Sunday, April 19, 2020

पन्ना में कोरोना योद्धाओं के लिए बनाये जा रहे पीपीई किट

  • कलेक्टर निर्देश पर स्व सहायता समूह की महिलायें कर रहीं निर्माण 
  • प्रथम चरण में 500 पीपीई किट बनकर हुये तैयार,निर्माण कार्य जारी  


कलेक्टर श्री शर्मा पीपीई किट निर्माण स्थल का निरीक्षण करते हुये। 

अरुण सिंह,पन्ना। मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में कोरोना योद्धाओं को वायरस के संक्रमण से बचाने के लिये स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा पीपीई किट का निर्माण किया जा रहा है। समूह की सदस्य महिलाओं ने 500 कीटों का निर्माण किया है, जो सुरक्षा के निर्धारित मापदण्डों को पूरा कर रहे हैं। मालुम हो कि   पन्ना जिले में कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए कलेक्टर कर्मवीर शर्मा के निर्देशानुसार स्व सहायता समूह की महिलाओं से पीपीई किट का निर्माण कराया जा रहा है। कलेक्टर श्री शर्मा पीपीई किट निर्माण स्थल का निरीक्षण करने स्वयं पहुंचे। वहां उन्होंने स्व सहायता समूह की सदस्य महिलाओं से चर्चाकर तैयार किटों का अवलोकन किया। उन्होंने तैयार किट का परीक्षण मौके पर एक किट पहनाकर किया। उन्होंने देखा कि इस किट से सर से पैर तक पूरी तरह व्यक्ति सुरक्षित हो जाता है। उन्होंने स्व सहायता समूहों को सफलतापूर्वक किट बनाए जाने पर धन्यवाद ज्ञापित करते हुए 500 किट और बनाये जाने के निर्देश दिये। प्रथम चरण में 500 पीपीई किट का निर्माण कार्य किया गया है, अब 500 और पीपीई किट बनाये जायेंगे। अधिकृत रूप से मिली जानकारी के मुताबिक यह कार्य  जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री बालागुरू के मार्गदर्शन में आजीविका मिशन पन्ना के स्व सहायता समूह द्वारा सामुदायिक प्रशिक्षण केन्द्र पुराना पन्ना में किया जा रहा हैं। समूह द्वारा प्रथम चरण में 500 पीपीई किटों का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है। भविष्य की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए 500 किट और तैयार करने का कार्य प्रारंभ किया जा रहा है। इन किटों का उपयोग कोरोना वायरस संक्रमित रोगियों के नमूने लेने, उपचार करने एवं देखभाल करने वाले मेडिकल स्टाफ एवं डॉक्टरों द्वारा किया जायेगा।

जिले में घर-घर जाकर किया जा रहा सर्वे 

कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए की जा रही तैयारियोें में जिले में तृतीय चरण का सर्वे कार्य घर-घर जाकर किया जा रहा है। सर्वे के दौरान सर्दी, जुखाम, बुखार, खांसी आदि के मरीजों के साथ पूर्व से किसी अन्य बीमारी से ग्रसित व्यक्तियों की सूची तैयार कर संबंधित क्षेत्र के चिकित्सा दल को भेजी जाती है। चिकित्सा दल गांव में जाकर सूची में प्राप्त बीमार व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उपचार एवं परामर्श दिया जा रहा है। इस दौरान चिकित्सक दल द्वारा ऐसे बीमार रोगियों को चिन्हित किया जाता है जिनकी उम्र अधिक है एवं पूर्व से किसी बीमारी से पीडित हैं। ऐसे व्यक्तियों में 50 वर्ष से अधिक उम्र के नाम कोरोना संक्रमण के अधिक खतरे वाली सूची में रखे जाते हैं। इसके अलावा बीमार तथा कम आयु वर्ग के व्यक्तियों के नाम कोरोना संक्रमण की सामान्य खतरे वाली सूची में दर्ज कर दिये जाते हैं। सर्वे के दौरान अब तक लगभग 4 हजार 241 लोग सर्वे में विभिन्न बीमारियों से पीडित पाये गये हैं। इन पीडितों का स्वास्थ्य परीक्षण विकासखण्डों में तैनात चलित चिकित्सा इकाई के चिकित्सक दल द्वारा किया जाकर उपचार एवं परामर्श दिया जा रहा है।
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