- गाँव के लोगों ने एकजुट होकर जल संरक्षण की ली सपथ
- श्रमदान करके तलैया के गहरीकरण का कार्य किया शुरू
विश्व मजदूर दिवस पर जल संरक्षण का कार्य कर गाँव को पानीदार बनाने की सपथ लेते ग्रामवासी। |
।। अरुण सिंह ।।
पन्ना। जैविक खेती के लिए चर्चित मध्यप्रदेश के पन्ना जिले का विल्हा गाँव सभी का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया है। विश्व मजदूर दिवस पर आज रविवार को गाँव के लोगों ने एकजुट होकर अनूठी पहल की है। भीषण तपिश भरी गर्मी में जब हर तरफ पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है, ऐसे समय पर ग्रामीणों ने संगठित होकर जल संरक्षण की न सिर्फ सपथ ली है बल्कि गाँव की तलैया के गहरीकरण का कार्य भी श्रमदान करके शुरू कर दिया है। विल्हा गांव के लोगों की इस अभिनव पहल की हर कोई सराहना कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि विल्हा गांव रक्सेहा पंचायत के अन्तर्गत आता है। जिला मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर हरदुआ एवं विलखुरा मार्ग से जुडे पहाड़ की तलहटी में बसा है। इस गांव में 152 किसान रहते हैं जो रासायनिक खेती के दुष्परिणामों को देखते हुए अब जैविक खेती को अपनाने की दिशा में अग्रसर हो रहे हैं। स्वयं सेवी संस्था समर्थन के सहयोग व मार्गदर्शन से गांव के किसान जैविक खेती अपनाने के साथ-साथ जल संरक्षण के कार्य में भी खासी रूचि ले रहे हैं। आज विश्व मजदूर दिवस के अवसर पर ग्रामवासियों ने श्रमदान कर जलसंरक्षण की सपथ ली। श्रमदान करने में गांव के बड़े बुजुर्गों के साथ महिलाओं ने भी उत्साह के साथ हिस्सा लिया।
विल्हा गाँव की तलैया में ग्रामवासी श्रमदान करते हुए। |
ग्रामीणो ने बताया कि हमारा गांव पानीदार था, लेकिन आज जल संकट से जूझ रहा है। लगभग 30 वर्ष पहले सुखरानी दास ने सरपंच रहते जलसंरक्षण के तहत तलैया का निमार्ण कराया था। इस तलैया का जीर्णोद्धार और गहरीकरण अब जरूरी था। समर्थन संस्था ने इस गांव में क्लेड परियोजना से पानी संरक्षण के कार्य एवं किसानों को लगातार पानी बचाने के लिये जागरूक किया। इसी पहल का नतीजा है कि बड़े-बड़े तालाब जब जल विहीन हो रहे हैं उस समय विल्हा गांव की तलैया में आज 1 मई को भी पानी देखने को मिल रहा है। इस तलैया के पानी से पशु पक्षी एवं जगली जानवर अपनी प्यास बुझा रहे हैं। समर्थन संस्था के रिजनल क्वार्डिनेटर ज्ञानेन्द्र तिवारी बताते हैं कि तलैया गांव के उपरी हिस्से एवं वन विभाग की सीमा से लगी होने की वजह से पंचायत को कार्य कराने में समस्या है। लेकिन जनहित में यदि वन विभाग ही कार्य को करा दे तो इसका फायदा गांव के किसानो व ग्रामवासियों को मिलेगा।
गांव के लोग पानी का नहीं करते दुरूपयोग
गाँव की तलैया जिसमें थोड़ा पानी आज भी है, मवेशी यहीं बुझाते हैं अपनी प्यास। |
विल्हा गांव में तीन वर्ष पहले ग्राम सभा में यह निर्णय लिया गया था कि पानी का उपयोग कोई मशीन लगाकर नहीं करेगा, इस निर्णय को गांव के लोग आज भी मान रहे हैं। समाजसेवी दीपकदास सहित सभी चाहते हैं कि गांव पानीदार बने और किसानो को भरपूर खेती का पानी मिले। विश्व मजदूर दिवस पर आज लगभग 70 से 80 किसानों ने तलैया में पूजा अर्चना कर श्रमदान किया एवं तलैया गहरीकरण की सपथ ली। इस कार्य हेतु आज ही 28 परिवार ने 14050 रुपये एकत्र किया, अनुमान है कि 50 हजार से ज्यादा का जनसहयोग मिलगा। उपस्थिति किसानों में सुदामा पटेल, राजावाई पटेल, मंजूरानी,पंचम सिंह, छोटे ददी, रामस्वारूप सोनी, गीता पटेल, गुडडी बाई, विनीता, मलखान, चिरोजीलाल पटेल, छोटेलाल पटेल, रामकृपाल पटेल सहित बड़ी संख्या में किसान भाई मौजूद रहे। समर्थन के ब्लाक समन्वयक प्रदीप पिड़ीहा, शिवमन सोनी एवं ज्ञानेन्द्र तिवारी मौजूद रहे। किसानों ने कहा कि हम सब एकजुट होकर पानी रोकने के कार्य करके पानी भंडारण की क्षमता बढ़ायेंगे।
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