Saturday, January 30, 2021

पन्ना में बन रहा एशिया का पहला डायमण्ड म्यूजियम

  • म्यूजियम को विश्व स्तरीय बनाने के लिए हो रहे पूरे प्रयास 
  • कलेक्टर श्री मिश्र ने अधिकारियों के साथ किया विचार विमर्श 

मंदिरों के शहर पन्ना का नजारा। 

अरुण सिंह,पन्ना। हीरा खदानों के लिए देश और दुनिया में प्रसिद्ध मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में एशिया का पहला डायमण्ड म्यूजियम बनकर तैयार हो रहा है। विश्व स्तरीय इस म्यूजियम के निर्माण हेतु जिस स्थल का चयन किया गया है, वह शहर के प्राचीन तालाब धरमसागर के निकट पहाड़ी के ऊपर है। इसी पहाड़ी पर सरकिट हाउस व कलेक्टर बंगला भी स्थित है, यही वजह है कि पहाड़ी को पहाड़ कोठी के नाम से जाना जाता है। पहाड़कोठी से मंदिरों के शहर पन्ना का विहंगम द्रश्य बेहद मनोरम व मंत्रमुग्ध कर देने वाला होता है। इसी पहाड़ी में स्थित एक राजशाही ज़माने में निर्मित पुराने बंगले को म्यूजियम में तब्दील किया जा रहा है। 

 कलेक्टर पन्ना संजय कुमार मिश्र बताते हैं कि हीरा उत्पादक जिले के नाम से पन्ना को भारत ही नहीं अपितु पूरी दुनिया में जाना जाता है। हीरे के इतिहास, महत्व, उत्खनन, तरासने, आभूषणों में जडने तक की जानकारी के साथ बुन्देलखण्ड के इतिहास, संस्कृति, पुरातत्व, मदिरों आदि की जानकारी एक साथ एक जगह उपलब्ध कराने के लिए यह म्यूजियम बनाया जा रहा है। मालुम हो कि पन्ना के पहाडकोठी पर डायमण्ड म्यूजियम बनाये जाने की सोच कलेक्टर संजय कुमार मिश्र की है, जो अब आकार लेने लगी है। यह एशिया महाद्वीप का पहला डायमण्ड म्यूजियम होगा। इस म्यूजियम को विश्व स्तरीय बनाने के लिए कलेक्टर श्री मिश्र द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। प्रयास के इसी क्रम में कलेक्टर श्री मिश्र द्वारा हीरा उत्खनन परियोजना के कन्सल्टेंस संकेत कम्युनिकेशन दिल्ली की एक टीम के साथ बैठक आयोजित कर विचार विमर्श किया गया।


म्यूजियम को विश्व स्तरीय बनाने के सम्बन्ध में अधिकारियों से चर्चा करते कलेक्टर श्री मिश्र। 

बैठक में संकेत कम्युनिकेशन दिल्ली द्वारा देश के विभिन्न राज्यों में डिजाइन किए गए म्यूजियम, मंदिर एवं टेलीफिल्म आदि का प्रदर्शन कर जानकारी दी गई। कलेक्टर श्री मिश्र ने मौके पर ले जाकर डायमण्ड म्यूजियम निर्माण कार्य में अब तक हुई प्रगति की जानकारी देने के साथ उन्होंने बताया कि इस म्यूजियम में हीरे के उत्खनन से लेकर तरासने तक के पुराने औजारों को भी प्रदर्शित किया जायेगा। हीरे की उथली खदानों के साथ एनएमडीसी द्वारा किए जा रहे उत्खनन कार्य को भी दिखाया जाएगा। म्यूजियम को पूर्णत: स्वचलित बनाए जाने की योजना है। म्यूजियम में प्रवेश के लिए पोस्टकार्ड साइज का प्रवेश टिकट रखा जायेगा, जिसके ऊपर हीरे का फोटो प्रिंट होगा। संकेत कम्युनिकेशन के दल द्वारा मौके पर डायमण्ड म्यूजियम के निर्माण कार्य का अवलोकन किया गया। कलेक्टर श्री मिश्र ने बताया कि म्यूजियम के सामने एक पन्ना व्यू-प्वाइंट बनाया जायेगा। जिससे लोग आसानी से पन्ना नगर का नजारा देख सकें। उन्होंने बताया कि म्यूजियम के पीछे पहाडी को विकसित करने की योजना है। धरम सागर तालाब की ओर से पहाडी पर जाने के लिए रोडवे बनाया जायेगा। इसके अलावा पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए इस पूरे क्षेत्र को विकसित किया जायेगा। इस अवसर पर एनएमडीसी के अधिकारीगण, स्थानीय समिति के सदस्य, अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी अशोक चतुर्वेदी, शहरी विकास अभिकरण के परियोजना अधिकारी अरूण पटैरिया के साथ शासकीय एवं अशासकीय सदस्य उपस्थित रहे।

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