Monday, July 25, 2022

गैर परंपरागत ऊर्जा के प्रोत्साहन के लिए सरकार प्रयासरत: खनिज मंत्री

  • टाउन हॉल में बिजली महोत्सव का हुआ आयोजन
  • कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की दी प्रस्तुति 

खनिज साधन एवं श्रम मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए। 

पन्ना। देश के सर्वांगीण विकास में बिजली का बहुत बड़ा योगदान है। तरक्की के साथ-साथ नागरिकों को अक्षय और नवकरणीय ऊर्जा के उपयोग के लिए जागरूक होना चाहिए। गैर परंपरागत ऊर्जा स्त्रोतों को बढ़ावा और प्रोत्साहन के लिए सरकार भी प्रयासरत है। यह बात खनिज साधन एवं श्रम मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने सोमवार को स्थानीय टाउन हॉल में उज्जवल भारत-उज्जवल भविष्य के तहत आयोजित बिजली महोत्सव के कार्यक्रम पर कही।

उन्होंने कहा कि लोगों को बिजली की बचत के लिए भी जागरूक होना आवश्यक है। सरकार के सकारात्मक प्रयास से देश और प्रदेश में बिजली का उत्पादन बढ़ा है। सौभाग्य योजना के जरिए घर-घर और गांव-गांव बिजली पहुंचाई गई है। वर्तमान में गैर परंपरागत स्रोतों से बिजली का उत्पादन 5500 मेगावाट तक पहुंच गया है। उन्होंने गैर परंपरागत ऊर्जा के क्षेत्र में आगे बढ़ने का संकल्प दोहराया। इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए आयोजकों की सराहना भी की।

कलेक्टर संजय कुमार मिश्र ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव काल में बिजली महोत्सव का आयोजन गर्व की बात है। अक्षय ऊर्जा संसाधन का वैकल्पिक रूप में उपयोग करना समय की जरूरत है। बिजली उत्पादन और संरक्षण के प्रयासों से विकास को गति मिली है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली प्रदान करने के लिए विभाग कृत संकल्पित है। कलेक्टर ने नागरिकों से ऊर्जा साक्षरता अभियान से जुड़ने की अपील भी की। एनटीपीसी के उप महाप्रबंधक एस.डी.पी. पाण्डेय ने आयोजन की रूपरेखा से अवगत कराया।


कार्यक्रम के अवसर पर लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया गया और स्थानीय कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जागरूता का संदेश दिया गया। शुरूआत में मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री श्री सिंह ने दीप प्रज्जवलन और कन्या पूजन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके बाद अतिथियों का स्वागत किया गया। कलेक्टर श्री मिश्र ने कार्यक्रम के समापन पर कलाकारों को पुरस्कार का वितरण किया।

किलकिला फीडर परियोजना का भूमिपूजन

मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने जल संसाधन विभाग अंतर्गत किलकिला फीडर परियोजना के जीर्णोद्धार कार्य का भूमि पूजन किया। कार्य की लागत 589.12 लाख रूपए निर्धारित है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि घरों के व्यवस्थापन के बाद कार्य शुरू होगा। गत दिवस में नगर में पानी की समस्या के दौरान प्रशासन और नगर पालिका की टीम द्वारा नगरवासियों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए किए गए प्रयास की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि पुराने जल स्रोतों को पुर्नजीवित करने की आवश्यकता है। प्राचीन कुओं और बावड़ी की सुरक्षा और साफ-सफाई के निर्देश भी दिए। साथ ही खोरा बांध के निर्माण के लिए जरूरी प्रयास करने की बात भी कही।

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