आयोजित प्रेसवार्ता में जानकारी देते हुए इन्विरोनिक्स ट्रस्ट के संचालक राममूर्ति श्रीधर। |
पन्ना। देश में कई हाइवे एवं चार लाईन सड़कें बनाई जा रही लेकिन उन गाँव के लिए पहुँच मार्ग ही नहीं है बर्षात के दिनों में आसपास के गाँव के लोग एक दुसरे से मिल नहीं सकते 7 गाँव में मोबाईल नेटवर्क नहीं रहता किसी भी आपातकालीन स्थिति में लोगों को किसी भी प्रकार की स्वस्थ्य सुविधा का लाभ नहीं मिलता 7 यह बात आज पृथ्वी ट्रस्ट और इन्विरोनिक्स ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित पत्रकारवार्ता में राममूर्ति श्रीधर ने कही। इस आयोजन में सबसे पहले स्व युसूफ बेग जी के कामों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।
प्रेसवार्ता में इन्विरोनिक्स ट्रस्ट के संचालक राममूर्ति श्रीधर द्वारा बताया गया कि विगत पांच दिन पहले केन- वेतवा लिंक परियोजना से प्रभावित होने वाले गाँव पल्कोहाँ, खरीयानी एवं अन्य गाँव जो पन्ना टाइगर रिजर्व के अन्दर हैं, उनका भ्रमण कर लोगों से चर्चा कर स्थिति का आंकलन किया गया। इन ग्रामों की स्थिति बहुत दयनीय है। श्रीधर द्वारा बताया गया कि गाँव के लोगों को उनके स्वयं के खेतों में कृषि कार्य करने को नहीं मिला। लोगों का कहना था कि टाइगर रिजर्ब वाले कहते हैं कि यह जमीन टाइगर रिजर्ब की है। लोगों द्वारा बताया गया कि शाम छ: बजे के बाद गाँव के अन्दर आने की अनुमति नहीं रहती। यदि किसी के गाँव पहुँचने से पहले शाम हो जाती है तो उसे 15 किलो मीटर दूर नाका में रात भर रहना पड़ता है। श्रीधर कहते हैं कि सरकार संबिधान को ध्यान में रखकर लोगों को जीवन जीने के मूलभूत हक और अधिकार देने का प्रयास करे। सरकार वनोपज को बढ़ावा दे ताकि पर्यावरण भी सुरक्षित रहे और लोगों को आजीविका भी मिल सके।
छतीसगढ़ से आये सामाजिक कार्यकर्ता लक्ष्मी चौहान द्वारा कहा गया कि सरकारों द्वारा किसी भी प्रकार की परियोजना को लाया जाता है तो सबसे पहले प्रभावित होने वाले गाँव के लोगों से चर्चा कर योजना बनाने की जरुरत है। सरकार समुदाय से चर्चा नहीं करती और कहती है कि हम गाँव के लोगों के लिए विकास करेंगे। उन्होंने बक्सवाहा का उदहारण देते हुए कहा क़ि सरकार हीरा खनन परियोजना बक्सवाहा में ला रही है। जब हमने क्षेत्र का भ्रमण कर गाँव वालों से चर्चा की तो गाँव वालों का कहना था कि हमे तो कोई भी जानकारी नहीं देता क़ि हमारे क्षेत्र में क्या हो रहा है और इससे गाँव वालों को क्या फायदा होगा। बक्सवाहा में एक हजार हेक्टर जंगल की जमीन में हीरा खनन परियोजना चालू होगी जिसमें लाखों पेड़ों को काटा जाएगा, लेकिन सरकार द्वारा लोगों से कहा जा रहा है कि हम आपके क्षेत्र का विकास करेंगे। सरकार जितना लोगों का विकास करेगी, उतना विकास गाँव के लोगों का अपने जंगल से प्राप्त महुआ, तेंदू पत्ता, अचार, सुखी लकड़ी या अन्य चीजों से पांच साल में हो जाएगा और जंगल भी सुरक्षित रहेगा। पत्रकारवार्ता में पृथ्वी ट्रस्ट एवं इन्विरोनिक्स ट्रस्ट से रजनीश कुमार राजा, समीना युसूफ, रविकांत पाठक बीरेंद्र सीगोत, छत्रसाल पटेल, बिनोद भारती, बबली, कमलाकांत, वैशाली, समीर खान आदि उपस्थित रहे।
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