Wednesday, April 8, 2020

खौफ के साए में भी यहां गूंज रही किलकारियां

  •  लॉकडाउन के चलते हर तरफ ख़ौफ़ व पसरा है सन्नाटा 
  •  लेकिन जिला अस्पताल के शिशु वार्ड का खुशनुमा है माहौल


जिला चिकित्सालय पन्ना में जन्मा नवजात शिशु अपनी मां के साथ। 

अरुण सिंह,पन्ना। मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में कोरोना संक्रमण के खौफ और लॉकडाउन के बीच भी जिला अस्पताल में किलकारियां गूंज रही हैं। जब से लॉकडाउन हुआ है, सड़कों में सन्नाटा पसरा है तथा लोग अपने घरों में कैद हैं। लेकिन इन तमाम मानवीय बंदिशों के बावजूद प्रकृति अपना काम यथावत कर रही है। शोर-शराबा और कोलाहल थमने से पक्षियों का कलरव जहां बढ़ गया है वहीं जीव-जंतु भी निर्भय होकर स्वच्छंद रूप से विचरण कर रहे हैं। पेड़ पौधों में भी नई कोपले फूट रही हैं। प्रकृति में सृजन और उत्सव का यह सिलसिला अनवरत जारी है। जिला अस्पताल में नन्हे मेहमानों की प्रतिदिन गूंजने वाली किलकारियों और निश्छल मुस्कान से कुछ क्षण को ही सही लोग कोरोना के खौफ को भूल जाते हैं।
उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण के खतरे को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश सहित समूचे देश में लॉक डाउन चल रहा है। ऐसे माहौल में जब हर तरफ कोरोना का खौफ और सन्नाटा है, जिला चिकित्सालय के शिशु वार्ड में नवजात शिशुओं की गूंजती किलकारियां व मुस्कुराहट से माहौल खुशनुमा है। लॉक डाउन शुरू होने के बाद जिला चिकित्सालय पन्ना में अब तक एक सैकड़ा से भी अधिक नवजात शिशुओं का जन्म हो चुका है। जिला चिकित्सालय पन्ना के एसएनसीयू प्रभारी डॉ योगेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि लॉक डाउन के बाद भी जिला अस्पताल में प्रसव यथावत हो रहे हैं।प्रसव के आंकड़ों में बहुत ज्यादा अंतर नहीं आया है। आपने बताया कि सामान्य वाहनों के आवागमन में रोक लगने के बाद भी जननी एक्सप्रेस वाहनों व एंबुलेंस सेवा का संचालन जारी है। यही वजह है कि लॉक डाउन सहित तमाम बंदिशों के बावजूद भी प्रसूताएं समय पर अस्पताल पहुंच रही हैं। नोडल अधिकारी जननी एक्सप्रेस डॉक्टर संदीप त्रिपाठी ने बताया कि जननी एक्सप्रेस वाहनों के कर्मचारी पूरी निष्ठा के साथ 24 घंटे सेवाएं दे रहे हैं। सभी कर्मचारियों को एन-95 मॉस्क दिये गये हैं तथा वाहनों को भी नियमित रूप से सेनीटाइज किया जा रहा है ताकि संक्रमण का खतरा न रहे।
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