Thursday, April 30, 2020

हथिनी मोहनकली ने दिया मादा बच्चे को जन्म

  •  नन्हे मेहमान के आने से पन्ना टाइगर रिजर्व में खुशी का माहौल 
  •  पन्ना में बाघों के साथ-साथ बढ़ रहा हाथियों का भी कुनबा


हिनौता स्थित हांथी कैम्प में अपनी मां मोहनकली के साथ नवजात शिशु। 

अरुण सिंह,पन्ना। बाघों के लिए प्रसिद्ध मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में हथिनी मोहनकली ने एक स्वस्थ मादा बच्चे को जन्म दिया है। यहां हाथियों के कुनबे में एक नये और नन्हे मेहमान के आ जाने से खुशी का माहौल है। 18 वर्षीय हथिनी मोहनकली का यह दूसरा बच्चा है। इसके पूर्व इस हथिनी ने पन्ना टाइगर रिजर्व में वन्या नाम के मादा बच्चे को जन्म दिया था जो अब 5 वर्ष की है। इस नन्हे मेहमान के आ जाने से पन्ना टाइगर रिजर्व में हाथियों का कुनबा बढ़कर 15 हो गया है। हांथियों के इस कुनबे में दुनिया की सबसे उम्रदराज हथिनी वत्सला भी शामिल है, जो पन्ना टाइगर रिज़र्व के लिये किसी धरोहर से कम नहीं है। कोविड-19 कोरोना वायरस के विश्वव्यापी संकट के इस दौर में पन्ना टाइगर रिजर्व से नन्हे मेहमान के आगमन की आई यह खबर सुकून और खुशी प्रदान करने वाली है।
पन्ना टाइगर रिजर्व के वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ एस.के. गुप्ता ने जानकारी देते हुए आज बताया कि हथनी मोहनकली ने 27 अप्रैल को रात्रि 1 बजे पन्ना टाइगर रिजर्व के परिक्षेत्र हिनौता स्थित हाथी कैंप में मादा शिशु को जन्म दिया है। नवजात शिशु का वजन 90 किलोग्राम है तथा हथनी व बच्चा दोनों पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं। मादा शिशु अपनी मां का दूध पीने के साथ-साथ कुनबे में शामिल नन्हे सदस्यों से अठखेलियां भी करने लगी है। मालूम हो कि हथनी मोहनकली जब चार-पांच माह की थी उस समय अपनी मां गंगावती के साथ सीधी से पन्ना सितंबर 2001 में आई थी। हथनी गंगावती के साथ हाथी रामबहादुर को भी यहां लाया गया था। तभी से हाथियों का यह कुनबा लगातार बढ़ रहा है और पन्ना टाइगर रिजर्व की सुरक्षा व निगरानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। मौजूदा समय पन्ना टाईगर रिजर्व में वनराज व गजराज दोनों के ही कुनबे में वृद्धि हो रही है जो निश्चित ही प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से एक शुभ संकेत है।
क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व के.एस.भदौरिया ने बताया कि मौजूदा समय कोरोना वायरस के संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए टाइगर रिजर्व में पर्यटकों का प्रवेश पूर्णतया बंद है। इसके बावजूद हाथी कैम्प व आसपास के क्षेत्र को सैनिटाइज किया गया है तथा नवजात शिशु के पास स्टाफ के अतिरिक्त किसी भी अन्य व्यक्ति का जाना प्रतिबंधित है। श्री भदौरिया ने बताया कि हथिनी मोहनकली व उसके नन्हे शिशु की समुचित देखरेख तथा विशेष भोजन की व्यवस्था भी की जा रही है। हथिनी को दलिया, गुड, गन्ना तथा शुद्ध घी से निर्मित लड्डू खिलाये जा रहे हैं ताकि नन्हे शिशु को पर्याप्त दूध मिल सके। हथनी व उसके शिशु की चौबीसों घंटे देखरेख व निगरानी के लिए स्टाफ की तैनाती की गई है। वन्य प्राणी चिकित्सक भी समय-समय पर मां व शिशु दोनों के स्वास्थ्य का परीक्षण कर रहे हैं।
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