Friday, October 2, 2020

पन्ना नेचर कैंप के 10 वर्ष पूर्ण होने पर हुई वर्चुअल मीटिंग

  •   नेचर कैंप के परिकल्पना की निरंतरता को बनाये रखने पर हुआ विचार
  •  मीटिंग में शामिल सभी लोगों ने पन्ना के बाघों को जताया अपना समर्थन 



अरुण सिंह,पन्ना। जनसमर्थन से बाघ संरक्षण की अभिनव सोच को मूर्त रूप देने की मंशा से 10 वर्ष पूर्व अक्टूबर 2010 में वन्य प्राणी संरक्षण सप्ताह के दौरान पन्ना नेचर कैंप की शुरुआत हुई थी। इस अनूठी परिकल्पना के सफलतम 10 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में गुरूवार 1 अक्टूबर को फ्रेंड ऑफ पन्ना के तत्वाधान में वर्चुअल मीटिंग का आयोजन हुआ, जिसमें पन्ना बाघ पुनर्स्थापना योजना की कामयाबी में योगदान देने वाले लोगों सहित पन्ना नेचर कैंप के सफल आयोजन में भागीदारी निभाने वाले अनेकों प्रमुख लोग शामिल रहे। मीटिंग के सभी प्रतिभागियों ने पन्ना के बाघों को अपना पुरजोर समर्थन दिया।

 इस वर्चुअल मीटिंग में डब्ल्यूडब्ल्यूएफ से रवि सिंह जी ने पन्ना में बाघ संरक्षण के कार्य तथा नेचर कैंप की निरंतरता को बनाये रखने के लिए हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया और कहा कि हम इसके लिए समर्पित रहेंगे। आपने पन्ना नेचर कैंप के संबंध में अपने रोचक और प्रेरणादायक संस्मरण भी सुनाये। इस मीटिंग में शामिल रहीं प्रदेश की पूर्व कैबिनेट मंत्री व पन्ना जिले की वरिष्ठ भाजपा नेता सुश्री कुसुम सिंह महदेले लेने पन्ना में बाघों को आबाद कराने में महती भूमिका निभाने तथा पन्ना नेचर कैंप शुरू करने के लिए आर. श्रीनिवास मूर्ति की सराहना करते हुए सभी को बधाई दी। उन्होंने यह भी कहा कि मानव और वन्यजीवों के बीच टकराव की स्थिति न बने इसके लिए सहअस्तित्व की सोच जरूरी है। सुश्री महदेले ने कहा कि पन्ना टाइगर रिजर्व पन्ना के विकास में बाधक नहीं बल्कि विकास का वाहक बने। 

मालुम हो कि पन्ना टाइगर रिज़र्व में  पिछले सात-आठ महीनों में सुरक्षा और संरक्षण से जुड़े मामले गलत तरीके से सामने आ रहे थे, नतीजतन संदिग्ध परिस्थितियों में पांच बाघों सहित तेंदुओं की मौत हुई। जिसको लेकर हर कोई परेशान था, लेकिन चुपचाप और प्रभावी ढंग से जांच की प्रक्रिया में योगदान दिया। पीसीसीएफ (वन्य प्राणी) आलोक कुमार के नेतृत्व में एसटीएफ की जाँच टीम ने आज ही बाघ के शिकार के मामले का खुलासा किया है। निश्चित ही यह कामयाबी बाघों सहित वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिहाज से एक शुभ संकेत है। लेकिन इस कामयाबी के साथ ही पीटीआर में और उसके आस-पास घटित होने वाले अवैध शिकार के मामलों पर गंभीर रुख दिखाने तथा शिकारियों के नेटवर्क की पहचान कर उनका खात्मा करने की दिशा में ठोस कदम उठाया जाना जरुरी है। यह निर्णय भी लिया गया कि फ्रेंड्स ऑफ पन्ना, लास्ट वाइल्डरनेस, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया और पन्ना मंच का एक प्रतिनिधिमंडल नये एफडी से मिलकर उन्हें मीटिंग में हुई चर्चा और पन्ना टाइगर रिज़र्व को उसके अगले मुकाम तक ले जाने के लिये बनी रणनीति के सम्बन्ध में अवगत करायेगा।




 इस मौके पर पन्ना नेचर कैंप के आयोजन में विगत 10 वर्षों से सक्रिय भूमिका निभाने वाले शिक्षाविद अंबिका प्रसाद खरे ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए विकास व प्रकृति के बीच सामंजस्य बनाने पर जोर दिया। प्रकृति के मूल्य पर विकास की अंधी दौड़ को आपने मनुष्यता के लिए खतरनाक बताया और कहा कि बेहतर जीवन के लिए प्रकृति का संरक्षण जरूरी है। मीटिंग में पूर्व सांसद लोकेन्द्र सिंह, श्रीमती विद्या व्यंकटेश, श्रीमती संगीता सक्सेना, पीयूष सेखसरिया, हनुमंत सिंह व अंकित शर्मा सहित अनेकों लोगों ने पन्ना नेचर कैंप के संबंध में अपने संस्मरण सुनाये तथा नेचर कैंप की निरंतरता को कैसे बनाये रखें, इस पर भी विचार रखा। मीटिंग में आर. श्रीनिवास मूर्ति ने पियूष सेखसरिया द्वारा लिखित पुस्तक "अवर टाइगर रिटर्नस" पुस्तक के द्वितीय अंक के कवर पृष्ठ का विमोचन भी किया। मीटिंग का सफल संचालन सुप्रीम कोर्ट के युवा अधिवक्ता डॉ. रितम खरे ने किया।

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