Monday, February 7, 2022

नाला के पानी को रोक दिया जाये तो खुशहाल हो जायेगा गांव

  • मनरेगा के कार्यों में जल संरक्षण को मिलनी चाहिए प्राथमिकता 
  • कपिल धारा कूप योजना किसानों के लिए साबित हुई है वरदान 

पन्ना जिले के विल्हा गांव में फसल की निगरानी के लिए खेत की मेड में बना मचान। 

पन्ना। जैविक खेती को अपनाने की दिशा में अग्रसर मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के गांव विल्हा में यदि मनरेगा का सही क्रियान्वयन हो तो इस गांव की तस्वीर बदल सकती है। गांव के पास से ही गुजरने वाले चहचही नाला के पानी को यदि रोक दिया जाये तो यह गांव खुशहाल हो जायेगा। गांव के किसानों का कहना है कि नाला का पानी रुकने से खेतों की सिंचाई हो सकेगी, जिससे उत्पादन बढ़ेगा। 

महात्मां गाधी राष्टीय ग्रामीण रोजगार गांरटी कानून जहां एक ओर श्रमिकों  को काम करने के लिये हक़ एवं अधिकार देता है वहीं ग्रामीण क्षेत्र में स्थायी परिसंम्पत्तियो के निर्माण के लिये पर्याप्त  संसाधन भी मुहैया कराता है। लघु एवं सीमांन्त किसान जिनकी आजिविका का मुख्य जरिया खेती किसानी ही है, उनके लिये खेत तलाब, मेंड़बंधान एवं हितैषीकूप जैसी मनरेगा की उपयोजनायें वरदान सावित हो रही हैं।  

ग्राम विल्हा के दद्दी पिता कल्लू पटेल उम्र 50 वर्ष ने बताया कि दो वर्ष हुए कुआं मिले, हम सब्जी पर्याप्त मात्रा में लगाते हैं और प्याज तो बेच भी लेते हैं। लल्लू पटेल ने वताया की 2 बीघा में प्याज लगाया था जो 40 क्विंटल हुई। लल्लू के मुताबिक उसने लाख रू. की प्याज बेच दी और खाने को भी पर्याप्त रख लिया यहाँ तक कि रिस्तेदारों को भी दी है। कुआं बन जाने सभी मौसम में सब्जी एवं खाने की लिये फसलें पर्याप्त हो रही हैं।


खेतों में अच्छी फसल होने के साथ-साथ पशुपालन से भी आमदानी होती है। खेत में डालने के लिये बकरी की खाद एवं गाय, भैस का सड़ा हुआ गोबर ही उपयोग कर रहे हैं। खेत में कोई रासायनिक खाद एवं कीटनाशक का उपयोग नहीं करते हैं। मनरेगा से दद्दी,लल्लू,सुदाम,एवं कई किसानों के कुआ बने हैं, इनकी कामयाबी को देख गांव के अन्य कई किसान भी अब अपने खेत में कुआं बनवाना चाहते हैं। 

ग्राम पंचायत से ग्रामीणो ने कहा हमें पानी रोकने एवं स्टाक के लिये अधोसंरचना दें, हम अपनी गरीबी स्वयं दूर कर लेंगे। स्वयंसेवी संस्था समर्थन लगातार पंचायत के साथ मिलकर कृषि आधारित योजना तैयार करने में तकनीकी सहयोग कर रही है। ग्राम पंचायत ने वार्षिक कार्ययोजना 2022—23  में किसानों  को प्राथमिकता में लेकर उपयोजनाए तैयार की हैं। पानी के सरंक्षण एवं जैबिक खेती को प्रमुखता मिलने से किसानों को फायदा होगा। मालुम हो कि विल्हा रक्सेहा पंचायत का गांव है, जो पहाड़ी से लगा हुआ है। चहचही नाला एवं कई छोटे वर्षाती नाले गांव से होकर गुजरते हैं। यदि इन नालों का पानी रोक दिया जाये, तो गांव खुशहाल हो जायेगा। जल संरक्षण का यह कार्य मनरेगा से हो सकता है।

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