- इतने गैर जिम्मेदार अधिकारियों के रहते कैसे बचेंगे जंगल
- भीषण आग भड़कने से दो प्लांटेशन जलकर हो गये खाक
वन विभाग के रेस्ट हाउस में ठुमके लगाते अधिकारी व कर्मचारी। |
।। अरुण सिंह ।।
पन्ना। जंगल जब धू-धूकर जल रहे हों, उस समय जिम्मेदार वन अधिकारी जंगल को आग से बचाने के बजाय वन अमले के साथ फिल्मी गानों पर ठुमके लगाते हुए जश्न मनायें, तो जंगल की क्या दशा होगी इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। मामला पन्ना जिले के दक्षिण वन मंडल अंतर्गत शाहनगर क्षेत्र का है, जहां वन विभाग के दो प्लांटेशन भीषण आग की चपेट में आकर खाक हो गये। विगत 31 मार्च को भड़की आग ने 1 अप्रैल को विकराल रूप धारण कर लिया, क्योंकि जिम्मेदार वन अमले द्वारा आग पर नियंत्रण पाने कोई प्रयास नहीं किए गये। शर्मनाक बात तो यह है कि जब प्लांटेशन जल रहे थे, उसी समय उप वन मंडलाधिकारी हेमंत यादव वन कर्मचारियों के साथ होली गीत पर ठुमके लगाकर जश्न मना रहे थे।
आग से जलकर खाक हो चुके प्लांटेशन का नजारा। |
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष मार्च के महीने में ही आगजनी की घटनाओं ने तांडव दिखाना शुरू कर दिया था। बीते माह मार्च में उत्तर वन मंडल व दक्षिण वन मंडल सहित पन्ना टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र में कई इलाकों पर आग भड़क चुकी है, जिससे जंगल को भारी क्षति पहुंची है। उत्तर वन मंडल व बफर क्षेत्र में आग भड़कने पर वन अमले द्वारा उसे बुझाने तथा नियंत्रित करने के लिए प्रयास भी किये गये। लेकिन दक्षिण वन मंडल का जंगल ऐसा प्रतीत होता है कि वह भगवान भरोसे है। यहां पदस्थ वन अधिकारी अपने दायित्वों और कर्तव्यों के प्रति कितने सजग व संवेदनशील हैं, यह ठुमके लगाते वन कर्मियों व अधिकारियों के वीडियो को देखकर लगाया जा सकता है। ठुमके लगाने वाला तथा आग से जलकर खाक हो चुके वन विभाग के दो प्लांटेशनों का वीडियो वायरल होने पर तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। लोग कह रहे हैं कि इतने गैर जिम्मेदार और लापरवाह अधिकारियों के रहते दक्षिण वन मंडल पन्ना का जंगल कैसे सुरक्षित रहेगा ? अभी तो मार्च का महीना बीता है तथा भीषण तपिश वाली गर्मी आने को है। जब मार्च में ही जंगल धू-धू कर जलता रहा और आग पर काबू नहीं पाया जा सका तो अप्रैल और मई की भीषण गर्मी में क्या हालात निर्मित होंगे।
लापरवाहों के बीच सच्चे वन योद्धा भी मौजूद
जिले के वन महकमे में गैर जिम्मेदार और लापरवाह वन अधिकारियों तथा कर्मचारियों के कारण जंगल तथा वन्य प्राणियों की सुरक्षा जहां खतरे में हैं, वहीं ऐसे वन कर्मचारी भी हैं जो सच्चे वन योद्धा की भूमिका का निर्वहन कर जंगल और प्राणियों की सुरक्षा इमानदारी से कर रहे हैं। उत्तर वनमंडल पन्ना अंतर्गत सिंहपुर वन क्षेत्र के एक वन योद्धा की जानकारी पर्यावरण प्रेमी हनुमंत सिंह ने साझा की है। आपने बताया कि पिछले दिनों इस वन क्षेत्र में जब आग भड़की तो वनरक्षक मुरली अहिरवार एक सच्चे वन योद्धा की तरह वन समिति की अपनी टीम को लेकर जंगल में ही डटे रहे। भड़की आग को काबू में करने के लिए उनकी टीम ने हर संभव प्रयास किया और भूखे प्यासे आग की लपटों से जूझते रहे। ठुमके लगाने वाले वन अधिकारियों व कर्मचारियों को इस वन योद्धा से सीख लेनी चाहिए।
सही समय पर लगायें ठुमके, तो होगी तारीफ
बारिश शुरू होने पर ख़ुशी का इजहार करती वन अधिकारी स्नेहा ढाल। |
ठुमके लगाकर अपनी खुशी का इजहार करना बुरी बात नहीं है, लेकिन इसके लिए सही वक्त और उचित वजह का होना जरूरी है। तब ठुमके लगाने पर भी तारीफ होती है, लोग खुले दिल से सराहना भी करते हैं। इसका जीता जागता उदाहरण महिला वन अधिकारी स्नेहा ढाल हैं, जिनके नृत्य ने हजारों लोगों का दिल जीत लिया है। मामला ओडिशा के सिमलीपाल नेशनल पार्क का है। यहां मार्च के दूसरे सप्ताह में आग भड़की हुई थी, जिसे नियंत्रित करने के अथक प्रयास किए जा रहे थे। लेकिन जंगल में भड़की यह आग लगातार बेकाबू हो रही थी, वन अधिकारी स्नेहा ढाल भी आग की लपटों पर काबू पाने के लिए जी जान से जुटी थीं। उसी समय अचानक मौसम बदला और बारिश होने लगी, जिससे आग बुझाने में मदद मिली। अचानक बारिश शुरू होने पर महिला वन अधिकारी स्नेहा ढाल जंगल में ही खुशी से झूम उठी। स्नेहा का यह वीडियो वन अधिकारी रमेश पांडे ने ट्विटर पर शेयर कर दिया, जिसे अब तक लाखों लोग देख चुके हैं तथा तारीफ में कमेंट भी कर रहे हैं।
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अच्छा काम की
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