्ट दे देता है जबकि विदेशी टेस्टिंग किट को छह से सात घंटे लगते हैं। हर माइलैब किट से 100 सैंपल टेस्ट किए जा सकते हैं और जांच का खर्च 1,200 रुपये आता है। यह रकम विदेशी किट के खर्चे (4,500 रुपये) के मुकाबले करीब एक चौथाई है।

हर दिन बन रहे 15 हजार किट 

माइलैब डिस्कवरी सॉल्युशंस के पास हर दिन 15 हजार टेस्टिंग किट तैयार करने की क्षमता है। पुणे के लोनावाला की फैक्ट्री की उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर प्रति दिन 25 हजार किट तैयार किए जा सकते हैं। माइलैब ने पहले बैच में पुणे, मुंबई, दिल्ली, गोवा और बेंगलुरु के डायग्नोस्टिक लैब को 150 टेस्टिंग किट भेजा है। सोमवार को दूसरा बैच भी निकल जाएगा। पहले सरकार ने सिर्फ उन लोगों की जांच का फैसला किया था जो कोरोना केंद्र वाले देशों से लौटे थे। हालांकि, जब बहुत कम संदिग्धों की जांच के हवाले से सरकार की किरकिरी होने लगी तो अब अस्पताल में भर्ती सांस संबंधी गंभीर समस्या वाले सभी मरीजों की जांच का फैसला किया गया।
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1 comment:

  1. क्या यह सुविधा प्रारंभ हो गई है यदि हां तो क्या पन्ना से संभावित व्यक्तियों के सैंपल समीपस्थ स्थल में कहां भेजे जा सकते हैं यदि सागर जबलपुर ग्वालियर इंदौर भेजे जा सकते हैं तो ऐसे चयनित चिन्हित लोग जिनमें कोरोना वायरस संक्रमण से मिलते-जुलते लक्षण दिखाई देते हैं उनके टेस्ट कराया जाना ठीक होगा और यदि बारह सौ रुपए प्रति व्यक्ति यह खर्च है तो पन्ना जिला प्रशासन को कम से कम 100 सैंपल संभावित प्रेषित किए जाने चाहिए इस पर आने वाला खर्च निश्चित रूप से सरकार बहन कर सकता है
    ऐसे चयनित लोगों को शासन को अपनी कस्टडी में रुकवाने की व्यवस्था भी करना चाहिए जैसा कि मुझे दैनिक भास्कर के प्रेस न्यूज़ से ज्ञात है कि लगभग 5000 लोगों में से 347 ऐसे लोग चिन्हित किए गए थे जिनके ऐसे लक्षण दिखाई दे रहे थे ऐसे लोगों को शासन की अपनी कस्टडी में कहीं रखा जाना उचित प्रतीत होता है और उनके संक्रमण से संबंधित लक्षण बढ़ने पर तुरंत उनके सैंपल भेजा जाना चाहिए सैंपल भेजने में जितना अलर्ट रहा जाएगा निश्चित रूप से थर्ड स्टेज में फैलने वाले कोरोनावायरस संगमा से बचा जा सकेगा पन्ना के एनएमडीसी से सीएसआर आमद से माननीय कलेक्टर महोदय के मार्गदर्शन में 20 से ₹3000000 मात्र कोरोना वायरस कमाल के सस्पेक्ट के टेस्ट पर खर्च किया जा सकता है

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