Friday, January 29, 2021

पन्ना की लाड़ली ने 12 हजार फीट ऊंची चोटी पर फहराया तिरंगा

  •  माइनस 20 डिग्री की बर्फीली ठंढ में गाया राष्ट्रगान
  •  'टॉप ऑफ द वर्ल्ड' फतह करने का है कठिन इरादा 

बर्फीली 12 हजार फीट ऊंची चोटी पर तिरंगा के साथ पन्ना की बेटी गौरी। 

अरुण सिंह,पन्ना। मध्यप्रदेश के पन्ना जिले की धरती सिर्फ रत्नगर्भा ही नहीं अपितु प्रतिभाशाली और बहादुर सपूतों तथा यहाँ की धरती का गौरव बढ़ाने वाली बेटियों की जन्मदात्री भी है। पन्ना जिले की एक बहादुर बेटी ने हाड़ कंपा देने वाली माइनस 20 डिग्री सेल्सियस की ठंड में तिरंगा फहराकर यह साबित कर दिया है कि वे नामुमकिन को भी मुमकिन बनाने का हौसला रखती हैं। मध्यम आय वर्ग वाले परिवार की बेटी गौरी अरजरिया ने यह अविश्वसनीय कारनामा गणतंत्र दिवस के अवसर पर किया है। इस लाड़ली ने तकरीबन 12 हजार फीट की ऊंचाई पर चढऩे के बाद वहां पर न सिर्फ राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया अपितु उत्तराखंड के केदार कांठा पहाड़ पर खड़े होकर हाड़ कंपाने वाली ठंड में राष्ट्रगान भी गाया है। 


कठिन लक्ष्य हासिल करने के बाद ख़ुशी और सुकून के क्षण। 

उल्लेखनीय है कि गौरी अरजरिया का जन्म पन्ना जिले के सिमरिया कस्बे में सामान्य आर्थिक आय वर्ग वाले परिवार में हुआ है। इनके पिता रामकुमार अरजरिया कृषक तथा मां ग्रहणी हैं। सिमरिया कस्बे में ही रहकर गौरी ने बीएससी और डीएड की शिक्षा पूरी की, लेकिन इस बीच उसके मन में कुछ अलग करने का भी जज्बा पैदा हुआ। मोबाइल पर चर्चा करते हुए 26 वर्षीय गौरी ने बताया कि इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उसने अपने गांव सिमरिया में ही पर्वतारोहण की तैयारी शुरू कर दी थी। गौरी ने बताया कि इंटरनेशनल एडवेंचर फाउंडेशन ग्रुप के सदस्यों के साथ मिलकर उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है। इसके पूर्व इन्होने पश्चिम बंगाल की  'रेन ऑफ पीक' की करीब 17 हजार फीट की ऊंचाई तक पहुंचने में भी सफलता हासिल की है। उत्तरकाशी स्थित केदार कांठा पहाड़ पर उनके साथ उत्तरप्रदेश, हरियाणा और चंडीगढ़ राज्य के सदस्य भी शामिल थे। इन लोगों ने सुबह पांच बजे 12,500 फीट की ऊंचाई पर पहुंचकर प्रथम स्थान हासिल किया।  फिर साल 2019 में बेसिक माउंटेनियरिंग का कोर्स किया। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रहीं। गौरी ने बताया कि उनका सपना 'टॉप ऑफ द वर्ल्ड' माउंट एवरेस्ट पर पहुंचकर वहां राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराने का है। 

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