Saturday, April 18, 2020

तम्बाकू का सेवन कर थूकने वालों पर होगी कार्यवाही

  • तम्बाकू एवं तम्बाकू से बने पदार्थो का सार्वजनिक स्थलों पर उपयोग प्रतिबंधित
  • कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने कहा जिले में यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू 

कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी कर्मवीर शर्मा व अन्य अधिकारी। 

अरुण सिंह,पन्ना। कोरोना वायरस के संक्रमण को द्रष्टिगत रखते हुये अब सार्वजनिक स्थलों व सड़कों में थूकने वालों के विरुद्ध कार्यवाही होगी। मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी कर्मवीर शर्मा ने बताया कि तम्बाकू का सेवन जनस्वास्थ्य के लिए बडे खतरो में से एक है। थूकना संचारी रोगों के फैलने का एक प्रमुख कारण है। तम्बाकू सेवन करने वालों की प्रवृत्ति यत्र-तत्र थूकने की होती है। थूकने के कारण कई गंभीर बीमारियों यथा कोरोना कोबिड-19, इन्सेफलाईटिस, यक्ष्मा, स्वाईन फ्लू इत्यादि बीमारी के संक्रमण फैलने की संभावना प्रबल रहती है। तम्बाकू सेवन करने वाले लोग गंदगी फैलाकर वातावरण को दूषित करते हैं जिससे विभिन्न प्रकार की बीमारियों के फैलने के लिए उपयुक्त परिस्थिति तैयार होती है।
उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोरोना वायरस को विश्व व्यापी महामारी घोषित किया जा चुका है तथा भारत सरकार एवं मध्यप्रदेश सरकार द्वारा इस विश्व व्यापी महामारी के रोकथाम एवं बचाव हेतु कई तरह के दिशानिर्देश जारी किए गये हैं। भारतीय दण्ड संहिता की धारा 268 या 269 के अनुसार कोई भी व्यक्ति यदि ऐसा विधि विरूद्ध अथा उपेक्षापूर्ण कार्य करेगा जिससे जीवन के लिए संकटपूर्ण रोग का संक्रमण फैलना संभाव्य हो तो उस व्यक्ति को 6 माह की अवधि तक का कारावास अथवा 200 रूपये तक के जुर्माना से दण्डित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पादन अधिनियम (कोटपा) 2003 की धारा 4 के अनुसार सभी सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान प्रतिबंधित है। प्रतिबंधित स्थलों पर धूम्रपान निषेध का उल्लंघन करने पर दण्ड स्वरूप 200 रूपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है। तम्बाकू सेवन के उपरांत उसे यत्र-तत्र थूकने को निषिद्ध करने के साथ वातावरण के स्वच्छ रखने में सहयोग मिलेगा। साथ ही यह कदम राज्य सरकार के कोरोना जैसी महामारी से बचाने तथा स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत अभियान में अहम योगदान होने के साथ ही जन स्वास्थ्य की उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करेगा।
उन्होंने जनस्वास्थ्य की रक्षा के लिए कोबिड-19 से रोकथाम व बचाव हेतु एपिडेमिक एक्ट 1897 एवं मध्यप्रदेश एपिडेमिक डीसीजेज कोविड 19 विनियम 2020 तथा मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ एक्ट 1949 की धारा 71 (1) के सुसंगत प्रावधानों के अन्तर्गत आगामी आदेश तक जिले के सभी सरकारी, गैर सरकारी कार्यालय एवं परिसर, सभी स्वास्थ्य संस्थान तथा परिसर, सभी शैक्षणिक संस्थान एवं परिसर, सभी थाना एवं सार्वजनिक स्थान जैसे मनोरंजन केन्द्र, पुस्तकालय, स्टेडियम, होटल, शापिंग मॉल, कॉफी हाउस, निजी कार्यालय, न्यायालय परिसर, सिनेमा हॉल, रेस्टोरेंट, सभागृह, प्रतीक्षालय, बस स्टॉप, लोक परिवहन, टी स्टॉल, मिष्ठान भण्डार, ढाबा में किसी भी प्रकार का तम्बाकू पदार्थ तथा सिगरेट, बीडी, खैनी, गुटखा, पान मसाला, व जर्दा इत्यादि का उपयोग पूर्णतः प्रतिबंधित किया है। यदि कोई भी पदाधिकारी, कर्मचारी या आगन्तुक इस नियम का उल्लंघन करते हैं तो उल्लंघन कर्ताओं पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा।

जानकारी न देना  दण्डनीय अपराध : कलेक्टर

पन्ना कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने जिले की आमजनता एवं सर्वे कार्य में लगाये गये दलों से अपील करते हुये कहा है कि परिवार के बीमार सदस्य की जानकारी न देना और सर्वे दल द्वारा जानकारी प्राप्त न करना दोनों दण्डनीय अपराध है। उन्होंने आम जनता से अपील करते हुये कहा है कि यदि उनके परिवार में कोई भी व्यक्ति सर्दी, जुखाम, खांसी, बुखार, सांस फूलने आदि की बीमारी से वर्तमान में पीडित हुआ है तथा उनके परिवार में पूर्व से टी.बी., केंसर, हृदय रोग, ब्लड प्रेसर, शुगर, किडनी आदि किसी भी बीमारी से पीडित है तो इसकी जानकारी सर्वे दल को अनिवार्य रूप से बतायें। यदि सर्वे के दौरान सर्वे दल को जानकारी नहीं दे पाये हैं तो अभी भी सर्वे दल के सदस्य, आंगनवाडी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, ग्राम पंचायत सचिव, रोजगार सहायक आदि के माध्यम से जानकारी दर्ज करा दें। जानकारी दर्ज होने पर चिकित्सक दल द्वारा संबंधित मरीजों का परीक्षण कर उपचार उपलब्ध कराया जायेगा।
इसी प्रकार उन्होंने सर्वे दल के सदस्यों से अपील करते हुए कहा है कि वे अपने अपने क्षेत्र के शत प्रतिशत परिवारों से गृह भेट कर परिवार के बीमार सदस्य की जानकारी प्राप्त करें। यदि सर्वे के दौरान किसी परिवार से भेट नही हुई थी उस परिवार से पुनः गृह भेटकर जानकारी प्राप्त करें। यदि कोई भी परिवार का सदस्य पूर्व में जानकारी नही दे पाया था बाद में जानकारी दे रहा है उसकी भी जानकारी गृह भेटकर दर्ज करें। क्योंकि शत प्रतिशत व्यक्तियों की जानकारी प्राप्त न करना सौंपे गये दायित्वों के प्रति लापरवाही है जो दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आता है।
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