Friday, May 28, 2021

पाँच माह बाद नवम्बर में मध्यप्रदेश आयेंगे अफ़्रीकी चीता

  • मध्यप्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में इन्हे बसाने की हो रही तैयारी
  • राज्य वन्य-प्राणी बोर्ड की बैठक में वन मंत्री डॉ. शाह ने दी जानकारी 
  • मुख्यमंत्री ने कहा वन्य-प्राणी अपराधियों को शीघ्र मिलनी चाहिए सजा 


सात दशक पूर्व भारत के जंगलों से विलुप्त हो चुका धरती पर सबसे तेज दौडऩे वाला वन्य प्राणी चीता के फिर यहाँ बसने का मार्ग प्रशस्त हो चुका है। मध्यप्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में इन्हे बसाने की तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को आयोजित मध्य प्रदेश राज्य वन्य-प्राणी बोर्ड की बैठक में वन मंत्री डॉ. विजय शाह ने यह जानकारी दी। वन मंत्री ने बताया कि प्रदेश में नवम्बर माह में अफ्रीका से चीता आएगा। राज्य वन्य-प्राणी बोर्ड की बैठक में आपने बताया कि चम्बल अभयारण्य में घड़ियालों की संख्या बढ़कर 2176 तथा डाल्फिन की संख्या 82 हो गई है। गिद्धों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व एवं भेड़ाघाट को विश्व धरोहर की संभावित सूची में शामिल किया गया है। वन मंत्री डॉ. विजय शाह ने कहा कि बाघों की गणना वर्ष 2022 में प्रारंभ होगी।

बैठक की अध्यक्षता कर रहे प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में वन क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए दी जाने वाली अनुमतियों में इस बात का पूरा ध्यान रखा जाए कि विकास कार्यों से प्रदेश के वनों एवं वन्य-प्राणियों को कोई नुकसान न हो। वन्य-प्राणियों के विरूद्ध अपराध करने वालों के विरूद्ध न केवल तुरंत कार्रवाई हो, बल्कि उन्हें सजा मिलना भी सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जंगली जानवरों से जनता को कोई हानि न हो, इसके लिए भी पूरे प्रयास किए जाएँ। मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रालय में मध्य प्रदेश राज्य वन्य-प्राणी बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में वन मंत्री कुंवर डॉ. विजय शाह, मुख्य सचिव  इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव वन अशोक वर्णवाल आदि उपस्थित थे।

बैठक में रातापानी अभयारण्य में राष्ट्रीय राजमार्ग-69 के 4 लेन चौड़ीकरण कार्य को स्वीकृति प्रदान की गई।  रातापानी अभयारण्य में दमोह-पटेरा जल समूह प्रदाय योजना, ओरछा अभयारण्य में निमाड़ी-पृथ्वीपुर जल समूह प्रदाय योजना तथा वीरांगना दुर्गावती अभयारण्य में जबेरा-तेन्दूखेड़ा समूह जल प्रदाय योजनाओं में भूमिगत पाइप लाइन डालने की अनुमति दी गई। विभिन्न क्षेत्रों में ऑप्टिकल फाइबर बिछाने की अनुमति भी दी गई। बैठक में संजय टाइगर रिजर्व में कटनी-सिंगरौली रेल लाइन दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण कार्य को शर्तों के साथ अनुमति प्रदान की गई। इसे भारत सरकार को शर्तों के साथ भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सिंगरौली दूरस्थ क्षेत्र है। यहाँ रेल लाइन दोहरीकरण होना चाहिए।

सोनचिरैया पक्षी विलुप्ति की कगार पर

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा सोनचिरैया पक्षी के संबंध में घाटीगाँव अभयारण्य का सर्वे करवाया जाए। करेरा अभयारण्य में वर्ष 1994 से सोनचिरैया नहीं दिखने पर भारत सरकार द्वारा इसे डीनोटिफाई कर दिया गया है। मध्यप्रदेश में सोनचिरैया (ग्रेट इंडियन बस्टर्ड) पक्षी विलुप्ति की कगार पर है। उन्होंने कहा कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र में जंगली हाथियों द्वारा ग्रामीणों को नुकसान न हो, ऐसे प्रयास किए जाएँ। इसके लिए विशेषज्ञों का समूह बनाया जाए, जो देश-दुनिया के बचाव के उपायों का अध्ययन कर रिपोर्ट दे।

वन मंत्री कुंवर डॉ. विजय शाह ने बताया कि मध्यप्रदेश में वन्य-प्राणियों के उपचार की आधुनिकतम सुविधाएँ हैं। जबलपुर में सर्वसुविधायुक्त अस्पताल है। अब आधुनिकतम ऑपरेशन टेबिल और वेंटिलेटर भी आ गए हैं। अभी दो इन्क्यूबेटर स्वीकृत किए गए हैं। शीघ्र ही जबलपुर में अंतराष्ट्रीय वन्य-प्राणी संरक्षण कान्फ्रेंस भी आयोजित की जाएगी।

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