Sunday, June 27, 2021

पीएम नरेंद मोदी ने सतना के किसान रामलोटन की बगिया को सराहा

 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रेडियो के माध्यम से मन की बात के द्वारा देशभर के लोगों को नई और रोचक जानकारियां भी उपलब्ध कराई जा रही है। इसके साथ ही ऐसे लोगों की प्रशंसा भी की जा रही है जो कुछ नया करते हैं। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सतना जिले के पद्मश्री से सम्मानित बाबूलाल दाहिया के नेतृत्व में दुर्लभ जड़ीबूटियों का संरक्षण करने वाले पिथौराबाद नई बस्ती के रामलोटन कुशवाहा की भरपूर प्रसंसा की है।

उन्होंने कहा कि रामलोटन कुशवाहा अपने घर को ही म्यूजियम बना दिया है। जिसको दूर दूर से लाए जड़ी बूटियों के संरक्षण करते है। उनकी बागवानी देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। इसके साथ-साथ वह देसी सब्जियों का भी उत्पादन करते हैं जो स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होती है। सभी देशवासियों को राम लोटन जी से सीख लेकर ऐसे प्रयोग करना चाहिए इससे आपकी आमदनी भी बढ़ेगी और स्वास्थ्य लाभ भी होगा।

जानते है रामलोटन कुशवाहा के बारे में

रामलोटन कुशवाहा सतना जिले के उचेहरा विकाशखण्ड क्षेत्र के ग्राम पंचायत पिथौराबाद नई बस्ती के एक छोटे किसान है पर इनकी दुनिया अलग  है इन्हें विलुप्त हो रही दुर्लभ प्रजाति की जड़ी- बूटियों सब्जियों को छोटी सी बगिया में सहेजने का जुनून इस कदर चढ़ा कि मौजूदा समय में उनके बगीचे में दो सौ अधिक प्रजातियों के दुर्लभ पौधे मौजूद हैं साल दर साल वह इनकी संख्या और बढ़ाते जा रहे हैं ।


रामलोटन के पास ऐसे भी औषधि पौधे है जो विंध्य के पहाड़ों जंगलों में अब ढूंढ़े नहीं मिलते उन्हें भी रामलोटन ने ढूंढ़ निकाला और अपनी बगिया में उन्हें भी सजा दिया । जैवविविधता पर शोध और अध्ययन करने वाले जब पिथौराबाद पहुंचते हैं और रामलोटन बगीचे में जाते हैं तो वहां मौजूद विभिन्न जड़ी - बूटियों को देखकर हैरान हो जाते कई बड़े अधिकारी भी यहां आ चुके हैं और उनके प्रयास को देखकर दंग रह गए ।

रामलोटन के इस भगीरथ प्रयास को देखते हुए जैव विविधता बोर्ड द्वारा वर्ष 2017 में पद्मश्री बाबूलाल दाहिया के नेतृत्व में पांच सदस्यीय दल को एमपी के 40 जिलों के भ्रमण पर भेजा गया था। उस टीम में पद्मश्री बाबूलाल दाहिया सहित जगदीश सिंह यादव रीवा, शैलेष कुशवाहा ग्वालियर, अनिल करने जबलपुर और सतना से रामलोटन कुशवाहा भी साथ में गए थे। जहां भ्रमण के दौरान रामलोटन ने जड़ी बूटियों के संरक्षण की बारीकिंया समझी। इसके बाद में सभी प्रजा​तियों के बीज का संरक्षण करते हुए अपने कच्चे घर को म्यूजियम का रूप देकर रखने लगे।उन्हें राज्य स्तरीय पुरस्कार देने के साथ समय समय पर वनस्पतियों जड़ीबूटियो के संरक्षण के लिए जैविविधिता द्वारा अनुदान राशि भी दिया गया है।  

रामलोटन के पास ये हैं अमूल्य जड़ी बूटियां

रामलोटन की ​बगिया में एक सैकड़ा दुर्लभ औषधीय पौधे है। अकेले 24 प्रकार के केवल कंद मौजूद हैं ।इसके अलावा दहिमन, मेदा, कुम्ही, सादन, बीजा ओदार, भेड़ार, मैनहर, खूझा, बोथी, कसही, बरौता, राजमकोर की किस्में आदि आयुर्वेद में अधिक डिमांड रहती है। वहीं इनके अलावा बराही कंद, खनुआ, बैचंदी, तीखुर, काली और समेद मुसली, केवकंद जैसे बहुत सारे कंद एवं सफेद भटकैया, सफेद घुघची, काली घुघची आदि बहुत सारी जड़ी बूटियां और गुल्म लताएं मौजूद है।

(अनुपम दाहिया की फेसबुक वॉल से साभार) 

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